गावस्कर ने क्यों कहा, विराट कोहली को रन बनाने से रोक सकते हैं रोहित और धवन
विंडीज टीम अचानक से खुद की काबिलियत को नहीं पहचानती है, तो यह भी एकतरफा सीरीज ही होने वाली है।
(सुनील गावस्कर का कॉलम)
टेस्ट सीरीज तो बहुत ही साधारण रही और दूसरे टेस्ट के तीसरे दिन के सुबह का खेल छोड़ दिया जाए तो भारतीयों को सीरीज में दबाव नहीं झेलना पड़ा। वे हमेशा ही आगे बढ़ते रहे। व्यक्तिगत विफलता की भरपाई टीम प्रयास ने कर दी और कभी बेहद मजबूत मानी जाने वाली विंडीज टीम कहीं भी ठहर नहीं पाई। इससे पहले कि भारतीय खुशी मनाए, उन्हें 1960 के दशक का वो समय भी याद कर लेना चाहिए जब उनकी टीमें भी विंडीज के हाथों तीन ही दिन में इसी अंतर से हार जाया करती थी।
वेस्टइंडीज़ के पास वनडे में हैं ज़्यादा मौके
सीमित ओवरों के क्रिकेट में विंडीज टीम के पास ज्यादा मौका है, लेकिन एक बार फिर उनके सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी या तो घर पर हैं या फिर दुनिया के किसी कोने में किसी फ्रेंचाइजी क्रिकेट में खेल रहे हैं। यह एक ऐसा मुद्दा है, जिस पर विश्व क्रिकेट को ध्यान देना चाहिए। विंडीज क्रिकेट का स्टाइल इस खेल में जितना रोमांच भर सकता है, उतना कोई और नहीं कर सकता।
जीत की लय बरकरार रखना चाहेगा भारत
निश्चित तौर पर भारत मौजूदा टीम के साथ ही खेल सकती है और वे अपनी जीत की लय को बरकरार रखना चाहेंगे। बल्लेबाजों के लिए आक्रामक शुरुआत दिलाना, बीच के ओवरों में रन रेट को बनाए रखना और आखिरी 10 ओवरों में इसे दोगुना करना एक अभ्यास है। गेंदबाजों के लिए भी जल्दी विकेट चटकाना, बीच के ओवरों में रन रोकना और अंतिम ओवरों में विकेट लेकर रनों को रोकना भी उनके लिए एक अच्छा अभ्यास साबित होगा।
कोहली को रन बनाने से रोक सकते हैं रोहित और शिखर!
भारत के लिए नई गेंद से गेंदबाजी करने वालों में दूसरी लाइन के गेंदबाजों के लिए अपने सीनियर गेंदबाजों पर दबाव डालने का यह एक अच्छा मौका है। भारतीय कप्तान के लिए यह उन शतकों की भरपाई करने का अच्छा मौका है, जो एशिया कप में आराम करने की वजह से रह गए थे। हालांकि ऐसा तभी हो सकता है जब रोहित शर्मा और शिखर धवन उन्हें खेलने के लिए पर्याप्त ओवर दें।
अगर विंडीज टीम अचानक से खुद की काबिलियत को नहीं पहचानती है, तो यह भी एकतरफा सीरीज ही होने वाली है। मगर टेस्ट सीरीज में उन्हें देखकर तो ऐसा होना कैरेबियाई द्वीप में बर्फ ढूंढने जैसा है।