द्रविड़ को इस काम से सालाना ढ़ाई करोड़ का होगा नुकसान, फिर भी कर रहे हैं ये बड़ा काम
लोढ़ा समिति की सिफारिशों के तहत भारतीय टीम से जुड़ा कोच या सहयोगी स्टाफ आइपीएल से नहीं जुड़ सकता इसलिए राहुल ने देश को पहले चुनते हुए दिल्ली डेयरडेविल्स को छोड़ दिया था।
नई दिल्ली, अभिषेक त्रिपाठी। भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआइ) मिस्टर वॉल राहुल द्रविड़ को भारत ‘ए’ और अंडर-19 टीम के कोच के लिए अगले 24 महीने के लिए नौ करोड़ रुपये (साढ़े चार करोड़ रुपये प्रति वर्ष) देगा। बोर्ड उन्हें पहले दस माह के कार्यकाल के लिए ढाई करोड़ रुपये देता था।
बीसीसीआइ के एक अधिकारी ने कहा कि द्रविड़ के साथ करार को अंतिम रूप दे दिया गया है। पिछले साल वह दिल्ली डेयरडेविल्स के मेंटर के तौर पर जुड़े थे इसलिए वह सिर्फ दस महीने के लिए भारत ‘ए’ व अंडर-19 टीम को कोचिंग देते थे। आइपीएल के दौरान वह दो महीने दिल्ली की टीम के मेंटर के तौर पर कार्य करते थे।
लोढ़ा समिति की सिफारिशों के तहत भारतीय टीम से जुड़ा कोच या सहयोगी स्टाफ आइपीएल से नहीं जुड़ सकता इसलिए राहुल ने देश को पहले चुनते हुए दिल्ली डेयरडेविल्स को छोड़ दिया था। मेरी जानकारी के अनुसार उन्हें दिल्ली से मेंटर के तौर पर एक सत्र के लिए साढ़े चार करोड़ रुपये का भुगतान होता था। हालांकि राहुल ने हमसे ऐसी कोई मांग नहीं रखी थी। हमने बीच का रास्ता निकाला और उन्हें दस महीने के ढाई करोड़ की जगह 12 महीने के लिए साढ़े चार करोड़ देने का निर्णय लिया है। जब उनसे पूछा गया कि हाल ही में यह खबर आई थी कि उन्हें दो साल के लिए दस करोड़ दिए जाएंगे तो उन्होंने इससे साफ इन्कार किया।
टीम इंडिया के मुख्य कोच अनिल कुंबले को साढ़े छह करोड़ सालाना मिलते थे और उन्होंने इसे साढ़े सात करोड़ करने की मांग की थी। वहीं, द्रविड़ पहले प्रति वर्ष दिल्ली डेयरडेविल्स और भारत ‘ए’ व अंडर-19 की कोचिंग करके लगभग सात करोड़ कमाते थे, जबकि अब उनको ढाई करोड़ प्रति वर्ष का नुकसान होगा।