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सिर्फ कोहली और एंडरसन ही नहीं, इन खिलाड़ियों के बीच भी होगी कांटे की टक्कर

एंडरसन और ब्रॉड ने मिलकर इंग्लैंड के लिए 957 विकेट लिए हैं।

By Pradeep SehgalEdited By: Published: Tue, 31 Jul 2018 12:23 PM (IST)Updated: Tue, 31 Jul 2018 12:37 PM (IST)
सिर्फ कोहली और एंडरसन ही नहीं, इन खिलाड़ियों के बीच भी होगी कांटे की टक्कर
सिर्फ कोहली और एंडरसन ही नहीं, इन खिलाड़ियों के बीच भी होगी कांटे की टक्कर

नई दिल्ली, अभिषेक त्रिपाठी। इंग्लैंड बर्मिघम में अपना 1000वां टेस्ट मैच खेलेगी। भारत ने जिस देश में जिस टीम के खिलाफ अपना पहला आधिकारिक टेस्ट मैच खेला था, उसी देश में उसी टीम के खिलाफ वह विपक्षी टीम के 1000वें टेस्ट में भाग लेगी। एक अगस्त से शुरू होने वाली पांच टेस्ट मैचों की सीरीज के लिए दोनों ही टीमों ने जमकर अभ्यास किया है। हाल ही में बर्मिघम में काफी बारिश हुई। इससे इन दोनों टीमों के बीच तो शानदार मुकाबला देखने को मिलेगा ही साथ ही कुछ सितारों के बीच जोरदार भी टक्कर दिखाई देगी।

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विराट बनाम एंडरसन

इंग्लैंड में कोहली का 2014 का इंग्लैंड दौरा बेहद खराब गया था और उसमें सबसे बड़ा हाथ एंडरसन का था। एंडरसन ने उन्हें 10 में से चार पारियों में आउट किया। ओवरऑल एंडरसन ने पांच बार विराट को आउट किया है जबकि भारतीय कप्तान उनके खिलाफ सिर्फ 111 रन बना सके हैं। विराट के 21 टेस्ट शतक में से 11 भारत की स्पिन पिचों से बाहर बने हैं। यानि ऐसा नहीं है कि विराट को विदेशी पिचों पर खेलने में दिक्कत है लेकिन इंग्लैंड में वह एक भी टेस्ट शतक नहीं लगा पाए हैं और यहां खेले पांच टेस्ट में उनका बल्लेबाजी औसत सिर्फ 13.4 का है।

विजय बनाम ब्रॉड

इसमें कोई शक नहीं कि मुरली विजय ओपनिंग करेंगे। दूसरा ओपनर कौन होगा यह अभी तय नहीं है। एसेक्स के खिलाफ अभ्यास मैच की दोनों पारियों में शिखर धवन के शून्य पर आउट होने के बाद यह सवाल उठने लगा है। हालांकि अभी यह देखना बाकी है कि कप्तान और प्रबंधन अनुभवी बायें-दायें कांबिनेशन के तहत शिखर पर ही लगाते हैं या केएल राहुल को मुरली के साथ उतारते हैं। निश्चित तौर यह वनडे और टी-20 नहीं है। यहां गेंद हिलेगी और इंग्लैंड ऐसी पिच बनाएगा जिससे उसके तेज गेंदबाजों को मदद मिले। निश्चित तौर पर पिच पर मूवमेंट जरूर होगा। भारतीय ओपनरों को तकनीकी तौर पर दक्ष होकर बल्लेबाजी करनी होगी। एक बार गेंद पुरानी हो जाए और गेंदबाज थक जाएं तब रन बनाने की कोशिश करनी होगी। एंडरसन और ब्रॉड ने मिलकर इंग्लैंड के लिए 957 विकेट लिए हैं। छह फिट पांच इंच लंबे ब्रॉड अब 32 साल के हो गए हैं और वह एंडरसन के साथ मिलकर भारतीय ओपनरों की परीक्षा लेंगे। एंडरसन ने विजय को पांच तो ब्रॉड ने उन्हें दो बार आउट किया है। ब्रॉड ने इंग्लैंड की परिस्थितियों में हमेशा बेहतर किया है। उनकी स्किल अद्भुत हैं। उन्हें पता है कि इंग्लैंड में क्या करना है। ब्रॉड ने 2014 में भारत के खिलाफ पांच टेस्ट में 19 विकेट झटके थे। एंडरसन की तरह वह भी अब सिर्फ टेस्ट मैच ही खेलते हैं और दायें हाथ से लेंथ बॉल फेंककर स्विंग हासिल करने में माहिर हैं। उनकी गेंद भी काफी स्विंग होती है। वह समय-समय पर अच्छी बाउंसर भी मारते हैं।

