19 साल पहले आज ही के दिन दादा ने पाकिस्तान के कुछ इस तरह उड़ाए थे होश
वो यादगार मुकाबला हमेशा दादा के 'सरप्राइज पैकेज' के रूप में जाना जाएगा।
(शिवम् अवस्थी), नई दिल्ली। कुछ मुकाबले ऐसे होते हैं जो आप कभी नहीं भूल सकते। ऐसा ही एक मुकाबला आज से 19 साल पहले 18 सितंबर 1997 को भारत और पाकिस्तान के बीच हुआ था। ये मुकाबला न तो भारत में हुआ था और न पाकिस्तान में, बल्कि ये वनडे मैच कनाडा के टोरंटो में खेला गया था। इस मैच में सचिन तेंदुलकर की कप्तानी में खेल रही भारतीय टीम में एक खिलाड़ी ऐसा भी था जो अपने करियर के शुरुआती चरण में था। वो खिलाड़ी थे दादा यानी सौरव गांगुली। इस मैच में उन्होंने कुछ ऐसा किया कि पाकिस्तान के साथ-साथ पूरी दुनिया हैरान रह गई।
- 2 रन पर हुए आउट
गांगुली उस समय अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में एक नई खोज के रूप में देखे जा रहे थे। उनके ऊपर ओपनिंग की जिम्मेदारी थी। भारत-पाकिस्तान के बीच टोरंटो में इस छह मैचों की वनडे सीरीज में भारत पहले दो मैच जीत चुका था हालांकि दादा दोनों मैचों में कुछ खास नहीं कर पाए थे। तीसरे वनडे मैच का कोई नतीजा नहीं निकला यानी अगर अगले वनडे में भारत जीत दर्ज कर लेता तो सीरीज जीत जाता। दादा इस मैच में 20 गेंदों पर 2 रन बनाकर आउट हो गए और सबको निराश कर दिया। सचिन भी 0 पर आउट हो गए। गनीमत थी कि अजहरुद्दीन के 67 रन के दम पर भारत 182 के स्कोर तक पहुंच सका।
...जब इन खिलाड़ियों ने आखिरी गेंद पर छक्के से बदली अपनी टीम की किस्मत
- फिर वो हुआ जिसकी किसी को उम्मीद नहीं थी....
पाकिस्तान की जीत निश्चित लग रही थी क्योंकि उनके सामने सिर्फ 183 रनों का मामूली लक्ष्य था। इस वनडे मैच से पहले दादा ने अपने पूरे करियर में कुल 7 विकेट ही लिए थे लेकिन इसके बावजूद कप्तान सचिन ने उन पर भरोसा दिखाया और फिर जो हुआ वो स्वर्णिम अक्षरों में लिखा गया।
जिस गांगुली को दुनिया एक बल्लेबाज के रूप में देख रही थी उसी गांगुली ने अपनी मीडियम पेस गेंदबाजी के दम पर 10 ओवर में महज 16 रन देते हुए 5 विकेट ले डाले और इस दौरान तीन मेडन ओवर भी किए। विकेट भी ऐसे-वैसे नहीं, उन्होंने इजाज अहमद, सलीम मलिक, मोइन खान और हसन रजा जैसे दिग्गजों के अलावा आकिब जावेद को भी आउट किया। उनके दम पर भारत ने पाकिस्तान को 36.5 ओवर में ही 148 रन पर समेट दिया और 34 रनों से यादगार जीत दर्ज की। भारत ने सीरीज पर 3-0 की अजेय बढ़त हासिल की, गांगुली पहली बार गेंदबाजी के लिए 'मैन ऑफ द मैच' चुने गए और उनका वो प्रदर्शन हमेशा के लिए उनका सर्वश्रेष्ठ गेंदबाजी प्रदर्शन बन गया।