Ind vs WI: दूसरे वनडे मैच में भी होगी रनों की बरसात, गांगुली ने कहा इन दोनों से बचे विंडीज़
गुवाहाटी में 300 से ज्यादा रन स्कोरबोर्ड पर टंगने के बाद विंडीज ने उम्मीद की होगी कि भारतीयों के लिए वापसी करना मुश्किल होगा।
(सौरव गांगुली का कॉलम)
गुवाहाटी में रोहित-विराट का शो देखने को मिला और मुझे यकीन है कि वेस्टइंडीज के खिलाफ ज्यादातर मैचों में इसी तरह का कुछ कम या ज्यादा प्रदर्शन देखने को मिलेगा। जिस तरह की गेंदों का उन्हें सामना करना है उसे ध्यान में रखते हुए भारतीय बल्लेबाज मेहमानों के खिलाफ जहां भी खेलेंगे आक्रामक शॉटों से भरी बल्लेबाजी करेंगे। वाइजैग में एक बार फिर रनों का अंबार लगना चाहिए।
गुवाहाटी में 300 से ज्यादा रन स्कोरबोर्ड पर टंगने के बाद विंडीज ने उम्मीद की होगी कि भारतीयों के लिए वापसी करना मुश्किल होगा। खासतौर से शिखर धवन के जल्दी आउट होने के बाद, लेकिन विराट के दिमाग में कुछ और ही चल रहा था। खेल आगे बढ़ने के साथ ऐसा लग रहा था कि वह ऐसे बल्लेबाजी कर रहे थे जैसे कि एक दिन पहले से ही वह क्रीज पर हों। उनके कुछ शॉट तो सांसे रोक देने वाले थे और उन्होंने जिस तरह की शुरुआत की उसे रोहित ने आगे बढ़ाया। दोनों ने मिलकर विरोधी गेंदबाजी की बखिया उधेड़ कर रख दीं। बल्लेबाजी के लिए अच्छी पिच पर दुनिया के दो सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाजों ने जिस तरह के शॉट खेले वह ना सिर्फ आंखों को खुशी देने वाले थे, बल्कि किसी भी क्रिकेट विशेषज्ञ को आनंदित करने वाले भी थे।
विरोधी गेंदबाज अपनी खराब गेंदबाजी में कुछ सुधार कर सकते हैं, लेकिन उन्हें यह याद रखने के जरूरत है कि विराट और रोहित ने जिस तरह का खेल दिखाया वह सिर्फ उनकी प्रतिभा की झलक है। यह क्रिकेट जगत के किसी भी गेंदबाजी आक्रमण के लिए एक खतरा है। साथ ही यह समय है कि चयनकर्ता रोहित को टेस्ट में भी मौका दें। वह अपने सर्वश्रेष्ठ दौर में हैं और मानसिक रूप से काफी मजबूत नजर आते हैं। अपना दिन होने पर ये दोनों बल्लेबाज अकेले दम पर मैच को बहुत दूर ले जा सकते हैं।
विराट और रोहित के वर्चस्व ने अन्य बल्लेबाजों के करने के लिए ज्यादा कुछ नहीं छोड़ा। रायुडू भारत के लिए नंबर चार के नए बल्लेबाज हैं और यह देखना दिलचस्प होगा कि वह अपने आप को उस तरह कैसे ढालेंगे, जैसी टीम प्रबंधन को जरूरत है। 2019 विश्व कप के लिए अभी भी कुछ समय है और मुझे लगता है कि अभी भी कुछ खिलाड़ियों को परखना जरूरी हैं। लोकेश राहुल उनमें से एक हैं।
इविन लुइस, कीरोन पोलार्ड, डेरेन ब्रावो और आंद्रे रसेल विंडीज वनडे टीम को हिस्सा क्यों नहीं हैं। शिमरोन हेटमायर बेहतर नजर आए, लेकिन इस टीम में ये खिलाड़ी भी शामिल होते तो यह एक खतरनाक टीम नजर आती। यह कैसे संभव है कि वे सिर्फ टी-20 के लिए बेहतर हैं और 50 ओवर के लिए नहीं। हालांकि, इन सवालों का जवाब सिर्फ चयनकर्ता दे सकते हैं।