लड़कर हारते तो बुरा नहीं लगता: गांगुली
ओवल में शर्मनाक हार के साथ भारत के लिए टेस्ट सीरीज का निराशाजनक अंत हुआ। सभी प्रशंसकों और मेरे लिए यह काफी दुखदायी रहा। खेल
(गांगुली का कॉलम)
ओवल में शर्मनाक हार के साथ भारत के लिए टेस्ट सीरीज का निराशाजनक अंत हुआ। सभी प्रशंसकों और मेरे लिए यह काफी दुखदायी रहा। खेल में हार-जीत लगी रहती है, लेकिन अगर खेल में टक्कर या प्रतिस्पर्धा हो तो हार स्वीकार की जा सकती है, लेकिन पिछले तीन मैचों में भारतीय टीम ने जिस तरह से प्रदर्शन किया वह काफी निराश करने वाला रहा। निश्चित तौर पर इससे खिलाड़ी भी काफी दुखी होंगे।
इसमें कोई शक नहीं कि टीम में विराट कोहली, चेतेश्वर पुजारा और अजिंक्य रहाणे जैसे कई प्रतिभावान खिलाड़ी हैं, लेकिन जैसे-जैसे दौरा आगे बढ़ा इनका आत्मविश्वास खोता गया और यही इनके फ्लॉप होने का मुख्य कारण रहा। पांच टेस्ट मैचों की सीरीज में भारतीय बल्लेबाजों के पास खुद को साबित करने का काफी समय था, लेकिन खराब स्कोर, इंग्लिश गेंदबाजों की अच्छी बल्लेबाजी और इंग्लैंड के बल्लेबाजों द्वारा पहली पारी में बड़े स्कोर ने इनके लिए स्थितियां काफी मुश्किल कर दीं।
सीरीज के बाद भारतीय बल्लेबाजों की काफी आलोचना हो रही है, लेकिन हमें उन्हें कुछ समय देना होगा। वह अभी युवा हैं और अपने करियर के शुरुआती दौर में हैं, लेकिन उन्हें भी इस दौरे से सबक लेकर यह सुनिश्चित करना होगा कि वह बेहतर खिलाड़ी बनकर उभरेंगे। कप्तान महेंद्र सिंह धौनी को भी खुद को उठाना होगा। सीरीज में उनका प्रदर्शन बेहतर रहा, लेकिन विदेश में उनकी कप्तानी में कोई सुधार नहीं हुआ। मुझे लगता है कि उन्हें अपनी रणनीति में काफी सुधार करने की आवश्यकता है।