Move to Jagran APP

'वनडे सीरीज में बुमराह की गैरमौजूदगी में दूसरों को निखरने का मौका मिलेगा'

अब से विश्व कप के बीच होने वाले कुल 13 वनडे अहम होंगे और यह भी सुनिश्चित करना होगा कि हर कोई तरोताजा होकर और फॉर्म के साथ उस महाआयोजन में शामिल हो।

By Sanjay SavernEdited By: Published: Fri, 11 Jan 2019 09:42 PM (IST)Updated: Fri, 11 Jan 2019 09:42 PM (IST)
'वनडे सीरीज में बुमराह की गैरमौजूदगी में दूसरों को निखरने का मौका मिलेगा'
'वनडे सीरीज में बुमराह की गैरमौजूदगी में दूसरों को निखरने का मौका मिलेगा'

लक्ष्मण का कॉलम :

loksabha election banner

टेस्ट सीरीज की शानदार जीत के बाद अब टीम इंडिया के लिए समय सफेद गेंद की क्रिकेट पर ध्यान केंद्रीत करने का है। अब से विश्व कप के बीच होने वाले कुल 13 वनडे अहम होंगे और यह भी सुनिश्चित करना होगा कि हर कोई तरोताजा होकर और फॉर्म के साथ उस महाआयोजन में शामिल हो।

ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ उसके घर में और अपने घर में और न्यूजीलैंड के खिलाफ उसके घर में जो कड़ी चुनौतियां मिलेंगी उनका भारत को स्वागत करना चाहिए क्योंकि वे अंतिम चरण की तैयारी में पहुंच चुके हैं। स्पष्ट रूप से ध्यान शिखर, रोहित और विराट जैसे शीर्ष तीन बल्लेबाजों पर होगा, लेकिन जब बारी मध्य क्रम के बल्लेबाजों की आएगी तब मैं उत्सुकता के साथ किस्मत का अनुसरण करूंगा। लगता है कि रायुडू ने वेस्टइंडीज के खिलाफ घरेलू सीरीज के बाद नंबर चार पर अपना कब्जा जमा लिया है, लेकिन मध्य क्रम में मौजूद अन्य बल्लेबाजों को ना सिर्फ रन बनाना होगा, बल्कि मैच भी जिताने होंगे। टीम के विशेषज्ञ दल द्वारा इस बात पर ज्यादा ध्यान केंद्रीत किया जाएगा कि पहले बल्लेबाजी करते हुए और लक्ष्य का पीछा करते हुए कैसे पारी को समाप्त किया जाए।

हालांकि मेरे लिए ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड में सीरीज का मुख्य आकर्षण यह होगा कि जसप्रीत बुमराह की गैरमौजूदगी में भारत का गेंदबाजी आक्रमण कैसा रहता है। अपनी सबसे मुख्य ताकत को दिए गए उचित आराम के साथ यह देखना दिलचस्प होगा कि भारत किस संयोजन के साथ खेलता है। विराट के पास तेज गेंदबाजी में भुवनेश्वर कुमार जैसे कई विकल्प मौजूद हैं। भुवनेश्वर करीब दो महीने से क्रिकेट से दूर रहे हैं, लेकिन विराट की सोच वाली लाइन-अप को वह मजबूत बनाएंगे। एक भावना यह भी है कि गेंदबाजी में भारतीय टीम नई और पुरानी दोनों तरह की गेंदों से बुमराह पर निर्भर है। यह भुवी, शमी और खलील अहमद के लिए एक शानदार मौका है, यह दिखाने के लिए कि उनके पास भी बहुत कुछ है।

ऑस्ट्रेलिया के बड़े मैदान भारत को अपने कलाई के दोनों स्पिनरों कुलदीप और चहल को एक साथ उतारने के लिए काफी लुभा सकते हैं, लेकिन बड़ी तस्वीर विश्व कप की है। इंग्लैंड में मैदान बहुत बड़े नहीं हैं, इसलिए भारत दीर्घकालिक परिणामों को ध्यान में अपने आक्रमण को संतुलित करेगा। जब तक ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ घरेलू वनडे सीरीज आएगी, तब तक भारत को अपने अंतिम-15 खिलाड़ी तैयार कर लेने चाहिए।

ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ घरेलू सीरीज और विश्व कप के बीच में फंसे आइपीएल के बावजूद बाकी बचे 13 मैचों में से ज्यादातर में जीत से टीम को इंग्लैंड में फॉर्म और आत्मविश्वास के साथ जाने में मदद करनी चाहिए। इस तरह 50-ओवर के क्रिकेट के दृष्टिकोण से अगले दो महीने काफी अहम होंगे।

क्रिकेट की खबरों के लिए यहां क्लिक करें


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.