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टेस्ट के बाद वनडे सीरीज जीतकर भारत के पास गोल्डन डबल पूरा करने का मौका

विराट की टीम पहले ही ऑस्ट्रेलिया में टेस्ट सीरीज जीतकर इतिहास रच चुकी है। उनके पास टेस्ट और वनडे सीरीज जीतकर गोल्डन डबल पूरा करने का मौका है।

By Sanjay SavernEdited By: Published: Thu, 17 Jan 2019 08:04 PM (IST)Updated: Thu, 17 Jan 2019 08:04 PM (IST)
टेस्ट के बाद वनडे सीरीज जीतकर भारत के पास गोल्डन डबल पूरा करने का मौका
टेस्ट के बाद वनडे सीरीज जीतकर भारत के पास गोल्डन डबल पूरा करने का मौका

जैफ थॉमसन का कॉलम :

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एडिलेड में लक्ष्य हासिल करने से विश्व कप के लिए भारतीय टीम का आत्मविश्वास बढ़ेगा और शुक्रवार को मेलबर्न में होने वाले वनडे मैच को जीतने के लिए उनकी भूख भी बढ़ेगी। कोहली और उनकी टीम पहले ही ऑस्ट्रेलिया में टेस्ट सीरीज जीतकर इतिहास रच चुकी है। उनके पास टेस्ट और वनडे सीरीज जीतकर गोल्डन डबल पूरा करने का मौका है। यह नहीं भूलना चाहिए कि भारतीय टीम ने टी-20 सीरीज 1-1 से ड्रॉ कराई थी। अब उनके पास यह सीरीज जीतने का सुनहरा मौका है। इसक मतलब है कि लंबे ऑस्ट्रेलियाई दौरे से सभी प्रारूपों में बिना कोई सीरीज गंवाए घर लौटने का एक बड़ा मौका है। इतिहास में कितनी टीमें ऐसा करने में कामयाब रही हैं। मुझे नहीं लगता कि भारत यह अवसर फिसलने देगा।

मैं जानता हूं कि कई लोग अब भी एडिलेड में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 299 रन का अच्छे से पीछा करने पर भारतीय टीम के बारे में बात कर रहे हैं लेकिन मैं भारतीय गेंदबाजों से प्रभावित हुआ जिन्होंने अंतिम ओवरों में वापसी करते हुए मेजबान टीम को 300 के स्कोर से नीचे रोक दिया। दूसरे वनडे में 45 ओवरों के बाद ऑस्ट्रेलियाई टीम मजबूत स्थिति में दिखाई दे रही थी और लग रहा था कि स्कोर 325 तक पहुंचेगा, लेकिन भारतीय गेंदबाजी आक्रमण ने एक बार फिर शानदार तरीके से अपना काम किया। उन्होंने अच्छी गेंद पर विकेट हासिल किए। हमें यह भी नहीं भूलना चाहिए कि वे बल्लेबाजी के अनुकूल विकेट पर गर्म परिस्थितियों में पहले गेंदबाजी कर रहे थे।

जसप्रीत बुमराह की अनुपस्थिति में, भुवनेश्वर कुमार एडिलेड के महत्वपूर्ण मैच में भारतीय गेंदबाजी आक्रमण की अगुआई कर रहे थे। भुवनेश्वर ने 48वें ओवर में मैक्सवेल और मार्श का विकेट निकालकर ऑस्ट्रेलिया को 300 के पार नहीं जाने दिया और मुझे लगता है कि मेजबानों के स्कोर में 20 रन कम रह गए। लक्ष्य का पीछा करते हुए 299 का लक्ष्य आसान नहीं होता। पहले वनडे के बाद भारतीय बल्लेबाजों के प्रदर्शन में भी सुधार आया। कप्तान विराट कोहली को एडिलेड में रोकने के लिए अलग तरह का क्षेत्ररक्षण लगाया गया था, लेकिन उन पर इसका कोई प्रभाव नहीं पड़ा। उनके शतक की मदद से भारत ने सफलतापूर्वक लक्ष्य का पीछा किया। लक्ष्य का पीछा करते हुए उनका रिकॉर्ड शानदार रहा है। धौनी को एक बार फिर से फिनिशर के रूप में देखने से भारतीय प्रशंसकों को राहत मिली होगी। मुझे लगता है कि उन्होंने एडिलेड में अच्छी बल्लेबाजी की और अर्धशतक लगाया।

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