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धौनी के एक छक्के ने 28 साल बाद रचा इतिहास, माही का ये रिकॉर्ड कभी भी नहीं तोड़ पाएगा कोई

नुवान कुलसेकरा की गेंद पर महेंद्र सिंह धौनी ने अपना हेलीकॉप्टर ऐसा चलाया कि 28 साल बाद वर्ल्ड कप सीधा भारत की झोली में आ गया।

By Pradeep SehgalEdited By: Published: Sun, 01 Apr 2018 04:56 PM (IST)Updated: Mon, 02 Apr 2018 05:50 PM (IST)
धौनी के एक छक्के ने 28 साल बाद रचा इतिहास, माही का ये रिकॉर्ड कभी भी नहीं तोड़ पाएगा कोई
धौनी के एक छक्के ने 28 साल बाद रचा इतिहास, माही का ये रिकॉर्ड कभी भी नहीं तोड़ पाएगा कोई

नई दिल्ली, प्रदीप सहगल। 2 अप्रैल 2011 यानि आज से ठीक 7 साल पहले आज ही के दिन भारत ने श्रीलंका को मात देकर दूसरी बार विश्व कप का खिताब अपने नाम किया था। इस मैच के विनिंग शॉट को कौन भूल सकता है? नुवान कुलसेकरा की गेंद पर महेंद्र सिंह धौनी ने अपना हेलीकॉप्टर ऐसा चलाया कि 28 साल बाद वर्ल्ड कप सीधा भारत की झोली में आ गया। इससे पहले कपिल देव की कप्तानी में भारत ने 25 जून 1983 को विश्व कप का खिताब जीता था। चलिए आपको ले चलते हैं 7 साल पहले, इसके साथ ही साथ आपको बताएंगे 2011 फाइनल से जुड़ी कुुछ ऐसी रोचक बातें, जिन्हें आप नहीं जानते होंगे। 

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2011 विश्व कप के फाइनल मुकाबले में कुछ ऐसी चीज़ें भी हुई, जो उस दिन से पहले कभी भी किसी भी विश्व कप फाइनल में नहीं घटी थी। उनसे भी आपको वाकिफ करवाएंगे, लेकिन सबसे पहले देखिए महेंद्र सिंह धौनी का वो छक्का जिसे हर हिंदुस्तानी बार-बार देखना चाहता है। धौनी के इस खिताबी छक्के ने भारत के 28 साल के विश्व कप खिताब के इंतज़ार को खत्म किया था। आप भी देखिए धौनी के उस बेहतरीन सिक्स का वीडियो-

खिताबी मुकाबले में दो बार हुआ टॉस

किसी भी मैच की शुरुआत टॉस से होती है और विश्व कप 2011 के खिताबी मुकाबले के लिए जब धौनी और संगकारा टॉस के लिए पहुंचे तो छोटी सी कन्फ्यूजन के चलते इस मैच के लिए दो बार टॉस करवाना पड़ा। टॉस के लिए भारतीय कप्तान धौनी, श्रीलंका के कप्तान कुमार संगकारा, कॉमेंटेटर रवि शास्त्री और मैच रेफरी जैफ क्रो मौजूद थे। धौनी ने टॉस के लिए सिक्के को हवा में उछाला और शास्त्री ने बताया कि ‘हेड्स’ आया है। इस पर धौनी ने मुस्कुराते हुए कहा कि भारत पहले बैटिंग करेगा। लेकिन जब सिक्का हवा में उछाला गया तो शास्त्री उसे देखते रहे और ये नहीं सुन पाए कि संगकार ने क्या कहा था।

भारत ही टॉस जीता है, इस बात की पुष्टि करने के लिए शास्त्री ने जब मैच रेफरी से पूछा तो उन्होंने कहा, ‘मैंने नहीं सुना’। इस बात ने वहां मौजूद चारों लोगों के लिए संशय की स्थिति पैदा कर दी। जिसके बाद दोबारा टॉस हुआ और दूसरी बार संगकारा ने हेड कहा और श्रीलंका टॉस जीत गया और पहले बैटिंग चुनी।

जाहिर है कि दोनों में से एक कप्तान जानता था कि वह टॉस हार गया है। उसे ईमानदारी से यह बात बतानी चाहिए थी। टेलीविजन रिप्ले में दिखाया गया कि संगकारा ने पहली बार हुए टॉस में ‘हेड्स’ कहा था लेकिन धोनी को लगा था कि संगकारा ने ‘टेल्स’ कहा था इसीलिए उन्होंने टॉस जीता हुआ समझकर शास्त्री से पहले बैटिंग की बात कही थी।

