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कोहली औऱ कुंबले में कुछ तो गड़बड़ है, नहीं तो क्यों करते ऐसा?

नंबर वन दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ रविवार को आर या पार के मैच में उतरने के लिए टीम इंडिया के पास अच्छा संयोजन है। लेकिन टीम इंडिया में सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है।

By Pradeep SehgalEdited By: Published: Sat, 10 Jun 2017 08:55 PM (IST)Updated: Sun, 11 Jun 2017 04:16 PM (IST)
कोहली औऱ कुंबले में कुछ तो गड़बड़ है, नहीं तो क्यों करते ऐसा?
कोहली औऱ कुंबले में कुछ तो गड़बड़ है, नहीं तो क्यों करते ऐसा?

लंदन, अभिषेक त्रिपाठी। किसी टीम को जीतने के लिए उसके संयोजन, कोच-कप्तान में अच्छा तालमेल और बढि़या अभ्यास करना जरूरी होता है। नंबर वन दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ रविवार को आर या पार के मैच में उतरने के लिए टीम इंडिया के पास अच्छा संयोजन है। उसने शनिवार को पूरे मन से अभ्यास भी किया, लेकिन यहां ओवल स्टेडियम में दो घंटे से ज्यादा चले अभ्यास सत्र में कोच अनिल कुंबले और कप्तान विराट कोहली के बीच कोई भी बातचीत नहीं हुई।

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जब कोहली थ्रो डाउन पर बल्लेबाजी का अभ्यास कर रहे थे तो कुंबले बगल वाले ही नेट पर थे, लेकिन दोनों में कोई बात नहीं हुई। इसके बाद विराट तीसरे नेट पर स्पिनरों के सामने बल्लेबाजी अभ्यास करने लगे। कोच दूसरी ओर हार्दिक पांड्या, मोहम्मद शमी और उमेश यादव को टिप्स देने लगे। हो सकता है कि दोनों बंद कमरे में मिलकर जीत की कोई रणनीति बनाएं क्योंकि खुले में तो वे दोनों आपस में कोई रणनीति बनाते हुए नहीं दिखे। हालांकि, इस सबके बावजूद भारतीय प्रशंसकों को टीम इंडिया से जीत की उम्मीद रखनी चाहिए क्योंकि उम्मीद पर दुनिया कायम है।

अश्विन की वापसी की उम्मीद : इसमें कोई शक नहीं कि पिछले मैच में भारतीय टीम जिस तरह हारी उसका असर टीम के मनोबल पर पड़ा है। इस मैच में जो जीतेगा उसका सेमीफाइनल में जाना तय है। भारत को ऐसा करने के लिए दुनिया की नंबर वन टीम को हराना होगा। हालांकि, यह मैच टीम इंडिया से ज्यादा कप्तान कोहली के लिए महत्वपूर्ण है क्योंकि कप्तान के तौर पर पहले आइसीसी टूर्नामेंट में उनसे गलती की गुंजाइश नहीं की जा सकती है। टीम इंडिया में ऑफ स्पिनर रविचंद्रन अश्विन की वापसी लगभग तय है क्योंकि दक्षिण अफ्रीका के पास शीर्ष क्रम के तीन बल्लेबाज बायें हाथ के हैं। अब यह देखना होगा कि वह भुवनेश्वर कुमार, रवींद्र जडेजा और उमेश में से किसको निकालते हैं। हालांकि, भुवी ने गेंदबाजी का ज्यादा अभ्यास नहीं किया और इस मैदान पर ज्यादा स्विंग भी नहीं मिल रही। भुवी में उमेश की तरह तेजी भी नहीं है। इस कारण उनकी जगह ही अश्विन के खेलने की उम्मीद दिखाई दे रही है।

बाकी टीम में नहीं होगा बदलाव : दूसरे स्पिनर जडेजा का भी खेलना लगभग तय है। कोहली दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ दोनों स्पिनरों को खिलाएंगे क्योंकि इस प्रतिद्वंद्वी टीम को स्पिनर खेलने में दिक्कत होती है। यही नहीं वह बेहतरीन क्षेत्ररक्षक हैं और सीमारेखा के पास से उनके थ्रो बेहद सटीक होते हैं। वह प्रत्येक मैच में 10-15 रन बचाते हैं। हार्दिक को भी बाहर नहीं किया जा सकता क्योंकि सातवें नंबर पर उनके जैसे आक्रामक बल्लेबाज की जरूरत है। जसप्रीत बुमराह डेथ ओवरों में अच्छी यॉर्कर डालते हैं। उमेश ने भी शनिवार को अभ्यास में जमकर पसीना बहाया है। श्रीलंका के खिलाफ मैच में 11 से 40 ओवरों के बीच भारत ने 200 से अधिक रन दिए, लिहाजा अश्विन को अगले मैच में रनगति पर अंकुश लगाने की जिम्मेदारी निभानी होगी।


