दिल्ली में क्लीनस्वीप करने का बेहतरीन मौका
[वीवीएस लक्ष्मण का कॉलम] मोहाली टेस्ट के अंतिम दिन जब भारतीय टीम लक्ष्य का पीछा कर रही थी तो थोड़ी उत्सुकता जरूर थी, लेकिन नतीजे को लेकर कोई संदेह नहीं था। भारत ने पूरे मैच में नियंत्रण बनाए रखा।
[वीवीएस लक्ष्मण का कॉलम] मोहाली टेस्ट के अंतिम दिन जब भारतीय टीम लक्ष्य का पीछा कर रही थी तो थोड़ी उत्सुकता जरूर थी, लेकिन नतीजे को लेकर कोई संदेह नहीं था। भारत ने पूरे मैच में नियंत्रण बनाए रखा।
दूसरे सत्र में ऑस्ट्रेलिया ने अच्छा प्रदर्शन कर भारतीय खिलाडि़यों को परेशान किया और उनके सामने करीब 37 ओवरों में 130 रनों से ज्यादा का लक्ष्य रखा। अंगुली में चोट के कारण दूसरी पारी में नहीं उतर सके शिखर धवन के बिना भी यह लक्ष्य ज्यादा चुनौतीपूर्ण नहीं था क्योंकि अंतिम दिन होने के बावजूद भी पिच बल्लेबाजी के मुफीद थी। ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ भारत ने पहली बार किसी सीरीज में पूरा दबदबा बनाते हुए तीन टेस्ट जीते हैं। अब भारत के पास सीरीज को 4-0 से जीतने और बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी पर दिल्ली में स्टाइल से कब्जाने का बेहतरीन मौका है। यह ऑस्ट्रेलिया में पिछले साल 0-4 से हार का बदला लेने जैसा होगा। लक्ष्य का पीछा करते हुए मुरली और पुजारा ने भारत को अच्छी शुरुआत दिलाई, लेकिन तेजी से रन बनाने के चक्कर में मुरली आउट हो गए। इसके बाद पुजारा और कोहली ने संघर्ष जारी रखा, लेकिन पूरा श्रेय ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाजों को देना होगा। खासतौर से सिडल और स्टार्क ने अच्छी लाइन-लेंथ से गेंदबाजी कर मैच को रोमांचक बना दिया। सचिन के रन आउट होने के बाद भारतीय टीम पर बहुत दबाव आ गया। ऑस्ट्रेलिया को वापसी करते देख अच्छा लगा, लेकिन दबाव में जडेजा और धौनी ने 15 गेंदें शेष रहते हुए भारत को छह विकेट से जीत दिला दी।
वहीं ऑस्ट्रेलिया की दूसरी पारी में भुवनेश्वर का पहला स्पेल शानदार रहा। उन्होंने इस सीरीज में दो टेस्ट खेले हैं और दूसरी बार शीर्ष क्रम के तीन बल्लेबाजों को आउट किया। भुवनेश्वर ने जिस गेंद पर स्टीव स्मिथ को आउट किया वह मेरे लिए मैच की सर्वश्रेष्ठ गेंद थी। भुवनेश्वर का भविष्य उज्जवल है खासतौर से विदेशों में जहां उन्हें ज्यादा मददगार पिचें मिलेंगी। [360 कार्पोरेट रिलेशंस]
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