जनाब ने पहले की फिक्सिंग, अब दे रहे हैं इसे रोकने का आइडिया
फिक्सिंग की वजह से अपने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट करियर को तहस-नहस करने वाले प्रतिबंधित पाकिस्तानी क्रिकेटर मोहम्मद आमिर ने पहले तो स्पॉट फिक्सिंग करते हुए अपने देश, तमाम क्रिकेट फैंस व इस खेल को शर्मिदा किया और अब वह राहुल द्रविड़ से ताल से ताल मिलाते हुए फिक्सिंग को अपराध की श्रेणी में लाने की मांग कर रहे हैं। एक पाकिस्तान
कराची। फिक्सिंग की वजह से अपने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट करियर को तहस-नहस करने वाले प्रतिबंधित पाकिस्तानी क्रिकेटर मोहम्मद आमिर ने पहले तो स्पॉट फिक्सिंग करते हुए अपने देश, तमाम क्रिकेट फैंस व इस खेल को शर्मिदा किया और अब वह राहुल द्रविड़ से ताल से ताल मिलाते हुए फिक्सिंग को अपराध की श्रेणी में लाने की मांग कर रहे हैं।
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एक पाकिस्तानी चैनल को दिए इंटरव्यू के दौरान मोहम्मद आमिर ने कहा, 'मुझे नहीं पता कि आइसीसी के पास क्या अधिकार मौजूद हैं, लेकिन मैचों की फिक्सिंग पर सख्त रुख अपनाते हुए उसे अपराध की श्रेणी में शामिल करना चाहिए और इसके दोषी लोगों को जेल की सजा होनी चाहिए।'
21 वर्षीय आमिर, जो कि आइसीसी द्वारा अपने ऊपर लगाए गए बैन की 3 साल की अवधि को अगले महीने पूरा कर लेंगे, कहते हैं, 'यह किसी खिलाड़ी की निजी जिंदगी में झांकना जैसा हो सकता है लेकिन मेरे मुताबिक सबसे बड़ी चीज जो कि करनी चाहिए वह यह है कि किसी द्विपक्षीय सीरीज या किसी टूर्नामेंट के दौरान इससे जुड़े हर खिलाड़ी व अधिकारी के फोन पर आने व उससे जाने वाले कॉल्स को रिकॉर्ड किया जाना चाहिए। इसके अलावा आइसीसी को सभी संदिग्ध व जाने-पहचाने सटोरियों के नंबर भी ट्रैक करने चाहिए और दोषी पाए जाने पर उस इंसान को अपराध करने वालों की श्रेणी में डाला जाना चाहिए। मुझे नहीं लगता कि सिर्फ शिक्षा और जागरुकता अभियान से कुछ होने वाला है। जिस इंसान ने कुछ गलत करने की ठान रखी हो उस पर ऐसे अभियानों का कोई असर नहीं होगा।'
गौरतलब है कि हाल ही में भारतीय क्रिकेटर राहुल द्रविड़ ने भी फिक्सिंग को अपराध की श्रेणी में लाए जाने की वकालत की थी। मोहम्मद आमिर ने भी अब उसी राग को छेड़ा है। साल 2010 में इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट सीरीज के लॉर्ड्स टेस्ट में स्पॉट फिक्सिंग करने के दोषी पाए गए तीन पाकिस्तानी खिलाड़ी मोहम्मद आमिर, सलमान बट और मोहम्मद आसिफ पर आइसीसी ने तीनों खिलाड़ियों पर 5-10 साल का प्रतिबंध लगाया था। नवंबर 2011 में लंदन की एक कोर्ट ने बट और आसिफ को सुनवाई में दोषी पाया था जबकि आमिर और सटोरिए मजहर मजीद ने अपने जुर्म पहले ही कबूल कर लिए थे। चारों को छह महीने से 32 महीनों तक की सजा दी गई थी।
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