भारतीय बल्लेबाजों को भी दिखानी होगी तेजी : अभी तक देखा गया है कि भारतीय ओपनरों ने शुरुआत में संभलकर खेला और बाद में तेजी से रन बनाए। यह रणनीति बर्मिघम में पाकिस्तान के खिलाफ सफल रही, लेकिन ओवल की पाटा पिच पर श्रीलंका के सामने यह उलटी साबित हुई। यह मैच भी उसी पिच पर होना है। ऐसे में भारतीय शीर्षक्रम को अपनी रणनीति में थोड़ा बदलाव करना ही होगा। हालांकि, विराट ने प्रेस कांफ्रेंस में उसी रणनीति को जारी रखने के संकेत दिए हैं, लेकिन फिर भी उन्हें पांच ओवर के बाद ही तेजी दिखानी होगी क्योंकि वही अतिरिक्त 20 रन टीम इंडिया को जीत दिलाएंगे। हमें यह भी याद रखना होगा कि दक्षिण अफ्रीकी टीम में एबी डिविलियर्स जैसा बल्लेबाज है जो किसी भी स्कोर को बौना साबित कर सकता है। रोहित और शिखर की जोड़ी ने दोनों मैचों में शतकीय साझेदारी की। शिखर को वैसे ही चैंपियंस ट्रॉफी बहुत रास आती है। वह आइसीसी के इस टूर्नामेंट में तीन शतक मार चुके हैं। कोहली जरूर पिछले मैच में शून्य पर आउट हुए थे। ऐसे में उन्हें अच्छा प्रदर्शन करना होगा।

दक्षिण अफ्रीका है बेहद मजबूत : निश्चित तौर पर टीम इंडिया ने अब तक चैंपियंस ट्रॉफी में जिन टीमों के सामने खेला है रविवार को उन सबसे बेहतर टीम उसके सामने होगी। हालांकि, उसे भी पिछले मैच में पाकिस्तान के खिलाफ वैसी ही आश्चर्यचकित हार मिली थी जैसी भारत को श्रीलंका के खिलाफ मिली थी। इसके बावजूद दक्षिण अफ्रीकी टीम में बहुत ज्यादा बदलाव की उम्मीद नहीं है। अनुभवी हाशिम अमला और विकेटकीपर क्विटंन डिकॉक ओपनिंग करेंगे। फाफ डुप्लेसिस व कप्तान एबी डिविलियर्स तीसरे व चौथे नंबर पर उतरेंगे। इसके बाद डेविड मिलर और जेपी डुमिनी उतरेंगे।

डुमिनी ने 2015 विश्व कप के बाद से 30 के औसत से रन बनाए हैं और सिर्फ पांच अर्धशतक लगाए हैं। हालांकि इसके बावजूद उनकी जगह पक्की लग रही है। तेज गेंदबाज मोर्नी मोर्केल, क्रिस मॉरिस और कैगिसो रबादा भारतीय गेंदबाजों को परेशान करेंगे। स्पिनर के तौर पर उनके पास दुनिया के नंबर वन गेंदबाज इमरान ताहिर होंगे। पांचवें गेंदबाज के तौर वेन पर्नेल, एंडिले और बायें हाथ के स्पिनर केशव महाराज में से किसी को शामिल किया जा सकता है।

दक्षिण अफ्रीका के पाकिस्तान के खिलाफ हुए मैच में न ही बल्लेबाज चले थे और न ही गेंदबाज। अफ्रीका के लिए मिलर ने पिछले मैच में 75 रन बनाए थे, लेकिन डिविलियर्स अभी तक दो मुकाबलों में सिर्फ चार रन बना पाए हैं। वह भी कोहली की तरह एक मैच में शून्य पर आउट हुए।

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