कई यादगार मुकाबलों का गवाह रहा है चेपक
[वीवीएस लक्ष्मण का कॉलम]इस अहम सीरीज का पहला टेस्ट चेन्नई में खेला जाएगा। यहां का चेपक स्टेडियम कई यादगार मुकाबलों का गवाह रहा है और ज्यादातर मुकाबले भारत-ऑस्ट्रेलिया के बीच रहे हैं लेकिन 2008 में इंग्लैंड के खिलाफ खेला गया मैच मेरा पसंदीदा मुकाबला है। इस मैच में सचिन और युवराज ने शानदार साझेदारी की थी और हमने करीब 400 रनों का लक्ष्य हासिल किया था।
[वीवीएस लक्ष्मण का कॉलम] इस अहम सीरीज का पहला टेस्ट चेन्नई में खेला जाएगा। यहां का चेपक स्टेडियम कई यादगार मुकाबलों का गवाह रहा है और ज्यादातर मुकाबले भारत-ऑस्ट्रेलिया के बीच रहे हैं लेकिन 2008 में इंग्लैंड के खिलाफ खेला गया मैच मेरा पसंदीदा मुकाबला है। इस मैच में सचिन और युवराज ने शानदार साझेदारी की थी और हमने करीब 400 रनों का लक्ष्य हासिल किया था।
1998 में पाकिस्तान के खिलाफ हुआ मैच भी यादगार था। सचिन ने बेहतरीन शतक लगाया था, लेकिन हम उस मैच को हार गए थे। इसके अलावा चेपक में भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच हुए मुकाबलों की कमी नहीं है, जो अभी तक हमारे जेहन में हैं। 1986 में टाई मैच और 1987 विश्व कप में भारत का एक रन से मैच गंवाना। मैं भाग्यशाली हूं कि भारत और ऑस्ट्रेलिया के कुछ यादगार मैचों का हिस्सा बन सका। चेन्नई में हमेशा ही अच्छा टेस्ट क्रिकेट देखने को मिलता है। मौसम खलल न डाले तो यहां नतीजा निकलता ही है। यहां की पिच जितना बल्लेबाजों की मददगार है उतना ही तेज गेंदबाजों के लिए भी। जैसे-जैसे मैच आगे बढ़ता है स्पिनरों को भी यहां टर्न मिलती है। चेपक की खूबसूरती यही है कि यहां पूरे टेस्ट मैच के दौरान समान उछाल रहता है, जिससे गेंदबाज और बल्लेबाजों की दिलचस्पी बनी रहती है। मैं हमेशा ही चेपक के मुख्य क्यूरेटर और ग्राउंड स्टाफ का प्रशंसक रहा हूं, जो टेस्ट क्रिकेट के मुफीद पिच बनाते हैं। चेन्नई के दर्शक भी लाजवाब हैं। खेल के प्रति उनके जुनून और ऊर्जा का कोई जवाब नहीं। मैं इसे खासतौर पर पसंद करता हूं। दर्शकों का यही समर्थन टीमों से उनका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करवाता है।
भारत में टेस्ट मैच के तीसरे दिन के बाद ही चीजें तेजी से बदलती हैं और चेन्नई भी इससे अछूता नहीं है। तीसरे दिन यहां कई नाटकीय बदलाव देखने को मिलते हैं। स्पिनर अहम भूमिका अदा करते हैं और नजदीकी कैच देखने को मिलते हैं। आमतौर पर चेन्नई की पिच थोड़ी सूखी और खुरदरी होती है, जिससे रिवर्स स्विंग मिलती है। यहां वर्ष 2001 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टेस्ट यादगार था क्योंकि हमने पिछड़ने के बाद इसे जीता और सीरीज अपने नाम की। चौथी पारी में हमने अहम विकेट गंवा दिए थे, लेकिन हमने संयम बनाए रखा और भारतीय क्रिकेट का नया अध्याय लिखा। हालांकि इंग्लैंड के खिलाफ मिली जीत मेरे लिए हमेशा ही खास रहेगी। मुंबई हमले के करीब एक महीने बाद यह मैच खेला गया था और लक्ष्य काफी बड़ा था। वीरू, सचिन और युवी ने शानदार बल्लेबाजी करते हुए इंग्लैंड के जबड़े से मैच जीता था। इसके बाद से भारत ने चेपक में टेस्ट मैच नहीं खेला है। इस मैदान के साथ भारतीय टीम की यादें जुड़ी हुई हैं और जब महेंद्र सिंह धौनी और माइकल क्लार्क टॉस के लिए आएंगे, यह भारत के लिए अहम होगा। उम्मीद है कि भारत इस अहम सीरीज में जीत के साथ शुरुआत करेगा। [360 कार्पोरेट रिलेशंस]
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