भारतीय स्पिनर निभा सकते हैं अहम भूमिका
प्तान विराट कोहली ने शतक जमाकर भारत को खराब शुरुआत से उबारने में मदद की।
(सुनील गावस्कर का कॉलम)
कप्तान विराट कोहली ने शतक जमाकर भारत को खराब शुरुआत से उबारने में मदद की। बिल्कुल साधारण दिख रही पिच पर लंच से पहले भारतीय बल्लेबाजों ने सुस्ती दिखाई। लग ही नहीं रहा था कि यह वही टीम है, जिसे आक्रामकता के लिए जाना जाने लगा है। धवन और पुजारा ऐसे खेल रहे थे, जैसे मानो पिच कभी भी फट सकती है। अच्छी बात यह रही कि धवन लंच से पहले थोड़े से चुस्त दिखे और कुछ अच्छे शॉट खेले।
दुनिया की अधिकतर टीमों में जेसन होल्डर को ओपनिंग गेंदबाज के तौर पर जगह बनाने में संघर्ष करना पड़ सकता है, लेकिन यहां वह वेस्ट इंडीज टीम के कप्तान हैं। शैनॉन गैब्रियल के पास थोड़ी गति है, लेकिन दो ओवर के बाद ही उन्हें खेलना आसान हो गया था। ऑफ स्पिनर रोस्टन चेस अच्छे गेंदबाज हैं और देवेंद्र बिशू को सावधानी से खेलने की जरूरत थी। उन्होंने अच्छी लाइन से गेंदबाजी की और अधिकतर मौकों पर सटीक रहे। उन्हें कप्तान होल्डर ने लंच के बाद मैदान में उतारा और उन्होंने पहले ही ओवर में पुजारा का विकेट हासिल कर लिया। उन्हें वैसा स्पैल नहीं मिला, जैसा कि एक लेग स्पिनर को मिलना चाहिए। उसके बाद उन्होंने धवन को भी चाय से ठीक पहले आउट किया और रहाणे जिस ढंग से आउट हुए, उसके लिए खुद को जरूर कोस रहे होंगे।
दूसरी तरफ ऐसा लग रहा था कि कोहली बिल्कुल ही अलग पिच पर खेल रहे हैं। एक बार भी वह मुश्किल में नहीं दिखे और समय के साथ शतक बनना तय था। उन्होंने शिखर धवन को अतिरिक्त दौड़ने के लिए मजबूर किया, जिससे धवन को भी फायदा हुआ। धवन का सावधानी बरतना समझ में आता है। जब भी कोई दूसरा बल्लेबाज रन बनाता है, उनकी जगह खतरे में पड़ जाती है। इसलिए उन्होंने कोई जोखिम नहीं लिया और कड़ी मेहनत कर के रन बनाए। कप्तान कोहली के क्रीज पर आने के बाद ही वह थोड़ा खुलकर खेले। दुर्भाग्य से वह शतक पूरा नहीं कर पाए, लेकिन उन्होंने अपनी भूमिका को सही ढंग से निभाया। उन्होंने पुजारा के साथ मिलकर टीम को मजबूत शुरुआत दी।
बल्लेबाजी क्रम में ऊपर भेजे गए अश्विन ने अपना काम बखूबी किया। उनकी जिम्मेदारी अपने कप्तान को ज्यादा से ज्यादा स्ट्राइक देने की थी। वेस्ट इंडीज जल्द ही दूसरी नई गेंद लेगा, लेकिन कोहली की बल्लेबाजी को देखते हुए यही कहूंगा कि इससे रन बनाने की रफ्तार को तेजी ही मिलेगी। पहला दिन जिस ढंग से खत्म हुआ, उससे भारतीय जरूर खुश होंगे। मेजबान टीम पर दबाव बनाने के लिए वे अच्छी स्थिति में हैं। दिन के अंत में जो संकेत मिले हैं, उससे तो यही कहा जा सकता है कि भारतीय स्पिनर निर्णायक भूमिका निभा सकते हैं। (पीएमजी)