टेस्ट चैंपियनशिप में पहली बार भारत को मिल सकती है कड़ी चुनौती, पिंक बॉल से मची खलबली
India vs Bangladesh Day-Night Test पिंक बॉल से होने वाले इस डे-नाइट टेस्ट मैच में भारत से सामने कड़ी चुनौती हो सकती है।
नई दिल्ली, अभिषेक त्रिपाठी। विराट कोहली की टीम ने पिछले साल ऑस्ट्रेलिया में डे-नाइट टेस्ट खेलने से मना कर दिया था, क्योंकि उसे पता था कि अगर वह एडिलेड में यह टेस्ट मैच खेलती तो उसका हारना लगभग तय होता, इससे उसकी ऑस्ट्रेलिया में पहली बार टेस्ट सीरीज जीतने की संभावनाएं धूमिल हो जातीं। यही वजह है कि विराट ने तत्कालीन प्रशासकों की समिति (सीओए) को इस बात के लिए मना लिया था कि भारतीय टीम ऑस्ट्रेलिया में डे-नाइट टेस्ट नहीं खेले और ऐसा ही हुआ।
इसके बाद भारतीय टीम ने स्टीव स्मिथ और डेविड वॉर्नर की अनुपस्थिति का फायदा उठाते हुए पहली बार ऑस्ट्रेलिया में 2-1 से टेस्ट सीरीज जीती। विनोद राय की अध्यक्षता वाली सीओए के रहते तो विराट एंड कंपनी गुलाबी गेंद से होने वाले टेस्ट मैच से बचती रही, लेकिन सौरव गांगुली के बीसीसीआई अध्यक्ष बनते ही अब उसे अपना पहला डे-नाइट टेस्ट खेलना ही होगा।
3 दिन में जीता पहला टेस्ट, लेकिन अब गुलाबी गेंद होगी सामने
भारतीय टीम शुक्रवार से बांग्लादेश के खिलाफ अपना पहला डे-नाइट टेस्ट खेलेगी। दो मैचों की सीरीज में भारत ने इंदौर में हुए पहले टेस्ट में लाल गेंद से बांग्लादेश को तीन दिन में पारी और 130 रनों से जीत लिया था, लेकिन गुलाबी गेंद से टीम इंडिया क्या करेगी ये उसे भी नहीं पता है। विश्व टेस्ट चैंपियनशिप की अंक तालिका में पहले स्थान पर काबिज भारतीय क्रिकेट टीम को घरेलू परिस्थितियों पहली बार चुनौती मिलने की उम्मीद है।
ऐसा इसलिए है, क्योंकि अब तक खेले गए 11 डे-नाइट टेस्ट में छह टेस्ट पूरे पांच दिन तक नहीं चल सके। इससे साफ है कि डे-नाइट टेस्ट में गेंदबाजों को खासकर तेज गेंदबाजों को काफी सफलता मिलती है। यही वजह है कि भारतीय टीम के लिए कोलकाता में विश्व टेस्ट चैंपियनशिप में अब तक की सबसे बड़ी चुनौती इंतजार कर रही है।
गेंदबाजों को मिलती है मदद
डे-नाइट टेस्ट में तेज गेंदबाजों को दूधिया रोशनी में काफी मदद मिलती है। इसकी सबसे बड़ी वजह यह है कि गुलाबी गेंद पर एक अतिरिक्त परत होती है जो इसे जल्दी से पुरानी नहीं होने देती है। ऐसे में तेज गेंदबाज हवा से मिल रही मदद और अपने कौशल का भरपूर इस्तेमाल करके बल्लेबाजों के लिए मुश्किल खड़ी कर देते हैं। यही वजह रही कि इंदौर में खेला गया पहला टेस्ट तीन दिन में समाप्त होने के बाद बचे दिनों में दोनों टीम ने इंदौर में ही रहकर गुलाबी गेंद से दूधिया रोशनी में अभ्यास करना ज्यादा सही समझा।
कुलदीप को मिल सकता है मौका
गुलाबी गेंद की सीम सफेद की जगह काली होती है। ऐसे में रात में दूधिया रोशनी में यह गेंद बल्लेबाजों के लिए परेशानी का सबब बनती है। इस गेंद से अंगुली के स्पिनरों से ज्यादा कलाई के स्पिनर ज्यादा सफल रहे हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि काली सीम की वजह से बल्लेबाजों का यह अनुमान लगाना मुश्किल हो जाता है कि गेंद किस ओर घूमेगी। यही वजह है कि कोलकाता टेस्ट में कलाई के स्पिनर कुलदीप यादव को मौका मिल सकता है।
No days off. #one8innerwear pic.twitter.com/ZlSdwSikqb— Virat Kohli (@imVkohli) 18 November 2019
एक भी दिन का आराम नहीं- कोहली
भारतीय टीम के कप्तान विराट कोहली ने कहा है कि बेशक टीम ने पहला टेस्ट तीन दिन में जीत लिया है लेकिन वह एक भी दिन के आराम करने के मूड में नहीं हैं। भारत ने इंदौर के होलकर स्टेडियम में खेले गए पहले टेस्ट मैच में बांग्लादेश को मात दे दो मैचों की सीरीज में 1-0 की ब़़ढत ले ली है। कोहली ने सोमवार को जिम में वर्कआउट करते हुए एक वीडियो पोस्ट किया है,जिसके कैप्शन में लिखा है नो डेज ऑफ (एक भी दिन आराम नहीं)।