डोपिंग के आरोप में टीम इंडिया के इस युवा बल्लेबाज पर लगा 8 महीने का बैन, नहीं खेलेंगे मैच
टीम इंडिया का ये युवा बल्लेबाज डोप टेस्ट में फेल रहा जिसकी वजह से उन पर आठ महीने का बैन लगाया गया है।
नई दिल्ली, जेएनएन। भारतीय क्रिकेट टीम के युवा बल्लेबाज पृथ्वी शॉ के लिए मुसीबतें कम होने का नाम नहीं ले रही है। पृथ्वी शॉ डोप टेस्ट में फेल रहे जिसकी वजह से उन्हें आठ महीने के लिए बैन कर दिया गया है। पृथ्वी शॉ को चोटिल होने की वजह से वेस्टइंडीज के खिलाफ भारतीय टीम में जगह नहीं दी गई थी। उनका ये निलंबन 16 मार्च 2019 से शुरू हुआ है जो 15 नवंबर 2019 तक लागू रहेगा। पृथ्वी शॉ के यूरीन सैंपल में जो प्रतिबंधित पदार्थ मिला है, उसका नाम टर्ब्यूटलाइन है। इसका इस्तेमाल कफ सिरप में किया जाता है और ये वाडा की प्रतिबंधित पदार्थों की सूची में शामिल है।
बीसीसीआई द्वारा दी गई जानकारी में बताया गया है कि मुंबई क्रिकेट संघ (एमसीए) के तहत खेलने वाले पृथ्वी शॉ को डोपिंग नियमों का उल्लंघन करने के चलते 8 महीने के लिए निलंबित किया गया है। बताया जा रहा है कि पृथ्वी शॉ ने अनजाने में प्रतिबंधित पदार्थ का सेवन कर लिया था जिसके चलते उनका डोपिंग टेस्ट पॉजिटिव पाया गया है। ये दवाई आमतौर पर कफ सिरप में भी पाई जाती है।
Board of Control for Cricket in India (BCCI): Prithvi Shaw registered with Mumbai Cricket Association, has been suspended for a doping violation for 8 months. Mr. Shaw had inadvertently ingested a prohibited substance, which can be commonly found in cough syrups. pic.twitter.com/m0bUnXrQC6
— ANI (@ANI) July 30, 2019
बीसीसीआई के मुताबिक, 16 जुलाई 2019 को पृथ्वी शॉ को एंटी डोपिंग रूल वॉयलेशन (ADRV) और बीसीसीआई एंटी डोपिंग रूल्स (ADR) की धारा 2.1 के उल्लंघन का दोषी पाया गया। पृथ्वी शॉ ने इसके सेवन के इस्तेमाल की बात मानी है, लेकिन साथ ही कहा कि उन्होंने खांसी रोकने के लिए कफ सिरप का इस्तेमाल किया था। बोर्ड ने उनकी सफाई को स्वीकार कर लिया है और माना है कि शॉ ने शारीरिक क्षमता बढ़ाने के तौर पर नहीं, बल्कि खांसी रोकने के लिए इस प्रतिबंधित पदार्थ का सेवन किया है। हालांकि इस मामले में सभी तरह के विचार-विमर्श के बाद यह तय किया गया कि शॉ को लापरवाही बरतने के लिए आठ महीने का बैन झेलना होगा।
19 वर्ष के युवा बल्लेबाज पृथ्वी शॉ ने टीम इंडिया के लिए अब तक दो टेस्ट मैच खेले हैं। उन्होंने 2018 में वेस्टइंडीज के खिलाफ हुए दो मैचों की टेस्ट सीरीज में पहली बार भारतीय टीम की तरफ से खेलने का मौका दिया गया। उन्होंने अपने डेब्यू टेस्ट मैच की पहली ही पारी में शतक लगा दिया और कैरेबियाई टीम के खिलाफ 134 रन की पारी खेल डाली। इसके बाद इसी टीम के खिलाफ दूसरे टेस्ट मैच में उन्होंने 70 और नाबाद 33 रन की पारी खेली। यानी दो टेस्ट मैचों में उन्होंने 118.50 की औसत से 237 रन बनाए जिसमें एक शतक भी शामिल था।
इसके बाद ऐसा माना जा रहा था कि वो टेस्ट में भारत के बेहतरीन ओपनर के तौर पर सामने आए हैं, लेकिन चोटिल होने की वजह से उन्हें फिर कोई टेस्ट मैच खेलने का मौका नहीं मिला। वेस्टइंडीज के खिलाफ उनका टीम में चयन तय माना जा रहा था, लेकिन वो चोटिल हो गए और एक बार फिर से वो टेस्ट टीम में जगह नहीं बना पाए।
पृथ्वी शॉ के लिए पिछला एक साल उनके करियर के लिहाज से काफी उतार-चढ़ाव भरा रहा है। पिछले साल दिसंबर में ऑस्ट्रेलिया दौरे पर जब सबकी नजरें उन पर थीं, तभी अभ्यास मैच के दौरान फील्डिंग करते हुए वो गंभीर रूप से चोटिल हो गए थे। उन्हें फीजियो व सपोर्ट स्टाफ मैदान से बाहर ले गए थे। इसके बाद लंबे समय तक वो मैदान से दूर रहे।
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