जानें, श्रीलंकाई जादूगर धनंजय के सामने बच्चे क्यों बन गए थे भारतीय बल्लेबाज
धनंजय ने पल्लेकल वनडे में 10 ओवरों में 54 रन देकर 6 विकेट अपने नाम किए और मैन ऑफ द मैच का पुरस्कार जीता।
पल्लेकल, भारत सिंह। भारत और श्रीलंका के बीच पांच वनडे मैचों की सीरीज के दूसरे मैच में श्रीलंकाई टीम ने अपने युवा ऑफ स्पिनर अकीला धनंजय को खेलने का टीम में शामिल किया। श्रीलंका ने दूसरे वनडे के लिए अपनी टीम में तीन बदलाव किए थे, जिसमें से धनंजय भी एक थे। वहीं, भारत ने पिछला वनडे जिताने वाली टीम को ही बरकरार रखा था। ऐसे में लग रहा था कि श्रीलंका को तीन बदवाल कहीं भारी न पड़ जाएं।
मैदान पर मनाया 'हनीमून'
आपको बता दें कि पल्लेकल वनडे में टीम इंडिया के छह शीर्ष बल्लेबाजों को धूल चटाने वाले अकीला धनंजय की एक दिन पहले ही शादी हुई थी। धनंजय ने अपनी प्रेमिका नेथाली टेकशिनी से शादी रचाई है। अकीला की इस शादी में क्रिकेटर रंगना हेराथ और अजंता मेंडिस ने बतौर गवाह इस शादी में शिरकत की। अकीला की शादी के बाद श्रीलंकाई टीम मैनेजमेंट और कैप्टन उपुल थरंगा की ओर से मैच में शामिल कर उन्हें शादी का यह शानदार तोहफा दिया गया। बदले में धनंजय ने छह विकेट लेकर भी अपनी टीम को रिटर्न गिफ्ट देने में कोई कसर नहीं छोड़ी। वह शादी के बाद रात 11 बजे होटल पहुंचे थे और टीम के साथ जुड़ गए थे।
धनंजय की शादी की तस्वीर-
ऐसे किया धनंजय ने कमाल
एक समय भारतीय टीम आसानी से जीत की ओर बढ़ती दिख रही थी। टीम ने बिना कोई विकेट गंवाए 109 रन बना लिए थे। इसके बाद कैप्टन थरंगा ने धनंजय को गेंद थमाई और उन्होंने एक के बाद एक टीम इंडिया को 6 झटके दिए। इस युवा गेंदबाज ने अपने एक ही ओवर में तीन विकेट झटके। भारतीय पारी के 18वें ओवर की पहली ही गेंद पर अकीला ने पहले केदार जाधव, तीसरी गेंद पर विराट कोहली और 5वीं गेंद पर लोकेश राहुल को चलता किया। देखते ही देखते टीम इंडिया के 119 रन पर 5 खिलाड़ी आउट हो गए। इसके बाद उन्होंने दो और विकेट लिए। इस तरह भारत ने 131 रनों पर 7 विकेट गंवा दिए। हालांकि वह धौनी और भुवनेश्वर के प्रयासों के चलते अपनी टीम को जीत नहीं दिला सके, पर उन्होंने श्रीलंका ही नहीं भारत और दुनिया भर के क्रिकेट प्रेमियों के दिल जरूरत जीत लिए हैं।
रिकॉर्ड बुक देखने से चूकी टीम इंडिया
अकीला धनंजय को भारतीय टीम एक सामान्य ऑफ ब्रेक गेंदबाज समझ रही थी। यही सोच टीम इंडिया को भारी पड़ी गई। हालांकि, धनंजय का रिकॉर्ड भी उनकी कातिलाना गेंदबाजी की गवाही नहीं दे रहा था। इस मैच से पहले उन्होंने तीन वनडे मैचों में केवल पांच विकेट अपने नाम किए थे। 5 टी 20 मैचों में भी उनके नाम केवल 7 विकेट हैं। हां, प्रथम श्रेणी का रिकॉर्ड उनके बारे में कुछ बताता है, जहां उन्होंने 34 मैचों की 58 पारियों में 98 विकेट अपने नाम किए हैं। यहां उनका बेस्ट प्रदर्शन 60 रन देकर 7 विकेट लेना है। लेकिन शायद भारतीय टीम ने यहां उन पर ध्यान नहीं दिया।
रहस्यमयी है यह गेंदबाज
भारतीय टीम के कप्तान विराट कोहली ने मैच खत्म होने के बाद कहा कि धनंजय की गेंदें किसी की समझ में नहीं आ रही थीं। इस मैच में कोहली निचले नंबर पर बल्लेबाजी करने उतरे। उन्होंने धनंजय के बारे में कहा कि वह उन्हें किसी भी नंबर पर आउट कर सकते थे। इसकी वजह कोहली ने बताई कि टीम इंडिया ने उन्हें दाएं हाथ का ऑफ ब्रेक गेंदबाज समझा था जो अच्छी लेग ब्रेक गेंदबाजी भी कर सकता है, लेकिन यहीं कोहली चूक गए। धनंजय ने अपने छह में से चार विकेट तो 'गुगली' यानी 'दूसरा' पर ही लिए थे। यानी धनंजय एक ही ओवर में ऑफ ब्रेक, लेग ब्रेक और 'दूसरा' करने वाले रहस्यमयी गेंदबाज हैं। विश्व क्रिकेट में इस तरह के गेंदबाज कम ही देखने को मिलते हैं। इसके अलावा उन्होंने अपनी गेंदों की लंबाई भी सही रखी, जो उनकी सफलता की एक और वजह रही।
धनंजय का गेंदबाजी एक्शन-
खास लीग में हुए शुमार
विश्व क्रिकेट में फिलहाल तीन दिग्गज गेंदबाजों, सुनील नरेन, अजंता मेंडिस और आर अश्विन को मिस्ट्री स्पिनर या रहस्यमयी स्पिनर कहा जाता है। इसकी वजह यह है कि ये तीनों गेंदबाज ऑफ स्पिन गेंदबाजी करने के साथ ही 'कैरम बॉल' (एक ही ग्रिप से ऑफ ब्रेक, लेक ब्रेक और दूसरा करना) डालने में महारत रखते हैं। इन तीनों गेंदबाजों में एक समानता है कि ये तीनों मूल रूप से ऑफ स्पिनर हैं। इनके अलावा एक और युवा भारतीय गेंदबाज केसी करियप्पा आइपीएल के जरिए दुनिया के सामने आए हैं। अब धनंजय भी इस लीग में शामिल हो गए हैं। हालांकि, जैसे-जैसे धनंजय नरेन, मेंडिस और अश्विन की तरह ज्यादा क्रिकेट खेलते जाएंगे, बल्लेबाज उनकी विविधता समझते जाएंगे और उनके सामने विविधता और बल्लेबाजों को चौंकाने की क्षमता बनाए रखने की चुनौती होगी। विराट कोहली ने भी कहा है कि उनकी टीम अब धनंजय से सावधान रहेगी। धनंजय ने पल्लेकल वनडे में 10 ओवरों में 54 रन देकर 6 विकेट अपने नाम किए और मैन ऑफ द मैच का पुरस्कार जीता।