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बदला बल्लेबाजी का अंदाज, अब बल्लेबाज जमकर कर रहे हैं नए शॉट्स का प्रयोग

गेंदबाज खुद को बनाए रखने के लिए नई विविधताएं निकाल रहे हैं। तो बल्लेबाज इन गेंदों को मारने या फिर सीमा पार पहुंचाने के लिए नए शॉट इजाद कर रहे हैं।

By Sanjay SavernEdited By: Published: Sun, 26 May 2019 08:11 PM (IST)Updated: Sun, 26 May 2019 09:57 PM (IST)
बदला बल्लेबाजी का अंदाज, अब बल्लेबाज जमकर कर रहे हैं नए शॉट्स का प्रयोग
बदला बल्लेबाजी का अंदाज, अब बल्लेबाज जमकर कर रहे हैं नए शॉट्स का प्रयोग

निखिल शर्मा, नई दिल्ली। एक समय था जब भारत के पूर्व दिग्गज बल्लेबाज अपर कट और पैडल स्वीप मारते थे तो क्रिकेट पंडित भी इन शॉट की तारीफ किए बिना नहीं रहते थे। टी-20 प्रारूप आने के बाद चीजें इतनी बदल गईं कि बल्लेबाजों के लिए सिर्फ बाउंड्री लगाना अहम हो गया। फिर चाहें उनके लगाए शॉट क्रिकेट बुक के शॉट की लिस्ट से मेल खाएं या नहीं। पिछले कुछ वर्षो में नए-नए शॉट इजाद हुए हैं। बल्लेबाज इन शॉट को टी-20 में ही नहीं, वनडे क्रिकेट में भी इस्तेमाल कर रहे हैं और सफल हो रहे हैं। क्रिकेट की नर्सरी की परिकाष्ठा पूरी तरह से बदल गई है।

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सुनील गावस्कर, सचिन तेंदुलकर और राहुल द्रविड़ ऐसे दिग्गज खिलाडि़यों में रहे हैं जो क्रिकेट की नर्सरी में सीखे शॉट को लगाना पसंद करते थे। वहीं वेस्टइंडीज के दिग्गज बल्लेबाज ब्रायन लारा, शिवनारायण चंद्रपाल कदमों का अच्छे से इस्तेमाल करके स्टांस बदलते थे। इस बीच इंग्लैंड के केविन पीटरसन और जिंबाब्वे के एंडी फ्लावर ने रिवर्स स्वीप शॉट को खेलना शुरू किया। दरअसल, यही वह दौर था जब बल्लेबाजों से बचने के लिए गेंदबाजों ने सीमित ओवर प्रारूप में कुछ नए अविष्कार किए। तेज गेंदबाजों ने स्लॉअर यॉर्कर, स्लॉअर बाउंसर, ऑफ साइड यॉर्कर करनी शुरू की, तो स्पिनरों ने भी कैरम बॉल, दूसरा स्लाइडर करनी शुरू कर दी थीं। अब गेंदबाज बल्लेबाजों को बांधने में सफल हो रहे थे। ऐसे में बल्लेबाजों ने विशुद्ध क्रिकेट शॉट को भूलकर कुछ नए शॉट इजाद किए। इन शॉट की वजह से मिस्बाह उल हक पाकिस्तान को 2007 टी-20 खिताब दिलाने से चूके, तो महेंद्र सिंह धौनी ने भारत को 2011 में वनडे का विश्व कप खिताब दिला दिलाया।

पूर्व क्रिकेटर और कमेंटेटर आकाश चोपड़ा भी कह चुके हैं कि टी-20 प्रारूप की वजह से क्रिकेट बहुत बदल गया है। गेंदबाज खुद को बनाए रखने के लिए नई विविधताएं निकाल रहे हैं। तो बल्लेबाज इन गेंदों को मारने या फिर सीमा पार पहुंचाने के लिए नए शॉट इजाद कर रहे हैं। यह बल्लेबाजों की इस तेज क्रिकेट में जरूरत भी बन गई है। वहीं, पूर्व दिग्गज बल्लेबाज सुनील गावस्कर हमेशा से ही क्रिकेट नर्सरी के शॉट के समर्थन में रहे हैं, लेकिन सीमित ओवर प्रारूप इस कदर तेजी से बदला कि वह भी कई बार कहते नजर आए हैं कि सीमित प्रारूप में अब इस तरह के शॉट जरूरत बन गए हैं।

हेलीकॉप्टर शॉट : इस शॉट को इजाद पूर्व भारतीय कप्तान महेंद्र सिंह धौनी ने किया था। यह शॉट यॉर्कर गेंद पर छक्का लगाने में काम आता है। तेज गेंदबाज बाउंड्री से बचने के प्रयास में यॉर्कर डालते थे। ऐसे में धौनी ने हेलीकॉप्टर शॉट लगाने शुरू किए, जिससे कलाइयों के सहारे गेंद को ताकत के साथ मारकर सीमा पार पहुंचा दिया जाता था। ऐसे ही शॉट पर अब हार्दिक पांड्या ने महारथ हासिल की है। हाल ही में आइपीएल में मुंबई इंडियंस की ओर से खेलते हुए हार्दिक को ऐसे शॉट मारते देखा गया था और वह सफल भी हुए थे।

