एक ही रात में सो गई वांडर्रस की खतरनाक पिच
सुनील गावास्कर ने बताया कि, कि रात में काफी बारिश हुई। पूरी रात कवर पड़े रहने के बावजूद पिच पर काफी नमी आ गई।
जोहानिसबर्ग, अभिषेक त्रिपाठी। मैच के शुरुआती तीन दिन जिस पिच पर 50 सेंटीमीटर की मूवमेंट हो रही हो, एक से डेढ़ फुट का अतिरिक्त उछाल मिल रहा हो और अधिकांश बल्लेबाज चेस्ट गार्ड लगाकर खेल रहे हों, चौथे दिन उस पिच पर ऐसा कुछ नहीं हुआ। जो डीन एल्गर शुक्रवार की रात को हेलमेट पर गेंद खाकर डरकर अंपायर की तरफ देखने लगे थे उन्होंने शनिवार को आसानी से अर्धशतक ठोक दिया। शुरुआत के दो सत्रों में यह वांडर्स की नहीं, बल्कि वानखेड़े की पिच लग रही थी।
हालांकि, तीसरे सत्र में भारतीय गेंदबाजों ने अच्छा प्रदर्शन करते हुए दक्षिण अफ्रीकी टीम की बिस्तरा समेट दिया, लेकिन यह पिछले तीन दिन की तरह खतरनाक नहीं दिखी। इसके बावजूद वांडर्स पर आइसीसी की कार्रवाई का खतरा मंडरा रहा है। पूरे क्रिकेट जगत में यही सवाल उठ रहा है कि आखिर एक रात में ऐसा क्या हो गया जो असमान उछाल वाली पिच आदर्श स्थिति में आ गई। भारतीय टीम के पूर्व कप्तान और दक्षिण अफ्रीकी खेल चैनल में कमेंट्रेटर की भूमिका निभा रहे सुनील गावस्कर तो लंच के बाद जाकर पिच पर लेट गए। उन्होंने दूसरे कमेंट्रेटर और दक्षिण अफ्रीका के पूर्व कप्तान ग्रीम स्मिथ से कहा कि यह पिच सो गई है।
गावस्कर से जब दैनिक जागरण ने बात की तो उन्होंने कहा कि रात में काफी बारिश हुई। पूरी रात कवर पड़े रहने के बावजूद पिच पर काफी नमी आ गई। सुबह भारी रोलर चलाया गया, जिसके कारण तीन दिन जो दरारें दिख रही थीं वह काफी हद तक भर गईं। बारिश के कारण सुबह के सत्र का खेल एक घंटे देरी से शुरू हुआ। पिछले तीन दिन काफी धूप निकल रही थी जिससे दरारें बढ़ गईं थीं, लेकिन शनिवार को भारी रोलर चलने के बाद धूप नहीं निकली। अगर धूप निकलती तो दरारें और उभर जातीं। पिछले तीन दिनों में देखा गया कि शुरुआती सत्र में तेज गेंदबाजों ने नई गेंद से काफी विकेट निकाले, लेकिन चौथे दिन शुरुआती सत्र एक घंटे देरी से शुरू होने के कारण दक्षिण अफ्रीकी बल्लेबाजों को फायदा मिला। हाशिम अमला और डीन एल्गर ने अच्छी तकनीक से भी बल्लेबाजी की।
वांडर्स पर खतरा बरकरार
दक्षिण अफ्रीकी क्रिकेट बोर्ड के अधिकारी भले ही शनिवार की सुबह से राहत की सांस ले रहे हों, लेकिन उनके पर आइसीसी के डंडे का खतरा बरकरार है। मैच के बाद मैच रेफरी एंडी पायक्रॉफ्ट अपनी रिपोर्ट आइसीसी को देंगे। इसके बाद इस स्टेडियम पर कई तरह के प्रतिबंध लग सकते हैं। इस साल चार जनवरी से आइसीसी के पिच और आउटफील्ड के लिए नए नियम सामने आए हैं। अगर कोई पिच खराब की श्रेणी में आती है तो उसे तीन, जबकि अनफिट श्रेणी की पिच को पांच डीमेरिट अंक मिलते हैं।
ऐसा होने उस मैदान पर अपने आप ही 12 माह का प्रतिबंध लग जाता है। हालांकि, पिच को अनफिट तभी करार दिया जाता है जब मैच रद करना पड़े। शुक्रवार को खतरनाक पिच को देखते हुए दोनों मैदानी अंपायरों इयान गोल्ड, अलीम दार और मैच रेफरी ने दिन का खेल 19 मिनट पहले ही खत्म कर दिया था। चौथे दिन भी अंपायरों की नजर पिच पर थी। अगर मैच रेफरी इसे खराब पिच भी करार देते हैं और वांडर्स को अगले पांच साल के अंदर फिर कोई डीमेरिट अंक मिलता है तो उसे प्रतिबंध ङोलना होगा।
प्रीमियर स्टेडियम है वांडर्स
यह दक्षिण अफ्रीका का प्रीमियर स्टेडियम है और हर साल यहां कम से कम एक टेस्ट जरूर आयोजित होता है। इस टेस्ट के बाद 10 फरवरी को भारत के खिलाफ यहां वनडे मैच और 18 फरवरी को टी-20 मैच भी होना है जिसके लगभग सारे टिकट बिक चुके हैं। 10 फरवरी को होने वाला वनडे मैच पिंक-डे मैच कहलाएगा। ब्रेस्ट कैंसर के प्रति जागरूकता के लिए ऐसा किया जाएगा। इसके बाद 30 मार्च से यहां दक्षिण अफ्रीका और ऑस्ट्रेलिया के बीच टेस्ट मैच भी होना है। मैच रेफरी की रिपोर्ट 14 दिन के अंदर मेजबान बोर्ड को भेजी जाती है।
चूंकि मैच शनिवार को खत्म हो गया है इसलिए रेफरी की रिपोर्ट 10 फरवरी तक दक्षिण अफ्रीकी क्रिकेट बोर्ड को मिल जाएगी, इसी दिन यहां वनडे मैच प्रस्तावित है। इससे वनडे और टी-20 मैचों के आयोजन पर असर पड़ने की संभावना कम है, लेकिन प्रतिबंध लगने की स्थिति में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ होने वाला टेस्ट मैच नहीं हो सकेगा।