Wrold Cup: 20 वर्ष की उम्र से पहले विश्व कप में दो बार 'मैन ऑफ द मैच' का खिताब मिला है सिर्फ इस भारतीय खिलाड़ी को
World Cup 2019 इस बल्लेबाज ने जब अपना पहला विश्व कप खेला था तब वो सिर्फ 19 वर्ष के थे। 16 वर्ष की उम्र में उन्होंने पहला वनडे मैच खेला था।
नई दिल्ली, जेएनएन। World Cup 2019 भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व ओपनर बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर के नाम वनडे में एक से बढ़कर एक रिकॉर्ड दर्ज हैं। बात जब वनडे विश्व कप की होती है तो सचिन यहां भी अपनी छाप छोड़ने में कामयाब रहे हैं। वनडे विश्व कप में सबसे ज्यादा रन, विश्व कप के इस सीजन में सबसे ज्यादा रन, विश्व कप में सबसे ज्यादा शतक और सबसे ज्यादा विश्व कप खेलने का रिकॉर्ड भी इन्हीं के नाम पर दर्ज है। सचिन ने जब अपना पहला विश्व कप खेला था तब उनकी उम्र 19 साल थी। उन्होंने महज 16 वर्ष की उम्र में ही वर्ष 1989 में पाकिस्तान के खिलाफ अपने वनडे करियर की शुरुआत की थी और अपने पहले विश्व कप यानी 1992 में वो 19 वर्ष के थे। इस विश्व कप के दौरान सचिन ने वो कमाल किया था जो इतिहास है और ऐसा कोई खिलाड़ी नहीं कर पाया है।
20 वर्ष की उम्र से पहले विश्व कप में मैन ऑफ द मैच खिताब जीतने वाले इकलौते खिलाड़ी
सचिन तेंदुलकर ने वर्ष 1992 में अपना पहला विश्व कप खेला था। ये विश्व कप ऑस्ट्रेलिया और न्जूजीलैंड की संयुक्त मेजबानी में आयोजित किया गया था। इस टूर्नामेंट में सचिन ने कुल आठ मैच खेले थे जिसमें उन्होंने अच्छा प्रदर्शन किया था और तीन अर्धशतकीय पारी खेली थी। इन आठ मुकाबलों में से दूसरे मैच यानी श्रीलंका के खिलाफ वो बल्लेबाजी नहीं कर पाए थे। बाकी के बचे सात मुकाबलों में सचिन ने 35,11,54*,81,4,84,14 रन की पारी खेली थी। इन सात मैचों में दो बार वो प्लेअर ऑफ द मैच चुने गए थे। यानी सिर्फ 19 वर्ष की उम्र में उन्होंने दो बार विश्व कप में मैन ऑफ द मैच का खिताब अपने नाम किया। 20 वर्ष की उम्र से पहले ये कामयाबी हासिल करने वाले सचिन दुनिया के पहले खिलाड़ी बने थे और ये कमाल का रिकॉर्ड अब भी उनके नाम पर ही है।
इन दो मैचों में सचिन बने थे 'मैन ऑफ द मैच'
वर्ष 1992 के विश्व कप में सचिन दो बार मैन ऑफ द मैच बने। 4 मार्च 1992 में पाकिस्तान के खिलाफ सिडनी में खेले गए मैच में सचिन ने 54 रन की नाबाद पारी खेली थी। इस मैच को भारत ने 43 रन से जीता था। वहीं इसके बाद अगले ही मैच में यानी 7 मार्च 1992 को हैमिल्टन में जिम्बाब्वे के खिलाफ सचिन तेंदुलकर ने 81 रन की शानदार पारी खेली थी। इस मुकाबले में भी भारत ने जिम्बाब्वे को 55 रन से हराया था। इस वर्ष टीम इंडिया ग्रूप स्टेज से बाहर नहीं जा पाई और उनका सफर यहीं पर खत्म हो गया था। इस बार पाकिस्तान ने फाइनल में इंग्लैंड को हराकर विश्व कप का खिताब अपने नाम किया था।
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