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पाकिस्तान से जीतने के लिए, इस 'लड़ाई' पर भी दर्ज़ करनी होगी भारत को जीत

बोर्ड के एक-आध लोग भले ही कुंबले से नाराज हों, लेकिन अधिकतर लोग उन्हें बनाए रखने के पक्ष में हैं। उनको हटाने का कोई कारण नहीं दिखता।

By Pradeep SehgalEdited By: Published: Sun, 04 Jun 2017 10:16 AM (IST)Updated: Sun, 04 Jun 2017 02:09 PM (IST)
पाकिस्तान से जीतने के लिए, इस 'लड़ाई' पर भी दर्ज़ करनी होगी भारत को जीत
पाकिस्तान से जीतने के लिए, इस 'लड़ाई' पर भी दर्ज़ करनी होगी भारत को जीत

नई दिल्ली, अभिषेक त्रिपाठी। जब भारतीय टीम को अपना फोकस खेल पर लगाना चाहिए था तो उसको कप्तान विराट कोहली और कोच अनिल कुंबले के बीच विवाद से जूझना पड़ रहा है। टीम को रविवार को चैंपियंस ट्रॉफी के अपने पहले मुकाबले में ही चिरप्रतिद्वंद्वी पाकिस्तान से भिड़ना है। ऐसे में इस विवाद से बचने की जरूरत थी। भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआइ) के कई पदाधिकारी भी इस विवाद से हैरान हैं। हालांकि उन्हें भी पता है कि इसके पीछे बोर्ड के ही कुछ लोगों का हाथ है।

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बीसीसीआइ के एक दिग्गज ने कहा कि आइपीएल फाइनल के दौरान हैदराबाद में कुंबले ने सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त प्रशासकों की समिति (सीओए) और बोर्ड के पदाधिकारियों के समक्ष एक प्रस्ताव रखा था। उसमें उन्होंने अपना वेतन 6.5 करोड़ से 7.5 करोड़ रुपये प्रति वर्ष करने के साथ खिलाड़ियों के ए, बी और सी ग्रेड के करार में भी अच्छी वृद्धि की बात की थी। यही नहीं उन्होंने खुद कहा था कि टीम के कप्तान को ए ग्रेड के खिलाड़ी से 25 फीसद अतिरिक्त धन मिलना चाहिए। उनके प्रस्ताव को विराट का भी समर्थन था। कुंबले खुद विराट को ज्यादा धन देने की बात कर रहे थे तो ऐसे में इन दोनों के बीच विवाद की बात कहां सामने आ गई।

बोर्ड के एक-आध लोग भले ही कुंबले से नाराज हों, लेकिन अधिकतर लोग उन्हें बनाए रखने के पक्ष में हैं। उनको हटाने का कोई कारण नहीं दिखता। उनके कोच बनने के बाद टीम ने अच्छा प्रदर्शन किया है। उम्मीद है कि पाकिस्तान के मैच के बाद सब ठीक हो जाएगा, क्योंकि सीओए प्रमुख विनोद राय, बीसीसीआइ के कार्यवाहक सचिव अनिरुद्ध चौधरी और सीईओ राहुल जौहरी इंग्लैंड में ही हैं। राय निजी दौरे पर इंग्लैंड गए हैं, जबकि बाकी दोनों बीसीसीआइ के प्रतिनिधि के तौर पर गए हैं। इन तीनों को ही 6-7 जून को वापस भारत लौटना है। निश्चित तौर पर इससे पहले वे कोहली-कुंबले से बात करके इन दोनों के बीच अगर कुछ गलतफहमी होगी तो उसको खत्म कर लेंगे।

इसके साथ ही उन्होंने बताया कि इस बार टीम इंडिया के नए कोच के चयन में कप्तान की मर्जी नहीं चलेगी। राय ने बोर्ड को यह साफ कर दिया है। इससे पहले तक कोच की नियुक्ति में कप्तान से सलाह-मशविरा किया जाता रहा है। कोच की नियुक्ति क्रिकेट सलाहकार समिति अपने अनुसार करेगी। इस समिति में सचिन तेंदुलकर, गांगुली और वीवीएस लक्ष्मण शामिल हैं। विराट सिर्फ अपनी पसंद बता सकते हैं, लेकिन इस पर अंतिम फैसला सीएसी ही करेगी। राय लंदन में सीएसी के सदस्यों और टीम के खिलाड़ियों के साथ एक बैठक करेंगे, जिसमें बोर्ड के अधिकारी भी भाग लेंगे।

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