तीन में से दो कप्तान ने भारतीय टीम में बनाई थी जगह, क्या पृथ्वी शॉ के साथ होगा ऐसा?
क्या अंडर 19 विश्व कप जीतने वाले पृथ्वी भारतीय टीम में बना पाएंगे जगह।
नई दिल्ली [जागरण स्पेशल]। इंडिया अंडर19 टीम के कप्तान पृथ्वी शॉ ने जब अंडर19 विश्व कप का खिताब जीता तो पुरानी यादें ताजा हो गईं। भारतीय टीम ने पृथ्वी की कप्तानी में इतिहास रच दिया। वैसे पृथ्वी से पहले तीन बार जिन भारतीय कप्तानों ने इस खिताब को जीता उनमें से दो ने भारतीय टीम में जगह बनाई थी। तो क्या पृथ्वी भी अपने खेल के दम पर भारतीय टीम में जगह बनाने में सफल रहेंगे। वैसे इतिहास तो यही कहता है कि अंडर19 टीम का कप्तान भारतीय टीम में जगह बनाने में सफल रहता है। आइए एक नजर डालते हैं पृथ्वी से पहले अंडर19 विश्व कप जीतने वाले कप्तानों के साथ क्या हुआ।
पहली बार वर्ष 2000 में मो. कैफ ने जीता विश्व कप
इंडिया अंडर19 टीम ने पहली बार वर्ष 2000 में मो. कैफ की अगुआई में विश्व कप का खिताब अपने नाम किया था। फाइनल मैच में भारत ने श्रीलंका को कोलंबो में 6 विकेट से हराकर जीत हासिल की थी। इस मैच में भारत ने 40.4 ओवर में 4 विकेट पर 180 रन बनाए थे। इसके जबाव में श्रीलंका की टीम 48.1 ओवर में 178 रन पर ऑल आउट हो गई। इस जीत के बाद इसी वर्ष मो. कैफ को 2 मार्च को भारतीय टीम की तरफ से द. अफ्रीका के खिलाफ टेस्ट टीम में शामिल किया गया। इसके 2 वर्ष के बाद 28 जनवरी 2002 को उन्होंने कानपुर में इंग्लैंड के खिलाफ अपना वनडे डेब्यू किया। कैफ ने भारत के लिए 13 टेस्ट और 125 वनडे मैच खेले।
विराट ने बनाया वर्ष 2008 को यादगार
विराट कोहली ने वर्ष 2008 में अंडर 19 विश्व कप खिताब दूसरी बार जीतकर दुनिया में भारतीय जूनियर क्रिकेट की धाक साबित की। मलेशिया के पुचोंग में खेले गए फाइनल मुकाबले में भारतीय टीम ने द. अफ्रीका को हराकर ये उपलब्धि हासिल की थी। इस मैच में भारत ने 45.4 ओवर में 159 रन बनाए थे और इसके जबाव में प्रोटीज 25 ओवर में 8 विकेट पर 103 रन ही बना पाई। डकवर्थ लूईस नियम के आधार पर भारत को इस मैच में 12 रन से जीत मिली। विराट को भारतीय वनडे टीम में इसी वर्ष यानी 2008 में श्रीलंका के खिलाफ अपना पहला वनडे मैच खेलने का मौका मिला। इसके बाद वर्ष 2010 में वो भारतीय टी20 टीम का हिस्सा बने। टेस्ट टीम में उनकी एंट्री वर्ष 2011 में वेस्टइंडीज के खिलाफ हुई। भारतीय टीम को दूसरी बार अंडर 19 विश्व कप का खिताब दिलाने वाले विराट अब भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान हैं और वो दुनिया के बेहतरीन कप्तानों में शुमार किए जाते हैं।
2012 में भारत फिर बना अंडर19 चैंपियन
वर्ष 2012 में इंडिया अंडर19 टीम ने ऑस्ट्रेलिया को हराकर इस खिताब को अपने नाम किया था। उनमुक्त चंद की अगुआई में फाइनल मैच में भारतीय टीम ने 47.4 ओवर में 4 विकेट पर 227 रन बनाए। इससे पहले कंगारू टीम 50 ओवर में 8 विकेट पर 225 रन बनाए थे। भारत को इस मैच में 6 विकेट से जीत मिली। भारतीय टीम के लिए जीत बड़ी थी और उनमुक्त की बल्लेबाजी की काफी चर्चा भी हुई। हालांकि इसके बाद से लेकर अब तक वो भारतीय टीम में अपनी जगह बनाने को लेकर प्रयासरत हैं, लेकिन अभी तक उन्हें सफलता नहीं मिली है। 24 वर्षीय उनमुक्त दिल्ली के लिए खेलते हैं।
