बल्लेबाजी बढ़ा रही टीम इंडिया की चिंता
रांची में न्यूजीलैंड की शानदार वापसी के बाद वनडे सीरीज का आखिरी मैच रोमांचक हो गया है।
(गावस्कर का कॉलम)
रांची में न्यूजीलैंड की शानदार वापसी के बाद वनडे सीरीज का आखिरी मैच रोमांचक हो गया है। न्यूजीलैंड का स्कोर ज्यादा नहीं था, लेकिन गेंदबाजों और फील्डरों ने ऐसा माहौल बनाया कि लगा भारतीय टीम को निर्धारित रनों से 25 रन ज्यादा बनाने हैं। विजाग की पिच काफी अहम भूमिका अदा करेगी। अब तक यहां हुए रणजी मैचों में बहुत ज्यादा स्कोर नहीं बना है और अगर पिच टूटती है, तो यहां रन बनाने मुश्किल होंगे। कीवी टीम ने डेवेसिच को शामिल करके अच्छा काम किया है, क्योंकि इससे उनके पास स्पिन गेंदबाजी का विकल्प बढ़ गया है। हालांकि रांची में उन्होंने सीम गेंदबाजी ही की। हो सकता है कि ओस की वजह से उन्होंने ऐसा किया हो। मिशेल सेंटनर और ईश सोढ़ी ने शानदार प्रदर्शन किया। हालांकि दोनों गेंदबाजों के लिए स्लिप पर फील्डर लगाए जा सकते थे, क्योंकि गेंद थोड़ी स्पिन कर रही थी।
भारत ने भी केदार जाधव का अच्छा इस्तेमाल किया। महाराष्ट्र के कप्तान ने न सिर्फ विकेट चटकाए बल्कि रन भी कम दिए। पांड्या और कुलकर्णी के रन लुटाने पर वह उपयोगी साबित हुए। पांड्या ने खतरनाक दिख रहे गुप्टिल का अहम विकेट लिया, लेकिन लगातार दूसरी बार उन्होंने अपने कोटे के सभी ओवर नहीं फेंके। टीम प्रबंध के लिए चिंता की बात हो सकती है।
हालांकि भारत की मुख्य चिंता बल्लेबाजी है। रोहित शर्मा शॉट नहीं खेल पा रहे हैं। मनीष पांडे और केदार जाधव भी जल्द आउट हो जा रहे हैं। इससे कोहली पर रन बनाने की जिम्मेदारी आ रही है। अब तक भारत की दोनों जीत में उनकी भूमिका अहम रही। हालांकि रांची में भी वह विफल नहीं रहे, लेकिन अगर वह अर्धशतक से कम बनाते हैं, तो भारतीय टीम बड़ा स्कोर नहीं खड़ा कर पाती है। कागजों पर भारतीय बल्लेबाजी में गहराई है, लेकिन वास्तव में पांचवें नंबर के बाद चिंताएं बढ़ जाती हैं। अंतिम ओवरों के विशेषज्ञ बुमराह की कमी भी भारत को खली और उम्मीद है कि निर्णायक मैच में वह वापसी कर लेंगे। न्यूजीलैंड रांची में मिली लय को बरकरार रखने की उम्मीद कर रहा होगा। अगर वह ऐसा कर पाते हैं, तो वे सीरीज जीतने में सफल हो सकते हैं, जिससे वह टेस्ट सीरीज की निराशा को भुला सकते हैं।