तो क्या सचमुच धौनी और अश्विन के बीच बातचीत बंद है?
भारत के सीमित ओवरों के कप्तान महेंद्रसिंह धौनी और टीम के दिग्गज ऑफ स्पिनर रविचंद्रन अश्विन के संबंधों में दरार पड़ गई है।
राजकोट। भारत के सीमित ओवरों के कप्तान महेंद्रसिंह धौनी और टीम के दिग्गज ऑफ स्पिनर रविचंद्रन अश्विन के संबंधों में दरार पड़ गई है। भले ही धौनी इस बात से इंकार कर रहे हो, लेकिन इन्हें मैदान पर देखकर साफ अंदाजा लगाया जा सकता है कि इनके बीच कुछ गड़बड़ है। दोनों सीनियर क्रिकेटर इस समय आइपीएल में राइजिंग पुणे सुपरजायंट्स का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं, लेकिन इन्हें मैदान पर आपस में बात करते हुए भी नहीं देखा गया है। टीम के इन दो सीनियर क्रिकेटर्स के बीच की समस्या का शीघ्र समाधान नहीं किया गया तो इसका खामियाजा पुणे फ्रेंचाइजी को भुगतना पड़ सकता है।
सूत्रों के अनुसार ट्वेंटी-20 विश्व कप के दौरान इनके संबंध बिगड़े और इसके बाद से धौनी का अपने विश्वस्त गेंदबाज पर से भरोसा उठ गया। कभी अश्विन भारतीय कप्तान के ट्रंप कार्ड हुआ करते थे, लेकिन इसके बाद से धौनी ने अश्विन से अपने पूरे ओवर करवाने भी बंद कर दिए। भारत को मुंबई में वेस्टइंडीज के खिलाफ सेमीफाइनल में हार का सामना करना पड़ा था उस मैच में भी अश्विन से उनके कोटे के पूरे ओवर नहीं करवाए गए और अंतिम ओवर भी कभी-कभी गेंदबाजी करने वाले विराट कोहली से डलवाया गया।
आइपीएल-9 में भी गत विजेता मुंबई इंडियंस के खिलाफ पहले मैच में अश्विन से सिर्फ एक ओवर गेंदबाजी करवाई गई। वैसे इस मैच के बाद संबंध बिगड़ने के सवाल को नकारते हुए धोनी ने कहा था कि अश्विन उनके प्रमुख गेंदबाज है और उन्होंने टीम को कई बार खराब स्थिति से बाहर निकाला है, लेकिन मैदान पर कुछ और ही नजर आ रहा है। मुंबई इंडियंस के जोस बटलर का कैच रविचंद्रन अश्विन ने स्लिप में पकड़ा, लेकिन उन्होंने विकेटकीपर धौनी से हाथ भी नहीं मिलाया। अब विकेट लेने के बाद ये एक-दूसरे से हाथ मिलाते हुए भी नजर नहीं आ रहे हैं।
कुछ महीनों पहले स्थिति एकदम उलट थी, जब धौनी की कप्तानी पर उंगलियां उठाई जा रही थी तब अश्विन ने धौनी का बचाव करते हुए कहा था कि वे कप्तान के कहने पर कितनी भी ऊंचाई से छलांग लगाने को तैयार हैं।
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