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इन 5 गेंदबाजों ने ऑस्ट्रेलिया में बरपाया है कहर, एक से एक है धुरंधर

India Tour of Australia भारतीय टीम को एक बार फिर से ऑस्ट्रेलियाई सरजमीं पर अपना दमखम दिखाना है। इससे पहले के दौरों पर कई भारतीय गेंदबाजों ने कंगारू बल्लेबाजों पर कहर बरपाया है जिनमें कपिल देव का भी नाम शामिल है।

By Vikash GaurEdited By: Published: Thu, 19 Nov 2020 11:21 AM (IST)Updated: Thu, 19 Nov 2020 11:21 AM (IST)
इन 5 गेंदबाजों ने ऑस्ट्रेलिया में बरपाया है कहर, एक से एक है धुरंधर
भारत के कई गेंदबाजों ने ऑस्ट्रेलिया में अच्छा प्रदर्शन किया है। (फोटो बीसीसीआइ)

नई दिल्ली, जेएनएन। India Tour of Australia: भारतीय टीम को ऑस्ट्रेलिया में तीन-तीन मैचों की वनडे और टी20 सीरीज और फिर चार मैचों की टेस्ट सीरीज खेलनी है। इस दौरे पर सभी की नजरें टेस्ट सीरीज पर हैं। ये टेस्ट सीरीज आइसीसी वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप के तहत खेली जाएगी। ऐसे में हम उन भारतीय गेंदबाजों की बात करते हैं, जिन्होंने ऑस्ट्रेलियाई सरजमीं पर अपनी गेंदबाजी से विपक्षी टीम के होश उड़ाए हैं। इस लिस्ट में कपिल देव का भी नाम शामिल है।

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ऑस्ट्रेलिया की धरती पर भारत ने सिर्फ एक बार टेस्ट सीरीज जीतने में सफलता हासिल की है। भारत ने 2018-19 की टेस्ट सीरीज में कंगारू टीम को 2-1 से परास्त किया था, लेकिन उससे पहले भी कई बार खिलाड़ियों ने अपनी गेंदबाजी से सभी को प्रभावित किया है। पिछली सीरीज की बात करें तो उसमें तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह ने सभी को प्रभावित किया था। बुमराह अपने टेस्ट करियर के शुरुआती दिनों में थे और उन्होंने विराट कोहली की कप्तानी वाली टीम की गेंदबाजी विभाग में मजबूती दी थी।

जसप्रीत बुमराह का विकेटों का सिक्सर

तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह जब पहली बार ऑस्ट्रेलिया दौरे पर थे तब वह सिर्फ छह टेस्ट खेले थे। टेस्ट सीरीज में बॉक्सिंग डे टेस्ट टेस्ट मैच से पहले भारत और ऑस्ट्रेलिया की सीरीज 1-1 की बराबरी पर थी। तीसरे टेस्ट में मयंक अग्रवाल ने टेस्ट डेब्यू में अर्धशतक जड़ा था और भारत ने 443/7 रन बनाए थे। इसके जवाब में जसप्रीत बुमराह ने 33 रन देकर 6 विकेट हासिल किए थे। उनकी गति और अजीब एक्शन का ऑस्ट्रेलिया के बल्लेबाजों के पास कोई जवाब नहीं था।

443 रन के जवाब में ऑस्ट्रेलियाई टीम मेलबर्न के मैदान पर 151 रन पर ढेर हो गई थी। इसके बाद भारत ने दूसरी पारी 101/8 पर घोषित कर दी थी, जिसमें पैट कमिंस ने भारत के 6 बल्लेबाजों को आउट किया था। वहीं, 399 रन का लक्ष्य का पीछा करने उतरी कंगारू टीम 261 पर ढेर हो गई और भारत ने मुकाबला 131 रन से जीतकर 2-1 से बढ़त बनाई और फिर आखिरी मैच को ड्रॉ कराकर भारत ने सीरीज पर कब्जा कर इतिहास रच दिया।

