IND vs SA: मार्कराम को वनडे टीम की कप्तान बनाने पर भड़के पूर्व कप्तान स्मिथ
पूर्व कप्तान का मानना है कि अभी मार्करम को थोड़ा समय उनके खेल को डेवलप करने के लिये दिया जाना चाहिए था।
नई दिल्ली, एजेंसी। दक्षिण अफ्रीका दौरे पर गयी भारतीय टीम ने मेजबान टीम को वनडे सीरीज में शर्मानाक तरीके से हराया। इस हार के बाद दक्षिण अफ्रीका के पूर्व कप्तान ग्रीम स्मिथ ने मौजूदा कप्तान एडेन मार्करम पर जमकर हमला बोला है। स्मिथ ने कहा, भारत के खिलाफ वनडे सीरीज के लिये मार्करम का कप्तान चुना जाना एकदम गलत फैसला था।
पूर्व कप्तान का मानना है कि अभी मार्करम को थोड़ा समय उनके खेल को डेवलप करने के लिये दिया जाना चाहिए था। छह मैचों की वनडे सीरीज में भारत ने मेजबान टीम को 5-1 से शिकस्त दी। स्मिथ ने कहा कि दक्षिण अफ्रीका के खिलाड़ियों के घायल होने से मार्कराम को अचानक टीम की कमान दे दी गयी जिससे टीम वनडे सीरीज में अच्छा प्रदर्शन नहीं कर सकी।
दक्षिण अफ्रीका के इस पूर्व कप्तान ने मार्कराम को कप्तान बनाए जाने के फैसले पर सवाल खड़ा करते हुए कहा, ‘यह फैसला सही नहीं था मार्करम को अचानक इस जिम्मेदारी के आगे नहीं धकेलना चाहिए था। उन्हें एक खिलाड़ी के तौर पर विकसित होने का मौका मिलना चाहिए था और जब वह एक शक्तिशाली खिलाड़ी बन जाते तब, यह जिम्मेदारी उन्हें दी जा सकती थी।’ स्मिथ के मुताबिक, इस सीरीज में मौजूदा खिलाड़ियों में से हाशिम अमला, एबी डिविलियर्स और जेपी डुमिनी का चयन सही होता क्योंकि इससे मौजूदा सीरीज में मार्कराम जैसे नवोदित खिलाड़ी को जमने का अवसर मिलता।
हालांकि अगर उम्र और अनुभव की बात करें तो पूर्व कप्तान स्मिथ को भी मात्र 22 साल की उम्र में कप्तानी मिल गई थी जबकि मार्कराम 23 के हैं और मात्र दो मैचों के अनुभव के बाद ही उन्हें टीम की कमान मिल गयी। आपको बता दें कि साल 2003 के विश्वकप में दक्षिण अफ्रीका के खराब प्रदर्शन के बाद शॉन पोलाक की जगह अचानक ग्रीम स्मिथ को टीम की कमान सौंप दी गयी थी लेकिन वहां स्मिथ ने खुद को एक खिलाड़ी और एक सफल कप्तान के तौर पर साबित किया इतना ही नहीं बल्कि वो दक्षिण अफ्रीका के सबसे सफल कप्तान बनकर उभरे। और दूसरी तरफ अगर मार्कराम की बात की जाए तो उन्होंने बतौर कप्तान छह मैचों की सीरीज में कुल 127 रन बनाए इस दौरान उनका बल्लेबाजी औसत लगभग 21 रहा। इस सीरीज में उनका उच्चतम स्कोर 32 रन था।
स्मिथ ने आगे कहा, ‘कप्तानी के बारे में लोग मेरी बात करते हैं क्योंकि मुझे भी काफी कम उम्र में यह जिम्मेदारी मिली थी। पहले मैने सोचा था कि ये थोड़े समय के लिये हैं लेकिन मेरी कप्तानी निरंतर बनी रही। कम उम्र में भी कप्तानी मिलने पर मैने दबाव नहीं महसूस किया और खुद को साबित किया। यहां मार्कराम के साथ उलटा हो गया एक अहम सीरीज में अचानक कप्तान बनाए जाने पर न तो उनके अपने खेल में सुधार आया और ना ही वो टीम को संभाल पाये। इससे उनका इच्छाशक्ति कम हुई और नतीजा सबके सामने आया। दक्षिण अफ्रीका अपने ही घर में 5-1 से वनडे सीरीज हार गयी।