कोटला में निराशा से बाहर निकलने का मौका
जीवन में जब भी कुछ गलत हो सबसे पहले हमें खुद के अंदर झांक कर देखना चाहिए और यह विचार करना चाहिए कि कैसे हम कुछ अलग कर सकते हैं। खुद मेरे और दक्षिण अफ्रीकी टीम के लिए भारत के खिलाफ मौजूदा टेस्ट सीरीज अच्छी नहीं रही।
(एबी डिविलियर्स का कॉलम)
जीवन में जब भी कुछ गलत हो सबसे पहले हमें खुद के अंदर झांक कर देखना चाहिए और यह विचार करना चाहिए कि कैसे हम कुछ अलग कर सकते हैं। खुद मेरे और दक्षिण अफ्रीकी टीम के लिए भारत के खिलाफ मौजूदा टेस्ट सीरीज अच्छी नहीं रही।
मोहाली और नागपुर में मिली हार के बाद हमारी टीम टेस्ट सीरीज में 0-2 से पिछड़ चुकी है। व्यक्तिगत और टीम के तौर पर इससे काफी निराशा हुई। जबकि बेंगलुरु में खेला गया दूसरा टेस्ट मैच बारिश की भेंट चढ़ गया। टी-20 और बाद में वनडे सीरीज में जीत के बाद उम्मीद थी कि हमारी टीम टेस्ट में भी अच्छा प्रदर्शन करने में कामयाब रहेगी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ और हमारी उम्मीदें मिट्टी में मिल गईं। हम पिच को कतई दोष नहीं दे रहे और टर्निग विकेट तैयार करना कोई मुद्दा नहीं है। पिच दोनों टीमों के लिए एक जैसी थी और इस पर ज्यादा कुछ नहीं कहा जा सकता। हम सिर्फ खुद को दोष दे सकते हैं।
विराट और उनकी टीम ने लगातार अच्छा प्रदर्शन किया और वे इस जीत के हकदार थे। जहां तक मेरा मानना है कि हमारी टीम के पास मोहाली और नागपुर दोनों मैचों को नियंत्रण करने का अच्छा मौका था, लेकिन अहम मौके पर लड़खड़ाने के बाद मैच हाथ से निकल गया। यह सच है कि नागपुर पिच असाधारण रूप से बल्लेबाजों के लिए चुनौतीपूर्ण थी। किसी भी टीम के बल्लेबाज की तरफ से सर्वाधिक स्कोर 40 रन रहा, जो मेरी इस बात को साबित करता है। बावजूद इसके इन मैचों में जो टीम खुद को इस माहौल ढालने में कामयाब रही वो थी भारतीय टीम। दिल्ली टेस्ट में हमारे पास निराशा से बाहर निकलने, अपने खेल पर ध्यान केंद्रित करने और यह साबित करने का एक अच्छा मौका है कि हम भारत में टेस्ट मैच जीत सकते हैं। खेल में दमदार प्रदर्शन के बल पर मैच जीतने के साथ ही हम खोया हुआ आत्मविश्वास भी पा सकते हैं, ताकि घर लौटने पर इंग्लैंड के खिलाफ घरेलू सीरीज में अच्छा प्रदर्शन कर सकें। हमें सुधार करने की आवश्यकता है और हम करेंगे।
(टीसीएम)