Move to Jagran APP

जब MS Dhoni ने ठोका हेलिकॉप्टर सिक्स और फिर भारत में शुरू हो गया दिवाली जैसा जश्न

आज से ठीक 9 साल पहले महेंद्र सिंह धौनी ने हेलिकॉप्टर सिक्स लगाकर भारतीय टीम को दूसरी बार विश्व विजेता बनाया था।

By Vikash GaurEdited By: Published: Thu, 02 Apr 2020 09:31 AM (IST)Updated: Thu, 02 Apr 2020 09:31 AM (IST)
जब MS Dhoni ने ठोका हेलिकॉप्टर सिक्स और फिर भारत में शुरू हो गया दिवाली जैसा जश्न
जब MS Dhoni ने ठोका हेलिकॉप्टर सिक्स और फिर भारत में शुरू हो गया दिवाली जैसा जश्न

नई दिल्ली, जेएनएन। 2 अप्रैल साल 2011 में रात को भारत में दिवाली जैसा जश्न था। आप सोच रहे होंगे कि अप्रैल में कौन सी दिवाली होती है, तो आप भी इस बात को स्वीकार कर पाएंग कि आज से ठीक 9 साल पहले भारत ने दिवाली मनाई थी। दरअसल, भारतीय टीम ने 2 अप्रैल 2011 को श्रीलंका को हराकर दूसरी बार वर्ल्ड कप जीता था, जब कप्तान महेंद्र सिंह धौनी ने हेलिकॉप्टर सिक्स लगाकर भारतीय टीम को विश्व विजेता बनाया था।

loksabha election banner

2 अप्रैल 2011 को मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में भारत और श्रीलंकाई टीम के बीच वर्ल्ड कप 2011 का फाइनल मुकाबला खेला गया था, जिसमें श्रीलंकाई टीम के कप्तान कुमार संगकारा ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने का फैसला किया था। श्रीलंका ने पहले बल्लेबाजी करते हुए निर्धारित 50 ओवर में 6 विकेट के नुकसान पर 274 रन बनाए थे। श्रीलंका की ओर से महेला जयवर्धने ने शतकीय पारी खेली थी।

जयवर्धने ने ठोका शतक

दाएं हाथ के दिग्गज बल्लेबाज महेला जयवर्धने ने 88 गेंदों में 103 रन की नाबाद पारी खेली थी, जिसमें 13 चौके शामिल थे। जयवर्धने के अलावा कुमार संगकारा ने 67 गेंदों में 48 रन की पारी खेली थी, जबकि तिलरत्ने दिलशान ने 33, नुवान कुलसेकरा ने 32 और थिसारा परेरा ने 22 रन की पारी खेली थी। मुंबई के छोटे ग्राउंड पर ये स्कोर भारत की मजबूत बैटिंग लाइन के सामने बौना लग रहा था, लेकिन वर्ल्ड कप का फाइनल था इसलिए स्कोर काफी था।

भारतीय टीम 277 रन के लक्ष्य का पीछा करने उतरी तो पहले ही ओवर की दूसरी गेंद पर सलामी बल्लेबाज वीरेंद्र सहवाग आउट हो गए। स्टेडियम और टीवी सेट्स के सामने खामोशी पसर गई। यहां से लोग खुद को संभाल सकते थे, क्योंकि क्रीज पर क्रिकेट के भगवान कहे जाने वाले सचिन तेंदुलकर थे। सचिन तेंदुलकर ने गौतम गंभीर के साथ पारी को आगे बढ़ाया, लेकिन वे 18 रन बनाकर लसिथ मलिंगा के दूसरे शिकार बने और फिर सभी ने टीवी देखना बंद कर दिया।

और फिर क्रीज पर आए धौनी

यहां से भारत को संभालने की जिम्मेदारी गौतम गंभीर और विराट कोहली की थी। विराट और गंभीर ने टीम के लिए छोटी सी साझेदारी की, लेकिन विराट 35 रन बनाकर आउट हो गए। हालांकि, उस समय तक भारत का स्कोर 110 के पार हो गया था। ऐसे में बल्लेबाजी करने नंबर 5 पर एमएस धौनी आए, जिसकी किसी भी शख्स को उम्मीद नहीं थी, क्योंकि युवराज सिंह पूरे विश्व कप में शानदार फॉर्म थे जो नंबर 5 पर खेलते आ रहे थे और अच्छी पारियां खेल चुके थे।

लेकिन, वही बात है न कि धौनी हर अनहोनी को होनी कर देते हैं। एमएस धौनी ने गौतम गंभीर के साथ पारी को आगे बढ़ाया। शुरुआत में कुछ शॉट खेलकर श्रीलंकाई गेंदबाजों पर दबाव बनाया, लेकिन फिर धीमे-धीमे लक्ष्य की ओर बढ़ते चले गए। 223 रन भारत का स्कोर हो गया था। इसी बीच गौतम गंभीर 97 रन के स्कोर पर आउट हो गए। हालांकि, तब तक भारत की जीत लगभग सुनिश्चित हो चुकी थी, क्योंकि अभी युवराज सिंह और सुरेश रैना जैसे बल्लेबाजों को आना था।

धौनी एकछोर पर डटे रहे, जबकि दूसरे छोर से युवराज सिंह रन बनाते रहे। भारत ने 49वें ओवर की दूसरी गेंद पर नुवान कुलसेकरा को मिड ऑन पर लंबा छक्का ठोका, जो कि लगभग हेलिकॉप्टर शॉट था। इसी के बाद भारत में दिवाली जैसा माहौल शुरू हो गया, क्योंकि 28 साल के अंतराल के बाद भारतीय टीम ने विश्व कप जीता था। इससे पहले 1983 में कपिल देव की कप्तानी में टीम विश्व चैंपियन बनी थी।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.