इस भारतीय खिलाड़ी ने एक पारी में चटकाए सभी 10 विकेट, कर दिया कमाल
श्रीकांत ने ये उपलब्धि किसी कमजोर टीम के खिलाफ नहीं बल्कि लीग से सबसे तगड़ी टीम के खिलाफ हासिल की।
नई दिल्ली, [जागरण स्पेशल]। भारतीय टीम इन दिनों इंग्लैंड के दौरे पर है और उसे मंगलवार से तीन मैचों की टी-20 सीरीज की शुरूआत करनी है, लेकिन इससे पहले विदर्भ के एक तेज गेंदबाज़ ने इंग्लैंड में ही काउंटी क्रिकेट मे दस विकेट लेने का कमाल कर दिखाया। श्रीकांत ने ये उपलब्धि किसी कमजोर टीम के खिलाफ नहीं बल्कि लीग से सबसे तगड़ी टीम के खिलाफ हासिल की।
श्रीकांत ने ऐसे किया कमाल
वॉ इंग्लैंड में स्टोक्स्ले क्रिकेट क्लब की ओर से खेलते हुए अपना सपना पूरा करने में कामयाब रहे जब शनिवार को इंग्लिश क्रिकेट बोर्ड की प्रीमियर डिविजन लीग, नॉर्थशायर एंड साउथ डरहम (एनवायएसडी) क्रिकेट लीग के एक लीग मैच में मिडिलब्रो के सभी दस विकेट अपनी झोली में डाल लिए। टीओआई की खबर के मुताबिक, श्रीकांत के प्रदर्शन के दमपर उनका क्लब स्टोक्स्ले को मिडिलब्रो क्रिकेट क्लब पर रिकॉर्ड 135 रनों की जीत हासिल करने में कामयाब रहा, जो एनवायएसडी के सबसे तगड़ी टीम मानी जाने वाली टीम है। दस विकेट लेने के अलावा श्रीकांत ने केवल 28 गेंदों में ही कीमती 41 रनों का भी योगदान दिया जिसमें एक चौका और चार छक्के शामिल थे।
स्टोकस्ले क्लब ने अपने ट्विटर हैंडल पर भी स्कोरबोर्ड शेयर करते हुए लिखा कि एससीजी पर अविश्वस्नीय दृश्य देखने को मिले जब श्रीकांत ने मिडिलब्रो के 10 विकेट लेते हुए रिकॉर्ड 25 अंकों की जीत दर्ज कराई।
Incredible scenes at the SCG as Shrikant takes all 10 Middlesbrough wickets to record a 25 point win! pic.twitter.com/yvQaTtS4Ap — StokesleyCricketClub (@Stokesley_CC) June 30, 2018
पहले भी दिखाया है दम
आपको बता दें कि श्रीकांत इससे पहले भी एक बार पारी में नौ विकेट चटका चुके थे और तब वो सिर्फ एक विकेट लेने से चूक गए थे। साल 2003-04 में श्रीकांत अंडर-19 एशिया कप में बांग्लादेश के खिलाफ 10 विकेट लेने से सिर्फ एक विकेट से चूक गए थे। उन्हें उस मैच में 9 विकेट से ही संतोष करना पड़ा था। लेकिन इस बार उन्होंने अपने सपने को पूरा कर 10 विकेट लेकर ही दम लिया।
एनवायएसडी क्रिकेट ने भी अपने ट्विटर हैंडल में स्कोर कार्ड ट्वीट करते हुए लिखा कि यह स्टोक्स्ले के श्रीकांत इसे हमेशा याद रखेंगे।
A scorecard to remember for @Stokesley_CC pro Shrikant Wagh pic.twitter.com/V8xWqB9zBv — Official NYSDCricket (@NYSDCricket) June 30, 2018
वॉ के साथी स्टोक्स्ले खिलाड़ी डेम्स वेवेल अपने साथी की 10 विकेट लेने की उपलब्धि से खासे प्रभावित दिखे। मैच के बाद उनका कहना था, “मैने पहली बार किसी पारी में एक ही खिलाड़ी को 10 विकेट लेते देखा है। वह पहली ही गेंद से काफी तेज, स्विंग और सीम गेंदें फेंक रहा था। उसने तीन ओवर में सात विकेट ले लिए थे। मैं दूसरी स्लिप पर खड़ा उसके स्पेल की हर गेंद को ध्यान से देख रहा था और इस बात से खुश था कि मैं स्लिप पर खड़ा हूं और बल्लेबाजी करने वाली टीम में नहीं खेल रहा हूं। उसने कयामत ढाने वाला स्पेल डाला। श्री को बधाई, वह वाकई इसका हकदार था।”
Shrikant Wagh, a left-arm pacer who plays for Vidarbha in domestic cricket, has achieved a rare milestone as he has scalped 10 wickets in an innings. He is currently playing league cricket for Stokesley Club in England. pic.twitter.com/F7uQyoCrvq — ChaitanyaChinchlikar (@filmy_foodie) July 2, 2018
वॉ एनवायएसडी के टॉप गेंदबाज़ों में से एक हैं। उन्होंने 11.49 के औसत और 24.76 के स्ट्राइक रेट से 33 विकेट लिए हैं।
इस वजह से आए चर्चा में
साल 2005 में श्रीकांत वॉ क्रिकेट खेलने आए तो वे टीम इंडिया के पेसर इरफान पठान की तरह दिखने की वजह से चर्चा में थे। पठान की तरह ही बड़ौदा से आए श्रीकांत अपने आदर्श इरफान की तरह ही बाएं हाथ की गेंदबाज़ी के साथ, बल्लेबाजी भी करने की क्षमता रखते हैं। जल्दी ही विदर्भ की अगुआई करने वाले श्रीकांत ने जल्दी ही साबित कर दिया की वे केवल दिखने में इरफान जैसे नहीं है बल्कि उनकी प्रतिभा भी इरफान की तरह है और वे इसे तराशने में कोई कसर छो़ड़ने को तैयार नहीं हैं।
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मिला मेहनत का फल
पिछले साल तक विदर्भ के गेंदबाज़ी कोच रहे सुब्रोतो बनर्जी का कहना है कि यह एक महान उपलब्धि है। किसी भी खेल के किसी भी स्तर पर 10 विकेट लेना बड़ी बात है। ऐसा रोज रोज नहीं होता। उसे इस पर गर्व होना चाहिेए और इससे भी ज्यादा हासिल करने के लिए मेहनत करते रहना चाहिए। बुलढाणा के 29 साल के श्रीकांत के लिए कामयाबी ऐसे वक्त आई है जब वे पिछले कुछ सालों में चोटों से जूझते हुए विदर्भ की टीम में वापसी की कोशिश कर रहे थे। सात साल पहले ही उन्होंने उमेश यादव के साथ मिलकर विदर्भ के लिए शानदार प्रदर्शन किया था जिसके वे पिछले पांच छह सालों से विदर्भ की गेंदबाज़ी की अगुआई कर रहे थे।