पठान का दमदार प्रदर्शन

2007-08 की बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी के तीसरे टेस्ट के लिए पर्थ में भारत सिडनी टेस्ट मैच के विवादास्पद अंत से आहत था। पर्थ की उछालभरी, आग उगलने वाली पिच पर हर कोई परेशान हो रहा था, लेकिन अनिल कुंबले के नेतृत्व में भारत ने ऑस्ट्रेलिया को 72 रनों से हरा दिया था। भारत ने चौथी पारी में ऑस्ट्रेलिया के सामने 413 रन का लक्ष्य रखा था, जिसके जवाब में कंगारू टीम अच्छा प्रदर्शन कर रही थी, लेकिन इरफान पठान ने क्रिस रोजर्स और फिल जैक्स के बाद स्टुअर्ट क्लार्क को आउट किया और 3 विकेट चटकाकर भारत को जीत दिलाई। पठान ने बल्ले से 28 और 46 रन भी बनाए थे।

कुंबले के 8 विकेट

2004 का सिडनी टेस्ट हमेशा सचिन तेंदुलकर का कहा जाता है, लेकिन भारत के लिए यह बिना अनिल कुंबले के संभव नहीं होता। तेंदुलकर के नाबाद 241 रन बनाने के बाद भारत ने 705/7 रन बनाकर टीम को जीत दिलाई, कुंबले ने टेस्ट में विदेशों में अपने सर्वश्रेष्ठ गेंदबाजी आंकड़ों के साथ टीम में स्थान पक्का किया। मैथ्यू हेडन और जस्टिन लैंगर ने एक सपाट पिच पर 147 रन जोड़े थे और अगरकर और इरफान पठान के असफल रहने पर सौरव गांगुली ने गेंद कुंबले को सौंपी थी और लेग स्पिनर ने 10 में से अगले आठ विकेट 46.5 ओवरों में 8/141 के स्कोर पर गिराए। केवल स्टीव वॉ और एडम गिलक्रिस्ट ही कुंबले के शिकार नहीं बने थे, लेकिन पठान की अविश्वसनीय रिवर्स स्विंग ने उन्हें चलता किया था।

अगर का 'छक्का'

ऑस्ट्रेलिया में एडिलेड में 2003 में टेस्ट मैच की पहली पारी में राहुल द्रविड़ ने शानदार दोहरा शतक जमाया था, जिसके बाद वीवीएस लक्ष्मण ने भी शतक जड़ा था और भारत ने ऑस्ट्रेलिया के 556 के जवाब में 523 रन बनाए थे। दूसरी पारी में अजीत अगरकर ने शानदार स्पेल किया और भारत ने 22 साल के बाद ऑस्ट्रेलिया की धरती पर टेस्ट मैच में जीत हासिल की। अगरकर ने एडिलेड में दूसरी पारी में 41 रन देकर 6 विकेट झटके।

कपिल देव का 'पंच

भारत ने ऑस्ट्रेलिया में 1981 में टेस्ट सीरीज ड्रॉ कराई थी। आखिरी टेस्ट मैच की दूसरी पारी में कपिल देव के पंजे में कंगारू टीम के पांच बल्लेबाज फंसे थे। एडिलेड में दूसरा टेस्ट मैच ड्रॉ होने के बाद भारत को सीरीज बराबर करने के लिए जीत चाहिए थी। भारत ने मेलबर्न में पहले बल्लेबाजी करते हुए 237 रन बनाए थे, जिसके जवाब में ऑस्ट्रेलिया ने 419 रन बनाए और फिर भारत 324 रन बनाकर ऑल आउट हो गया। ऐसे में जीत के लिए कंगारू टीम के सामने 143 रन का लक्ष्य था, लेकिन कपिल देव (28 रन देकर 5 विकेट) के आगे ऑस्ट्रेलिया ने 83 रन पर घुटने टेक दिए और भारत ने 59 रन से मैच जीत लिया।


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