इसके बाद दोबारा टॉस हुआ तो श्रीलंका ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाज़ी का फैसला किया।

पहली बार विश्व कप फाइनल में हुआ ऐसा

श्रीलंका ने टॉस जीतकर पहले बैटिंग करते हुए निर्धारित 50 ओवर में 6 विकेट खोकर 274 रन बनाए। श्रीलंका की तरफ से महेला जयवर्धने ने शतक जमाते हुए 103 रन की पारी खेली, तो कुमार संगकारा ने 48 रन बनाए। भारत की तरफ से ज़हीर खान और युवराज सिंह ने दो-दो विकेट लिए थे तो हरभजन सिंह ने भी एक बल्लेबाज़ को आउट किया था।  

275 रन का पीछा करते हुए भारतीय टीम की शुरुआत काफी खराब रही। वीरेंद्र सहवाग दूसरी ही गेंद पर बिना खाता खोले मलिंगा की गेंद पर Lbw आउट हो गए। सचिन भी 18 रन बनाकर मलिंगा की गेंद पर संगकारा को कैच दे बैठे। इसके बाद गौतम ने 97 रन की गंभीर पारी खेली तो साथ ही साथ धौनी की दमदार 91 रन का पारी की बदौलत टीम इंडिया ने 10 गेंद शेष रहते ही मैच छह विकेट से जीत जीतकर विश्व कप अपने नाम कर लिया।

विश्व कप फाइनल के इतिहास में ये पहला मौका था जब किसी टीम की तरफ से शतक लगा हो और वो टीम फाइनल मुकाबले में हार गई हो। श्रीलंका की तरफ से महेला जयवर्धने ने103 रन बनाए थे और उनकी टीम को हार का सामना करना पड़ा था।

ऐसा करने वाले पहले खिलाड़ी बने धौनी

क्रिकेट विश्व कप फाइनल के इतिहास में ये पहला मौका रहा जब किसी खिलाड़ी ने अपनी टीम को छक्का लगाकर जीत दिलाई। इससे पहले खेले गए विश्व कप फाइनल में चौका लगाकर तो रणतुंगा और लेहमन जैसे खिलाड़ियों ने अपनी टीम को जीत दिलाई थी, लेकिन किसी ने छक्का नहीं मारा था।

धौनी को कई नहीं छोड़ पाएगा पीछे

धौनी विश्व कप के फाइनल में छक्का लगाकर अपनी टीम को खिताब का विजेता बनाने वाले दुनिया के पहले खिलाड़ी हैं। भविष्य में और भी खिलाड़ी अपनी टीम को छक्का लगाकर जीत दिला सकते हैं, लेकिन रिकॉर्ड बुक्स में सबसे पहले ये काम करने की उपलब्धि धौनी के नाम दर्ज़ है और अब उनसे ये उपलब्धि कोई और खिलाड़ी कभी भी नहीं छीन पाएगा।

1975 विश्व कप - पहले बल्लेबाज़ी कर जीता वेस्टइंडीज़, ऑस्ट्रेलिया को 17 रन से दी मात

1979 विश्व कप- पहले बल्लेबाज़ी कर जीता वेस्टइंडीज़, इंग्लैंड को 92 रन से रौंदा

1983 विश्व कप- पहले बल्लेबाजी कर जीता भारत, वेस्टइंडीज़ को 43 रन से दी शिकस्त

1987 विश्व कप- पहले बल्लेबाज़ी कर जीता ऑस्ट्रेलिया, इंग्लैंड को 7 रन से किया पस्त

1992 विश्व कप- पहले बल्लेबाज़ी कर जीता पाकिस्तान, इंग्लैंड को 22 रन से हराया

1996 विश्व कप- श्रीलंका ने ऑस्ट्रेलिया को 7 विकेट से दी मात, रणतुंगा ने चौका मारकर दिलाई जीत

1999 विश्व कप- ऑस्ट्रेलिया ने पाकिस्तान को 8 विकेट से रौंदा, लेहमन ने चौका मारकर दिलाई जीत

2003 विश्व कप- पहले बल्लेबाज़ी कर जीता ऑस्ट्रेलिया, भारत को 125 रन से किया पस्त

2007 विश्व कप- पहले बल्लेबाज़ी कर जीता ऑस्ट्रेलिया, श्रीलंका को 53 रन से हराया

2011 विश्व कप- भारत ने श्रीलंका को 6 विकेट से हराया, धौनी ने छक्का लगाकर दिलाई जीत 

2015 विश्व कप- ऑस्ट्रेलिया ने न्यूज़ीलैंड को 7 विकेट से हराया, स्मिथ ने चौका लगाकर दिलाई जीत 

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