अनुभवी कुक बनाम नए नवेले कुलदीप

अगर टीम इंडिया पहले टेस्ट मैच में चाइनामैन कुलदीप यादव को जगह देती है तो अनुभवी एलिस्टेयर कुक और इंग्लैंड में अपना पहला टेस्ट खेलने वाले कुलदीप के बीच शानदार मुकाबला देखने को मिलेगा। 156 टेस्ट में 45.65 के औसत से 12145 रन बनाने वाले कुक पिछली 37 पारियों में सिर्फ दो शतक लगा सके हैं। इंग्लैंड लायंस की तरफ से खेलते हुए भारत-ए के खिलाफ भी उन्होंने 180 रनों की पारी खेली। बायें हाथ के इस बल्लेबाज को कुलदीप की गेंद खेलने में परेशानी हो सकती है। कुक ने इससे पहले कभी भी कुलदीप का सामना नहीं किया है। बायें हाथ से गेंदबाजी करने वाले कुलदीप की चाइनामैन गेंद बायें हाथ के बल्लेबाज के लिए बाहर की तरफ निकलती है। कुक का भारतीय स्पिनरों के खिलाफ रिकॉर्ड खराब है। अश्विन और जडेजा ने उन्हें सात-सात बार आउट किया है। हालांकि भारत के तेज गेंदबाज इशांत शर्मा ने भी उन्हें आठ बार आउट किया है।

पुजारा बनाम स्टोक्स

किसी भी टीम की बल्लेबाजी की जान उसके तीसरे नंबर के बल्लेबाज पर निर्भर होती है। पहले इस क्रम पर राहुल द्रविड़ उतरते थे और अब चेतेश्वर पुजारा। पुजारा आउट ऑफ फॉर्म हैं और हाल में काउंटी क्रिकेट में भी रन नहीं बना पाए हैं लेकिन भारतीय प्रबंधन का भरोसा उन पर बरकरार है। पुजारा ने इंग्लैंड में पहले भी रन बनाए हें। अगर इंग्लैंड के गेंदबाजों के सामने पुजारा के प्रदर्शन की बात की जाए तो उन्हें ब्रॉड ने तीन, एंडरसन ने चार और स्टोक्स ने तीन बार आउट किया है। मोइन अली भी दो बार उनका शिकार कर चुके हैं।  

आउट ऑफ फॉर्म रूट बनाम इशांत

इंग्लैंड के कप्तान जो रूट फॉर्म में नहीं हैं जबकि भुवनेश्वर कुमार और जसप्रीत बुमराह की अनुपस्थिति में अनुभवी इशांत शर्मा भारत के तेज गेंदबाजी आक्रमण की अगुआई करेंगे। वैसे तो इशांत कभी रूट के खिलाफ कुछ खास नहीं कर पाए हैं लेकिन अब वह ज्यादा अनुभवी हैं और उनके ऊपर शानदार प्रदर्शन करने का दबाव भी है। ऐसे में उन्हें जो रूट को चुनौती देनी ही होगी। इशांत ने रूट को सिर्फ एक बार ही आउट किया है। ऐसा ही हाल उमेश यादव का भी है। रूट को सबसे ज्यादा पांच बार रवींद्र जडेजा ने पवेलियन पहुंचाया है लेकिन कुलदीप और अश्विन के रहते उनके खेलने का चांस बहुत कम है। रूट की बल्लेबाजी ही नहीं कप्तानी का भी इस सीरीज में लिटमस टेस्ट होगा। उन्होंने इस फॉर्मेट में हाल में ज्यादा रन नहीं बनाए हैं। 

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