चौतरफा आलोचना झेल रहे कोहली को मिला ज़हीर खान का साथ, पूर्व तेज़ गेंदबाज़ ने कही ये बात
एलन बॉर्डर, माइक हसी, मिशेल जॉनसन और यहां तक भारत के संजय मांजरेकर ने कोहली के मैदानी व्यवहार पर नाराजगी जताई।
नई दिल्ली, पीटीआइ। पूर्व भारतीय तेज गेंदबाज जहीर खान और प्रवीण कुमार ने अपने मैदानी व्यवहार के कारण ऑस्ट्रेलियाई दिग्गजों की आलोचना झेल रहे भारतीय कप्तान विराट कोहली का बचाव करते हुए बुधवार को कहा कि वह जैसे हैं उन्हें वैसा ही रहना चाहिए।
एलन बॉर्डर, माइक हसी, मिशेल जॉनसन और यहां तक भारत के संजय मांजरेकर ने कोहली के मैदानी व्यवहार पर नाराजगी जताई।
जहीर ने कहा, ‘मैं यही कहूंगा कि विराट को जो सबसे अच्छा लगता है वे उस पर कायम रहें। आपको जिसमें सफलता मिलती है वे उस पर कायम रहें। आपको सफलता के अपने फार्मूले से नहीं हटना चाहिए। यह मायने नहीं रखता कि बाकी क्या कह रहे हैं। ऑस्ट्रेलिया में श्रृंखला हमेशा इस तरह से कड़ी होती है।’
आपको बता दें कि पर्थ टेस्ट मैच के दौरान भारतीय कप्तान कोहली और उनके ऑस्ट्रेलियाई समकक्ष पेन को मैदान पर कई मौकों पर बहस करते हुए देखा गया और इस दौरान एक समय तो वे शारीरिक संपर्क के बेहद करीब पहुंच गए थे। इसके अलावा विराट कोहली की आक्रामकता को लेकर भी उन्हें चौतरफा आलोचना झेलनी पड़ी रही है।
यहां तक कि ऑस्ट्रेलिया के पूर्व तेज गेंदबाज मिचेल जॉनसन ने भारतीय कप्तान विराट कोहली को निशाना बनाते हुए दूसरे टेस्ट के दौरान उनके बर्ताव को ‘अपमानजनक’ और ‘मूर्खतापूर्ण’ बता दिया था। कोहली और टिम पेन के बीच हुई इस शब्दिक जंग में एक समय अंपायर क्रिस गफाने को भी तनाव कम करने के लिए हस्तक्षेप करना पड़ा था।
कोहली को न सिर्फ पूर्व ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ियों से आलोचना झेलनी पड़ रही है बल्कि भारत के पूर्व खिलाड़ी भी उनकी आक्रामकता को लेकर बोल रहे हैं। पूर्व भारतीय कप्तान सुनील गावस्कर ने कोहली के आक्रामक होने पर कहा कि, आक्रामकता और शब्दिक जंग से क्रिकेट खेलना भारत का नहीं बल्कि ऑस्ट्रेलिया का तरीका है।
हालांकि अब कोहली को ज़हीर खान का साथ मिला है और उनके साथ साथ भारतीय कप्तान को प्रवीण कुमार का भी समर्थन मिला है।
प्रवीण ने कहा, ‘कोहली अंडर-16, अंडर-19 और रणजी ट्राफी स्तर से ही आक्रामकता के साथ खेलता रहा है। अगर वह भारत की तरफ से खेलते हुए वही आक्रामकता दिखा रहा है तो यह क्या मुद्दा है। मैंने उसके साथ काफी क्रिकेट खेली है और मैं कह सकता हूं कि वह आक्रामकता के बिना अपनी सर्वश्रेष्ठ क्रिकेट नहीं खेल सकता।’