परिणाम आने से पहले ही ऑस्ट्रेलिया ने मान ली थी हार
आखिरी दिन कौशल की परीक्षा थी, लेकिन उससे ज्यादा आत्मविश्वास की कड़ी परीक्षा होनी थी।
(हर्षा भोगले का कॉलम)
गुस्सा भूल जाइए। छींटाकशी और ताने भी भूल जाइए। यह एक ऐसा शानदार क्रिकेट मैच था, जिसमें कौशल, प्रतिबद्धता और जज्बे की जरूरत थी। हां, इसमें कुछ कमजोरियां भी उजागर हुईं। शॉट के चयन में, प्रतिक्रिया में, लेकिन यह सब स्वाभाविक है। कड़े चुनौतीपूर्ण माहौल में ऐसा होता है। एक दर्शक होने के नाते आप इसी तरह का मुकाबला देखना चाहते हैं। भारत ने खुद को नींद से जगाते हुए पहले चार दिन की भरपाई कर दी और हमेशा चुनौती देने वाली ऑस्ट्रेलिया भी यहां पर सफल नहीं हो सकी। उन्हें वार्नर से वैसे ही प्रदर्शन की जरूरत है, जैसा हेडन एशिया में किया करते थे। आखिरी दिन कौशल की परीक्षा थी, लेकिन उससे ज्यादा आत्मविश्वास की कड़ी परीक्षा होनी थी।
आंकड़े चाहे कुछ भी कहें, लेकिन क्या सच में भारत को लग रहा था कि 187 रन पर्याप्त होंगे? क्या ऑस्ट्रेलिया मन ही मन मान रहा था कि इस लक्ष्य को हासिल किया जा सकता है? क्या वे मुश्किलों से परिचित थे या उनके नजरिये ने उनके संघर्ष को मजबूत किया? हमेशा की तरह आपके दिमाग में क्या चल रहा है, इसका पता आपकी प्रतिक्रिया से चल जाता है। दूर बैठकर मुझे यही लग रहा था कि परिणाम आने से पहले ही ऑस्ट्रेलिया हार मान चुका था।
कागजों में सीरीज 1-1 से बराबर है, लेकिन वास्तविकता में भारतीय टीम आगे है। जब कोई टीम हार के बाद वापसी करती है, तो उसका आत्मविश्वास ज्यादा बढ़ जाता है। जब आप मजबूत स्थिति में होने के बावजूद हारते हैं, तो आप कमजोर पड़ते हैं। ऑस्ट्रेलिया को पता होगा कि उनके पास बेंगलुरु में जीतकर इस सीरीज को ऐतिहासिक बनाने का मौका था। अब उन्हें फिर से संघर्ष की शुरुआत करनी होगी। यह आसान नहीं होगा।
मेरे हिसाब से बेंगलुरु में सबसे अच्छी बात यह रही कि अश्विन ने चौथे दिन ही भारत को जीत दिला दी। वह एक ऐसे गेंदबाज थे, जिसको लेकर ऑस्ट्रेलिया सबसे ज्यादा चिंतित था और इससे उनका खौफ और ज्यादा बढ़ेगा। जब अश्विन गेंदबाजी आक्त्रमण का नेतृत्व करते हैं, तो भारतीय टीम ज्यादा बेहतर दिखती है।
ऑस्ट्रेलिया को अगर वापसी करनी है, तो वार्नर को एशिया में अपने रिकॉर्ड को सुधारना होगा और स्मिथ को डीआरएस विवाद को अलग रखकर अच्छी बल्लेबाजी करनी होगी। भारत को यह बात पता होनी चाहिए कि उन्होंने कोहली की बल्लेबाजी के बिना वापसी की है। अगर वह रांची में रन बनाते हैं, तो भारत को रोकना मुश्किल होगा। मुकाबला 1-1 से बराबर है, लेकिन मुझे लगता है कि भारत को 3-1 से जीत दर्ज करने से रोकने के लिए ऑस्ट्रेलिया को बहुत ही कड़ी मेहनत करनी होगी।
(पीएमजी)