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तस्वीरों के जरिए देखिए MS Dhoni के जमीं से आसमान छूने तक की कहानी

लगभग 16 साल के करियर में धौनी ने बतौर कप्तान विकेटकीपर और बल्लेबाज के तौर पर कीर्तिमान स्थापित किए। सबसे सफलतम कप्तानों में से एक धौनी ने टीम इंडिया को कई यादगार जीत दिलाई है।

By TaniskEdited By: Published: Sun, 16 Aug 2020 12:01 PM (IST)Updated: Sun, 16 Aug 2020 12:01 PM (IST)
तस्वीरों के जरिए देखिए MS Dhoni के जमीं से आसमान छूने तक की कहानी
तस्वीरों के जरिए देखिए MS Dhoni के जमीं से आसमान छूने तक की कहानी

नई दिल्ली, जेएनएन। अनहोनी को होनी कर देने वाले महेंद्र सिंह धौनी ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा कह दिया है। लगभग 16 साल के करियर में धौनी ने बतौर कप्तान, विकेटकीपर और बल्लेबाज के तौर पर कीर्तिमान स्थापित किए। सबसे सफलतम कप्तानों में से एक धौनी ने टीम इंडिया को कई यादगार जीत दिलाई है। आइसीसी की तीनों ट्रॉफी जीतने वाले वह एकमात्र कप्तान हैं। आइए तस्वीरों के सहारे याद करते हैं माही के बेमिसाल क्रिकेट करियर से जुड़ी दिलचस्प बातों को।

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साल 2004 में 23 दिसंबर को बांग्लादेश के खिलाफ महेंद्र सिंह धौनी ने वनडे करियर की शुरुआत की। पहले मैच में वो कुछ खास नहीं कर सके। वह इस मैच में पहली ही गेंद पर रन आउट हो गए थे। धौनी ने वनडे में पहला शतक पाकिस्तान के खिलाफ लगाया था। पाकिस्तान की टीम भारत दौरे पर आई थी।  5 अप्रैल 2005 को विशाखापट्टनम में खेले गए दूसरे वनडे में धौनी नंबर तीन पर बल्लेबाजी करने आए और 148 रनों की पारी खेली।

 

इंटरनेशनल टेस्ट क्रिकेट में उन्होंने चेन्नई में श्रीलंका के खिलाफ साल 2005 में 2-6 दिसंबर के बीच खेले गए मैच में डेब्यू किया था।  धौनी ने इस मैच में पहली पारी 54 गेंदों पर 30 रन की पारी खेली थी। यह मैच ड्रा रहा था।इंटरनेशनल टेस्ट क्रिकेट में भी धौनी ने पहला शतक पाकिस्तान के खिलाफ ही जड़ा था। भारतीय टीम पाकिस्तान दौरे पर गई थी। फैसलाबाद में खेले गए दूसरे टेस्ट में 148 रनों की पारी खेली। यह उनका पांचवा टेस्ट था। धौनी टेस्ट में विकेटकीपर के तौर पर दोहरा शतक लगाने वाले एक मात्र भारतीय क्रिकेटर हैं। 

 

धौनी ने पहला अंतरराष्ट्रीय टी-20 मैच जोहांसबर्ग में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ खेला था। एक दिसंबर 2006 को खेला गया यह मैच टीम इंडिया का पहला टी-20 मैच था। भारत को इस मैच में 6 विकेट से जीत मिली थी। धौनी इस मैच में शून्य पर आउट हुए थे।

 

धौनी महज 42 मैच खेलने के बाद बल्लेबाजों की रैंकिंग में नंबर-1 पर पहुंच गए थे और यह उपलब्धि हासिल करने वाले वह सबसे तेज खिलाड़ी बनगए। धौनी एकमात्र ऐसे बल्लेबाज हैं, जिसने छक्के से टीम को विश्व कप फाइनल में जीत दिलाई हो। साल 2011 में मुंबई में भारत और श्रीलंका के बीच खेले गए फाइनल मैच में यह करनामा किया था और टीम विश्व कप जीती थी। 

बतौर कप्तान धौनी सभी आइसीसी टूर्नामेंट जीतने वाले विश्व के एक मात्र कप्तान हैं। धौनी ने साल 2007 में टी-20 विश्व कप जीता। इसके साल 2011 में वनडे विश्व कप जीता। इसके बाद साल 2013 में आइसीसी चैंपियंस ट्राफी जीता।धौनी बतौर कप्तान ऑस्ट्रेलिया का ऑस्टेलिया में क्लीन स्वीप करने वाले एक मात्र कप्तान हैं। साल 2015 में ऑस्ट्रेलिया को भारत ने टी-20 सीरीज में 3-0 से हराया। 140 साल के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ जब किसी टीम ने ऑस्ट्रेलिया को उसके घरेलू मैदान पर क्लीन स्वीप किया।

इंटरनेशनल टेस्ट क्रिकेट में उन्होंने अपना आखिरी मैच ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ साल 2014 में 26 से 30 दिसंबर के बीच खेला। पहली पारी में उन्होंने 11 और दूसरे में नॉटआउट 24 रन की पारी खेली थी। यह मैच भी ड्रा रहा।

धौनी अंतरराष्ट्रीय टी-20 मैच बेंगलुरु में 27 फरवरी 2019 को खेला था। इस मैच में उन्होंने 23 गेंद पर 40 रन की पारी खेली। भारत इस मैच को 7 विकेट से हार गया था।

 

10 जुलाई को धौनी ने आखिरी वनडे मैच खेला। यह मैच उनके अंतरारष्ट्रीय करियर का अंतिम मैच साबित हुआ। भारतीय क्रिकेट टीम और प्रशंसक इस मैच को कभी नहीं भूल पाएंगे। विश्व कप 2019 का यह सेमिफाइनल मैच था। न्यूजीलैंड के खिलाफ इस मैच में धौनी के रनआउट होने के साथ ही टीम इंडिया का विश्व कप जीतने का सपना टूट गया था। उन्होंने इस मैच में 50 रन की पारी खेली थी। इसके बाद उन्होंने 15 अगस्त 2020 को अंतरारष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा कह दिया। 


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