अपर कट : वनडे क्रिकेट में अपर कट मुख्य रूप से पूर्व भारतीय दिग्गज बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर का शॉट था। वह ऑफ साइड के बाहर की बाउंसर गेंद को अपर कट के सहारे सीमा पार भेज दिया करते थे। कई बार उन्होंने इस शॉट से छक्के भी लगाए। इस शॉट में बल्लेबाज बाउंसर गेंद को बल्ले से पीछे की ओर धकेलता है। ऐसे में गेंद विकेटकीपर या स्लिप के ऊपर से निकलती हुई सीमा पार पहुंच जाती है। मौजूदा समय में अधिकतर हर बल्लेबाज बाउंसर गेंद को सीमा पार पहुंचाने के लिए इस शॉट का इस्तेमाल कर रहे हैं।

स्कूप शॉट : टी-20 क्रिकेट में स्कूप शॉट एक बेहद ही प्रसिद्ध शॉट बन गया था, लेकिन इसी शॉट की वजह से पाकिस्तान का 2007 टी-20 विश्व कप को जीतने का सपना भी टूट गया था। इस शॉट को बल्लेबाज गुड लेंथ गेंद पर इस्तेमाल करते हैं, जिसमें बल्लेबाज विकेट पर आती गेंद को खेलने के लिए ऑफ साइड की ओर जाते हैं और फिर बल्ले के सहारे से गेंद को फाइन लेग की ओर खेलकर बाउंड्री मार देते हैं। बल्लेबाज ऐसे शॉट का इस्तेमाल शॉर्ट फाइन लेग पर क्षेत्ररक्षक के खड़े रहने पर लगाते हैं। रिषभ पंत, एबी डिविलियर्स, हार्दिक पांड्या सहित तमाम आक्रामक बल्लेबाज इन शॉट का इस्तेमाल कर रहे हैं।

रिवर्स स्कूप शॉट : खास तौर पर इस शॉट को भारतीय बल्लेबाज रिषभ पंत ने इजाद किया था। 2018 आइपीएल में रिषभ को कई बार यह शॉट खेलते देखा गया था। कई बार जब बल्लेबाज स्कूप शॉट मारने के लिए ऑफ साइड में जाता है, तो गेंदबाज चतुराई से गेंद को बल्लेबाज की ऑफ साइड में ही फेंक देता है। ऐसे में बल्लेबाज बल्ले का मुंह ऑफ साइड में खोल देता है और फिर सहारे से गेंद को शॉर्ट थर्डमैन के ऊपर से मार देता है। रिषभ के अलावा अब अन्य बल्लेबाज भी गेंद की चतुराई को फेल करने के लिए इस शॉट का इस्तेमाल करते हैं।

फुटवर्क को चलाना : गेंदबाज बल्लेबाजों के आक्रामक शॉट से बचने के लिए ऑफ साइड वाइड की लाइन के करीब यॉर्कर डालने लगे हैं। ऐसा इसीलिए जिससे बल्लेबाज गेंद तक नहीं पहुंच पाए। अगर पहुंच भी जाए तो वह बाउंड्री नहीं लगा सके। ऐसे में बल्लेबाज अब फुटवर्क से ऑफ साइड की ओर बढ़कर गेंद पर प्रहार करने लगे हैं। वह पहले भी गेंदबाज की रणनीति को भांपने लगे हैं और गेंद की पहुंच में आकर लंबे शॉट लगाने लगे हैं।

स्टांस का फायदा : आमतौर पर आपने बल्लेबाजों को क्रीज पर या क्रीज के बाहर स्टांस लेकर बल्लेबाजी करते हुए देखा होगा, लेकिन अब स्टांस का फायदा उठाकर बल्लेबाज क्रीज के काफी अंदर खड़े होकर बल्लेबाजी कर रहे हैं। इसकी वजह यही है कि बल्लेबाज गेंदबाज की यॉर्कर को लेंथ डिलेवरी बनाकर बाउंड्री की ओर पहुंचा रहे हैं। इस तरह के स्टांस अधिकतर हिटर बल्लेबाज जैसे आंद्रे रसेल, महेंद्र सिंह धौनी, हार्दिक पांड्या जैसे बल्लेबाज लगाते हैं।

वन हैंडेड शॉट : एक हाथ से कोई बल्लेबाज गेंद को बाउंड्री तक पहुंचा सकता है, ऐसा पहले सोचना तो नामुमकिन ही था। अब इस तरह के आक्रामक बल्लेबाज आ रहे हैं जो गेंद तक नहीं पहुंच पाते, लेकिन बल्ला आगे निकाल देने की मजबूरी में वह इस तरह के शॉट खेल रहे हैं और सफल भी हो रहे हैं। रिषभ पंत को हमने ऐसा करते देखा, अब शनिवार को अभ्यास मैच में न्यूजीलैंड के खिलाफ विराट कोहली ने भी एक हाथ से चौका लगाया था।

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