जडेजा के स्थान पर अश्विन को मिले जगह
कुछ सवालों को अपने जवाब का इंतजार है। दूसरे टेस्ट से पहले कुछ बातों पर रुख साफ करने की जरूरत है। स्टुअर्ट बिन्नी ने भारत के लिए पहला टेस्ट बचाया, लेकिन बिन्नी वो गेंदबाजी ऑलराउंडर नहीं हैं, जिसकी तलाश भारत को है। तो क्या अश्विन जैसे विशेषज्ञ गेंदबाज की कीमत पर टीम में अभी भी उनकी जगह बनती है।
(रवि शास्त्री का कॉलम)
कुछ सवालों को अपने जवाब का इंतजार है। दूसरे टेस्ट से पहले कुछ बातों पर रुख साफ करने की जरूरत है। स्टुअर्ट बिन्नी ने भारत के लिए पहला टेस्ट बचाया, लेकिन बिन्नी वो गेंदबाजी ऑलराउंडर नहीं हैं, जिसकी तलाश भारत को है। तो क्या अश्विन जैसे विशेषज्ञ गेंदबाज की कीमत पर टीम में अभी भी उनकी जगह बनती है। जवाब है, हां। वह इसलिए क्योंकि टीम में जगह बनाने के लिए अश्विन का सीधा मुकाबला रवींद्र जडेजा से है।
चलिए अभी आप इस तर्क को भी नजरअंदाज कर दीजिए कि इंग्लैंड की टीम में छह बायें हाथ के बल्लेबाज हैं, जिनके खिलाफ अश्विन कारगर साबित हो सकते हैं। मगर इस बात पर तो गौर करना ही होगा कि मुरलीधरन और ग्रीम स्वान के अलावा अन्य स्पिनर लॉडर््स पर संघर्ष करते रहे हैं। यहां तक कि अनिल कुंबले और शेन वार्न भी इस पिच पर पारी में पांच विकेट नहीं ले सके हैं। ऐसे में एक विशेषज्ञ स्पिनर के तौर पर जडेजा की जगह अश्विन पहली पसंद हो सकते हैं।
भुवश्नेवर कुमार ने पांच विकेट हासिल करने के लिए तीस से अधिक ओवर फेंके। पहले टेस्ट की दोनों पारियों में उन्होंने अर्धशतक लगाया। तो क्या अब हमें उन्हें एक गेंदबाजी ऑलराउंडर के तौर पर देखना चाहिए। एक सच्चाई यह भी है कि भारतीय टीम पांच गेंदबाजों की अपनी रणनीति से पीछे नहीं हट सकती। विशेषकर यह देखते हुए कि पहले टेस्ट की दोनों पारियों में 400 से अधिक रन बने। साथ ही लॉडर््स पर दो स्पिनर खिलाने का भी कोई मतलब नहीं है।
इस लिहाज से हम कह सकते हैं कि अगर भारतीय टीम में किसी बदलाव की गुंजाइश है तो वो जडेजा के स्थान पर अश्विन को टीम में जगह देने की है। मैं अश्विन को इस मैच में गेंदबाजी करते देखना चाहता हूं। भारत को एक ऐसे स्पिनर की जरूरत है जो विकेट ले सके और अपनी विविधता भरी गेंदबाजी से निचले क्रम को जल्द निपटा सके। रूट और एंडरसन की साझेदारी के दौरान हमें ऐसे गेंदबाज की कमी खली थी।
ऐसे में जबकि भारत पांच विशेषज्ञ बल्लेबाजों के साथ मैदान पर उतर रहा है तो टीम धवन और कोहली की असफलता का बोझ नहीं उठा सकती। रहाणे को भी अच्छी शुरुआत का अधिक से अधिक लाभ उठाना होगा। टीम को वैसी ही बल्लेबाजी की जरूरत है जैसी विजय ने की। उन्होंने दिखाया कि सत्र दर सत्र ध्यान में रखकर की गई बल्लेबाजी कितनी लाभदायक होती है।
मुझे लॉडर््स पर परिणाम निकलने की उम्मीद है। वैसे भी आप इंग्लैंड में लगातार दो ड्रॉ टेस्ट की उम्मीद नहीं कर सकते। पहली पारी में बड़ा स्कोर किसी भी टीम को जीत की मंजिल तक पहुंचाने में मदद कर सकता है।
(टीसीएम)