दिनेश कार्तिक ने इस तरह जीत में बदली हारी हुई बाजी, कायम रहा इतिहास
कार्तिक को इस बेहतरीन पारी के लिए मैन ऑफ द मैच के खिताब से नवाज़ा गया। लेकिन उनकी ये पारी एक और वजह से खास रही।
नई दिल्ली, [जागरण स्पेशल]। 14 साल का अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट करियर, लेकिन टीम में अंदर और बाहर होने का दर्द, टीम का नियमित खिलाड़ी नहीं बन पाने की टीस। यह सब वो इम्तिहान हैं, जो आज तक दिनेश कार्तिक अपने करियर में देते आ रहे थे। खुद को साबित करना था, खुद के दम पर जीत दिलाने की तमन्ना थी और कार्तिक के लिए रविवार को त्रिकोणीय टी-20 सीरीज के फाइनल में बांग्लादेश के खिलाफ वो मौका आ ही गया।
कार्तिक ने किया करिश्मा
एक समय हार की दहलीज पर खड़ी भारतीय टीम को दिनेश कार्तिक ने आठ गेंद में नाबाद 29 रन की पारी खेलकर टीम इंडिया ही नहीं प्रेमदासा स्टेडियम में मौजूद श्रीलंका टीम के प्रशंसकों को भी खुशी दे दी। भारत ने बांग्लादेश से मिले 167 रन के लक्ष्य को मैच की आखिरी गेंद पर कार्तिक के छक्के की बदौलत हासिल कर लिया। इसी के साथ उन्होंने वनडे क्रिकेट के एक मुकाबले में भारत के खिलाफ पाकिस्तान के जावेद मियांदाद के लगाए छक्के की याद को भी ताजा कर दिया। मैच की आखिरी 12 गेंद बची थी और भारत को जीत के लिए अभी भी 34 रनों की दरकार थी और भारत के पांच विकेट गिर चुके थे। इसके बाद कार्तिक ने आखिरी के दो ओवरों में विस्फोटक पारी खेलते हुए बांग्लादेश को नागिन डांस करने से महरूम कर दिया।
इस तरह कार्तिक ने दिलाई जीत
कार्तिक मैदान पर उतरे थे तो टीम इंडिया को जीत के लिए 12 गेंदों में 34 रन की जरूरत थी। वो भारतीय पारी का 19वां और खेल रहे थे और उनके सामने जो गेंदबाज थे, वो थे रुबेल हुसैन। हुसैन को बांग्लादेश का काफी किफायती गेंदबाज माना जाता है, लेकिन कार्तिक तो कुछ और ही सोच कर मैदान पर उतरे थे। रुबेल हुसैन ने पहली गेंद फेंकी तो कार्तिक ने उसको फुलटॉस बनाकर उस पर एक दमदार छक्का जड़ दिया। इसके बाद दूसरी गेंद पर कार्तिक ने एक शानदार चौका लगाकर 2 गेंदों में 10 रन बटोरे लिए। अब टीम इंडिया को जीत के लिए 10 गेंदों में 24 रन की जरूरत थी। रुबेल हुसैन की अगली गेंद पर कार्तिक ने जोरदार छक्का लगाकर भारतीय फैंस की इस मैच को जीतने की उम्मीदें को जगा दिया। इस तरह कार्तिक ने सिर्फ तीन गेंदों पर 16 रन बना लिए थे। हुसैन की अगली गेंद पर कार्तिक कोई रन नहीं बना सके, लेकिन पांचवी गेंद पर उन्होंने 2 रन बनाए और फिर ओवर की आखिरी गेंद पर चौका जड़कर हुसैन के एक ओवर में उन्होंने 22 रन बटोर लिए।
आखिरी ओवर का रोमांच
आखिरी ओवर में टीम इंडिया को जीत के लिए 6 गेंदों में 12 रन की जरूरत थी। इस पारी का आखिरी ओवर सौम्य सरकार ने फेंका और पहली ही गेंद उन्होंने वाइड फेंक दी। इस ओवर की पहली गेंद पर विजय शंकर कोई रन नहीं बना सके अगली गेंद पर उन्होंने 1 रन लेकर स्ट्राइक कार्तिक को दे दी। इस ओवर की तीसरी गेंद पर कार्तिक ने भी 1 रन बनाया और अब भारत को जीत के लिए 3 गेंदों पर 10 रन की जरूरत थी। स्ट्राइक पर थे विजय शंकर। शंकर ने तीसरी गेंद पर चौका लगाकर भारतीय फैंस को झूमने का एक मौका दे दिया, लेकिन अगली ही गेंद पर बड़ा शॉट लगाने की कोशिश में वो कैच आउट हो गए। अब भारतीय टीम को जीत के लिए 1 गेंद में 5 रन की जरूरत थी और स्ट्राइक पर थे दिनेश कार्तिक। भारतीय फैंस की धड़कन बढ़ी हुई थी, न सिर्फ मैदान के अंदर बैठे दर्शकों का दिल धक-धक कर रहा था, बल्कि टीवी पर मैच देख रहे दर्शकों के भी पसीने छूट रहे थे। दोनों टीमों के खेमों में टेंशन का माहौल था। ये एक गेंद न सिर्फ मैच बल्कि सीरीज के विजेता का फैसला करने वाली थी। स्कोर बराबर करने के लिए भारतीय टीम को 4 रन की जरूरत थी, तो मैच जीतने के लिए टीम इंडिया को 6 रन चाहिए थे। इसी बीच सौम्य सरकार इस गेंद को फेंकने के लिए दौड़ पड़े उधर कार्तिक भी तैयार थे। सरकार ने गेंद फेंकी और कार्तिक ने जोरदार शॉट लगाकर गेंद को हवाई रास्ते से बाउंड्री के बाहर फेंक दिया और टीम इंडिया ने इस तरह एक खिताबी मुकाबला जीतकर निदास ट्रॉफी को अपने नाम कर लिया।
इस वजह से भी खास रही कार्तिक की पारी
भारतीय टीम की जीत के हीरो रहे दिनेश कार्तिक कार्तिक ने अपनी 8 गेंदों की छोटी सी पारी में 3 छक्के और 2 चौके लगाकर भारत को खिताब का विजेता बना दिया। कार्तिक को इस बेहतरीन पारी के लिए मैन ऑफ द मैच के खिताब से नवाज़ा गया। लेकिन उनकी ये पारी एक और वजह से खास रही। उन्होंने भारत को ये मुकाबला जीताकर टी 20 क्रिकेट में बांग्लादेश के खिलाफ भारत के रिकॉर्ड को बरकरार रखा। बांग्लादेश की टीम भारत को कभी भी टी 20 मुकाबलों में नहीं हरा सकी है। इन दोनों टीमों के बीच आजतक 8 टी 20 मैच खेले गए हैं और सभी में जीत भारत की ही हुई है।