कहीं हर बार की तरह अनलकी साबित ना हों युवराज!
टी-20 वर्ल्ड कप 2007 और क्रिकेट वर्ल्ड कप 2011 के हीरो रहे धुरंधर बल्लेबाज युवराज सिंह से लिए इंडियन प्रीमियर लीग ज्यादा अच्छा नहीं रहा है। दो-दो वर्ल्ड कप दिलाने में अहम भूमिका निभाने वाले युवी अब तक आइपीएल में जितनी टीमों की तरफ से खेले हैं किसी ने एक
नई दिल्ली, संजय सावर्ण। टी-20 वर्ल्ड कप 2007 और क्रिकेट वर्ल्ड कप 2011 के हीरो रहे धुरंधर बल्लेबाज युवराज सिंह से लिए इंडियन प्रीमियर लीग ज्यादा अच्छा नहीं रहा है। दो-दो वर्ल्ड कप दिलाने में अहम भूमिका निभाने वाले युवी अब तक आइपीएल में जितनी टीमों की तरफ से खेले हैं किसी ने एक बार भी आइपीएल का खिताब अपने नाम नहीं किया है। ऐसे में अब सवाल ये उठने लगा है कि क्या आइपीएल सीजन आठ में दिल्ली डेयरडेविल्स के साथ जुड़ने के बाद इस टीम की किस्मत चमकेगी या ये टीम एक बार फिर खिताब जीतने में नाकामयाब रहेगी। आइए एक नजर डालते हैं आइपीएल में युवी के अब तक के सफर पर :
किंग्स इलेवन पंजाब (2008-10)
युवराज सिंह तीन सीजन्स में (2008 से लेकर 2010 तक) किंग्स इलेवन पंजाब के लिए खेले। इन तीनों ही सीजन में इस टीम का प्रदर्शन ज्यादा अच्छा नहीं रहा। आइपीएल में पंजाब की टीम वर्ष 2008 में तीसरे, 2009 में पांचवें और 2010 में आठवें नंबर पर रही।
पुणे वॉरियर्स (2011-2013)
वर्ष 2011 में युवराज को पुणे वॉरियर्स ने खरीदा। इस टीम के साथ भी वो तीन वर्षों तक जुड़े रहे मगर टीम की किस्मत नहीं बदली। इन तीन वर्षों में इस टीम का प्रदर्शन को काफी निराश करने वाला रहा। वर्ष 2011 में ये टीम नौवें नंबर पर रही। वर्ष 2012 और 2013 में भी टीम का निराशाजनक प्रदर्शन जारी रहा और टीम नौवें और आठवें नंबर पर रही।
रॉयल चैलेंजर बेंगलूर (2014)
वर्ष 2014 में बेंगलूर ने युवराज सिंह को सबसे ज्यादा (14 करोड़) दाम चुकाकर खरीदा। इस सीजन में युवराज का प्रदर्शन भी ठीक-ठाक रहा मगर युवी की किस्मत यहां भी नहीं बदली। दिग्गज खिलाड़ियों से भरी ये टीम सातवें नंबर पर रही।
दिल्ली डेयरडेविल्स (2015)
आइपीएल 8 सीजन के लिए दिल्ली डेयरडेविल्स ने सबसे बड़ा दांव खेलते हुए युवी को 16 करोड़ में खरीदा। टीम इंडिया से बाहर चल रहे युवी के लिए इससे अच्छी बात और क्या हो सकती थी। मगर यहां युवी की असली परीक्षा होने वाली है। घरेलू सीजन में शानदार खेल का प्रदर्शन कर चुके युवी पर काफी जिम्मेदारी है। अब युवी इस टीम के लिए कैसा प्रदर्शन करते हैं ये देखना दिलचस्प रहेगा मगर सबसे बड़ी बात ये कि क्या युवी दिल्ली टीम के लिए लकी साबित होंगे या पिछली सभी टीमों की तरह अनलकी।