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34 चौके और इतने छक्के जड़कर बनाए 280 रन, तीन मैचों में जड़ा तीसरा शतक

एक बच्चे को भारतीय क्रिकेटर सुरेश रैना ने अपने साथ कैच का अभ्यास कराने के लिए बुलाया। वह उसकी क्षमता देखकर बेहद खुश हुए और उसे अपना चश्मा तोहफे में दिया था।

By Pradeep SehgalEdited By: Published: Tue, 20 Nov 2018 11:25 AM (IST)Updated: Tue, 20 Nov 2018 12:45 PM (IST)
34 चौके और इतने छक्के जड़कर बनाए 280 रन, तीन मैचों में जड़ा तीसरा शतक
34 चौके और इतने छक्के जड़कर बनाए 280 रन, तीन मैचों में जड़ा तीसरा शतक

नई दिल्ली, निखिल शर्मा। सन 2011 में मेरठ के गांधी बाग स्टेडियम में उत्तर प्रदेश और सौराष्ट्र की टीमों के बीच रणजी मुकाबला खेला गया था। तब एक बच्चे को भारतीय क्रिकेटर सुरेश रैना ने अपने साथ कैच का अभ्यास कराने के लिए बुलाया। वह उसकी क्षमता देखकर बेहद खुश हुए और उसे अपना चश्मा तोहफे में दिया था। रैना ने तब समीर रिजवी की क्षमता को सही पहचाना। आज समीर उत्तर प्रदेश की अंडर-16 क्रिकेट टीम का कप्तान है।

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सोमवार को तो समीर ने मेरठ के भामाशाह पार्क में बीसीसीआइ की अंडर-16 विजय मर्चेट ट्रॉफी के मुकाबले में उत्तराखंड के खिलाफ एक ही दिन में 238 गेंदों में 34 चौके और पांच छक्कों की मदद से 280 रन ठोक दिए, जिसकी बदौलत उत्तर प्रदेश की टीम दूसरे दिन का खेल खत्म होने तक पहली पारी में चार विकेट 489 रन बना चुकी है। इससे पहले उत्तराखंड की पहली पारी 227 रन पर सिमट गई थी।

अब तक खेले तीन मुकाबलों में समीर 538 रन बना चुके हैं। यूपी क्रिकेट के चयनकर्ताओं के सामने 15 वर्ष के समीर ने मैदान के चारों ओर शॉट लगाए। हालांकि वह दिन का खेल खत्म होने के दो ओवर पहले आउट हो गए और तिहरा शतक जड़ने से चूक गए।

समीर का कमाल

समीर अब तक खेले तीन मैचों में 538 रन बना चुके हैं। यह लगातार तीसरा मौका है जब समीर ने शतक जड़ा। अपने करियर का पहला दोहरा शतक जड़ने से पहले समीर पिछले दो मुकाबलों में 108 और 150 रन की पारियां खेल चुके हैं। समीर की यह शानदार फॉर्म इसी वर्ष नहीं आई। समीर ने पिछले सत्र में भी सात मैचों में 600 रन बनाए थे, जबकि उससे पिछले सत्र में वह पांच मैचों में 415 रन बना चुके हैं। समीर की काबिलियत को ही देखते हुए उन्हें हाल ही में भारतीय अंडर-19 टीम में शामिल किया गया था।

समीर के अंदर क्रिकेट को लेकर कुछ ऐसा जुनून है कि चाहे भरी गर्मी हो या ठिठुरन भरी सर्दी, पिछले नौ वर्षो से वह रोज सुबह छह बजे गांधी बाग पहुंच जाता है और देर शाम तक मामा और कोच तनकीब अख्तर के निर्देशन में अभ्यास करता है। 

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