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भारतीय बल्लेबाज चेतेश्वर पुजारा ने पहले टेस्ट में दोनों टीमों के बीच पैदा किया अंतर

दोनों टीमों के बीच चेतेश्वर पुजारा ने अंतर पैदा किया जो एडिलेड में कई वजहों से प्रशंसनीय रहे।

By Sanjay SavernEdited By: Published: Mon, 10 Dec 2018 07:20 PM (IST)Updated: Mon, 10 Dec 2018 07:20 PM (IST)
भारतीय बल्लेबाज चेतेश्वर पुजारा ने पहले टेस्ट में दोनों टीमों के बीच पैदा किया अंतर
भारतीय बल्लेबाज चेतेश्वर पुजारा ने पहले टेस्ट में दोनों टीमों के बीच पैदा किया अंतर

वीवीएस लक्ष्मण का कॉलम

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भारत ने अपनी दावेदारी को बरकरार रखते हुए सीरीज की शुरुआत की है जहां उसे एक सतही और धीमी विकेट पर 31 रनों से जीत मिली जो मेरे हिसाब से मुश्किल था। हालांकि मेरे हिसाब से यह संपूर्ण प्रदर्शन नहीं है लेकिन पहले टेस्ट में भारत की जीत के बाद अब ऑस्ट्रेलिया की मुश्किलें बढ़ जाएंगी। ऑस्ट्रेलिया की गुणवत्ता में कमी साफ नजर आई जिसके कई कारण भी थे। वे सीरीज में 0-1 से पिछड़ गए हैं जिससे अब मेजबानों पर दबाव बढ़ेगा। उधर दुनिया की नंबर एक टेस्ट टीम के आगे बढ़ने के लिए दरवाजे खुले हुए हैं। दिग्गज टीमें विरोधी टीम पर ध्यान लगाने के बजाय खुद में झांकती हैं और यही विराट कोहली और रवि शास्त्री ने अपने खिलाडि़यों को बताया होगा।

दोनों टीमों के बीच चेतेश्वर पुजारा ने अंतर पैदा किया जो एडिलेड में कई वजहों से प्रशंसनीय रहे। विकेटों के पतझड़ के बीच उन्होंने पहले दिन जिस तरह से गेंदों छोड़ी और ड्राइव लगाए, वह मुझे काफी पसंद आया। उन्होंने स्कॉयर पर खेलने पर ध्यान लगाया जिसकी वजह से उन्होंने दबाव को कम किया। मैंने रविचंद्रन अश्विन का विकेट गिरने के बाद स्ट्राइक को लेकर उनके जज्बे को देखा। उन्होंने निचले क्रम के बल्लेबाजों को स्ट्राइक से दूर रखा और अपर कट व पुल जैसे शॉट खेले, जो उनकी शैली से बिलकुल अलग थे। इससे साफ पता चलता है कि ऑस्ट्रेलिया आने से पहले उन्होंने रणनीतियां बनाई थीं और उसके हिसाब से तैयारियां की थीं।

नाथन लियोन के खिलाफ मैंने उनकी चतुर प्रतिभा का आनंद उठाया। वह खुरदुरी विकेट पर लगातार अपने पैर का इस्तेमाल करके उनके डर को खत्म कर रहे थे। हालांकि वह हर बार स्ट्रोक नहीं खेल रहे थे। लियोन की लय बिगाड़ने के बाद पुजारा ने कुछ अलग तरीके से रन बनाने की संभावना तलाशनी शुरू कर दी। इस दौरान उन्होंने बैकफुट पर रन बनाए। उन्होंने दिखाया कि प्रतिबद्धता, अमल और ड्राइव क्या चमत्कार हासिल कर सकते हैं। मुझे यकीन है कि पहले दिन असाधारण शॉट खेलने वाले उनके साथी इससे सीख लेंगे।

गेंदबाजी और विशेष रूप से तेज गेंदबाजों की जितनी भी प्रशंसा की जाए कम है। पांचवें दिन विकेट पर उनके लिए कुछ भी नहीं था, लेकिन उन्होंने निरंतर अपना अनुशासन दिखाया जो उनका सबसे बड़ा प्लस प्वाइंट था। इतने लंबे स्पैल तक अपनी रणनीतियों पर बने रहकर उन्होंने अपनी शारीरिक फिटनेस का उच्चतम प्रदर्शन भी किया। इससे उन्हें मानसिक रूप से ताजा रहने की मदद भी मिली। मैं इस भारतीय टीम को पर्थ में खेलते देखने का बेसब्री से इंतजार कर रहा हूं, जहां उसके पास आत्मविश्वास के साथ अपना शिकंजा और कसने का अवसर है।

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