2018 में भारत फिर बना चैंपियन
राहुल द्रविड़ की कोचिंग में भारतीय अंडर 19 टीम वर्ष 2016 में वेस्टइंडीज के खिलाफ फाइनल मुकाबला हार गई और विश्व कप अपने नाम करने में नाकाम रही, लेकिन इस बार राहुल की टीम ने कोई चूक नहीं की। पृथ्वी की कप्तानी में टीम पूरे टूर्नामेंट के दौरान अपराजेय रही और कप जीतकर ही दम लिया। एक बार फिर से देश के जूनियर क्रिकेटर्स ने दुनिया में अपना नाम रोशन किया और छह वर्ष के बाद खिताब अपने नाम किया। अब तक पृथ्वी से पहले तीन बार विश्व कप जीतने वाले दो कप्तानों ने तो भारतीय टीम में जगह बना ली तो क्या अब अगली बारी उनकी है। हालांकि पृथ्वी जिस तरह की क्रिकेट खेलते हैं उससे ये मुमकिन लगता है लेकिन आगे का सफर उनके लिए आसान नहीं रहेगा।
पृथ्वी शॉ के कोच ने कहा 'राष्ट्रीय टीम के लिए तैयार हैं पृथ्वी'
पृथ्वी शॉ के कोच ज्वाला एस ने दैनिक जागरण से खास बातचीत करते हुए कहा, 'अंडर19 क्रिकेट विश्व कप किसी भी खिलाड़ी के लिए एक बड़ा मंच है और पृथ्वी ने यहां अच्छा प्रदर्शन किया है। उन्हें इसी तरह का क्रिकेट खेलना जारी रखना पड़ेगा। पिछले कुछ दिनों में उन्होंने घरेलू स्तर पर काफी रन बनाए हैं और सेलेक्टर्स की निगाह में वो जरूर होंगे। घरेलू स्तर पर साथ ही आइपीएल में बेहतरीन प्रदर्शन के जरिए वो टीम में जगह बनाने में सफल होंगे।'
क्या सचिन की तरह पृथ्वी को जल्द मौका दिया जाए तो वो और निखर कर सामने आएंगे इस पर पृथ्वी के कोच ने कहा कि हर दौर अलग होता है। सचिन का दौर अलग था और शायद उस वक्त इतनी ज्यादा प्रतियोगिता नहीं थी। आज का दौर अलग है और पृथ्वी को टक्कर देने वाले कई खिलाड़ी मौजूद हैं। हालांकि वो राष्ट्रीय टीम में खेलने के लिए बिल्कुल तैयार हैं और उन्होंने इंडिया ए के लिए न्यूजीलैंड के खिलाफ खेला भी था, जहां उन्होंने अर्धशतक बनाया था। ऐसे में अगर उन्हें जल्दी मौका मिलता है तो वो टीम के लिए अच्छा प्रदर्शन करते नजर आएंगे। हालांकि एक कोच के तौर पर मेरा ये काम है कि वो अच्छी क्रिकेट खेलें। मेरा और पृथ्वी का ध्यान सिर्फ क्रिकेट पर है न कि सेलेक्शन पर। वैसे वो भारतीय टीम का हिस्सा बनते हैं तो इससे बड़ी खुशी की बात और क्या हो सकती है।'
क्या कहते हैं एक्सपर्ट
वरिष्ठ खेल पत्रकार व कमेंटेटर मनोश जोशी का कहना है, 'पृथ्वी शॉ विलक्षण प्रतिभा के धनी हैं। जिस तरह से सचिन तेंदुलकर को भारतीय टीम में काफी जल्दी मौका दिया गया था अगर उसी तरह से उन्हें भी मौका मिल जाता है तो वो अपनी क्षमता साबित करके टीम के लिए काफी अच्छा कर सकते हैं। हालांकि पहले उन्हें भारतीय मैदानों पर ही आजमाया जाना चाहिए ताकि उन्हें अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट का माहौल समझ आए और वो ज्यादा से ज्यादा तैयार हो सकें। जूनियर लेवल पर पृथ्वी का प्रदर्शन शानदार रहा है और उन्हें टीम में सही समय पर एंट्री मिल जाए तो वो भविष्य का सितारा साबित जरूर होंगे। जिस तरह का क्रिकेटर भारतीय टीम को चाहिए पृथ्वी में वो सारे गुण मौजूद हैं और वो सौ फीसदी टीम का हिस्सा जल्द ही बनेंगे।'