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बुलेट की तरह स्टार्ट होते हैं रोहित शर्मा, जानिए कैसे 13 साल की तपस्या से बने सबसे बड़े 'हिटमैन'

खेल रत्न का सम्मान हासिल करने वाले रोहित शर्मा वो नहीं है जो आज से 13 साल पहले थे। उन्होंने अपने अंदर इतने बदलाव किए कि वे खुद नहीं जानते होंगे कि उन्होंने ऐसा कैसे किया होगा।

By Vikash GaurEdited By: Published: Sun, 23 Aug 2020 08:40 AM (IST)Updated: Sun, 23 Aug 2020 08:40 AM (IST)
बुलेट की तरह स्टार्ट होते हैं रोहित शर्मा, जानिए कैसे 13 साल की तपस्या से बने सबसे बड़े 'हिटमैन'
बुलेट की तरह स्टार्ट होते हैं रोहित शर्मा, जानिए कैसे 13 साल की तपस्या से बने सबसे बड़े 'हिटमैन'

नई दिल्ली, अभिषेक त्रिपाठी। जरा दिमाग पर जोर डालिए और आज के और 13 साल पहले वाले रोहित शर्मा के बीच तुलना कीजिए, आपको जमीन-आसमान का अंतर नजर आएगा। यह वही रोहित हैं जिन पर कप्तानों की मेहरबानी का ठप्पा लगता रहता था और जिन्हें अपने पहले वनडे शतक के लिए करीब तीन साल और 40 से ज्यादा मैचों का इंतजार करना पड़ा था।

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एक अच्छी पारी के बाद वह महीनों तक अपने प्रशंसकों को अगली अच्छी पारी के लिए तरसा देते थे, लेकिन अब रोहित बदल चुके हैं। उनकी बल्लेबाजी का तरीका बदल चुका है। वह एक गैर जिम्मेदार बल्लेबाज से जिम्मेदार और सफल बल्लेबाज बन चुके हैं। रोहित की इस सफलता का राज उनका अनुशासन है। उनके अनुशासन ने उन्हें बेहतर बल्लेबाज तो बनाया ही है, साथ ही उन्हें खेल रत्न भी बना दिया है।

देश के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, क्रिकेटर रोहित शर्मा को मेजर ध्यानचंद के जन्मदिन 29 अगस्त को मनाए जाने वाले खेल दिवस पर ऑनलाइन कार्यक्रम के जरिये खेल रत्न के सम्मान से नवाजेंगे। खेल रत्न में भारत में खेलों का सर्वोच्च सम्मान है। उनके साथ टेबल टेनिस खिलाड़ी मनिका बत्र, हॉकी खिलाड़ी रानी रामपाल, पहलवान विनेश फोगाट और पैराखिलाड़ी मरियप्पन थंगाविलू को भी इस साल यह सम्मान दिया जाएगा।

क्यों हैं रोहित खास

भारतीय ओपनर रोहित शर्मा का टेस्ट करियर बहुत शानदार नहीं रहा है, लेकिन वनडे और टी-20 में उनका कोई जोड़ नहीं। यही कारण है कि सचिन तेंदुलकर, महेंद्र सिंह धौनी और विराट कोहली के बाद वह ऐसे चौथे क्रिकेटर हैं, जिन्हें खेल रत्न से नवाजा जाएगा। उनको यह सम्मान इसलिए मिल रहा है क्योंकि उन्होंने 2019 में इंग्लैंड में हुए वनडे विश्व कप में कमाल का प्रदर्शन किया था।

वह अपने अनुशासन भरे खेल की वजह से एक विश्व कप में सर्वाधिक पांच शतक लगाने वाले दुनिया के पहले इकलौते बल्लेबाज बने थे। श्रीलंका के खिलाफ 103 रन की पारी खेलकर उन्होंने श्रीलंका के पूर्व कप्तान कुमार संगकारा के एक विश्व कप में चार शतकों के रिकॉर्ड को धराशायी किया था। उस मैच के बाद उन्होंने प्रेस कांफ्रेंस में कहा था कि बल्लेबाजी में अनुशासन भी होना चाहिए और यह मैंने अपने अतीत से सीखा है।

उन्होंने कहा था कि जो बीत गया वह बीत गया, क्रिकेट में हर दिन नया होता है। मैं हर दिन की शुरुआत नए दिन के रूप में करना चाहता हूं। मैं यह सोचकर उतरता हूं कि मैंने कोई वनडे मैच नहीं खेला है या टूर्नामेंट में कोई शतक नहीं जड़ा है। मैं इसी मानसिकता के साथ उतरना चाहता हूं और मैं खुद से भी यही कहता रहता हूं।

बुलेट की तरह स्टार्ट होते हैं

रोहित की बल्लेबाजी की खासियत है कि वह शुरुआत धीमी करते हैं। वह एक रन और दो रन के जरिये खुद को जमाते हैं और अर्धशतक पूरा करने के बाद ज्यादा खूंखार हो जाते हैं। इसके बाद उनके पुल शॉट और हुक शॉट को किसी भी गेंदबाज के लिए रोकना मुश्किल हो जाता है। वह बुलेट की तरह काम करते हैं। पहले खुद को वार्मअप करते हैं और फिर धड़धड़ करके कठिन रास्ते पर निकल पड़ते हैं।

रोहित कहते हैं कि क्रीज पर उतरने के बाद शॉट का चयन महत्वपूर्ण हो जाता है। मैं खुद को बार-बार बताता हूं कि इस पिच पर मैं किस तरह के शॉट खेल सकता हूं और किस तरह के गेंदबाज मुझे गेंदबाजी कर रहे हैं। मैं यह गणना करने का प्रयास करता हूं कि मैं कैसे आगे बढ़ सकता हूं। अब तक इसका फायदा हुआ है। वनडे क्रिकेट में सबसे ज्यादा तीन शतक जड़ने वाले रोहित जब बल्लेबाजी करते हैं तो बड़े-बड़े गेंदबाज कांपने लगते हैं।

राष्ट्रीय पुरस्कारों के लिए गठित 12 सदस्यीय चयन समिति ने बीते दिनों जिन पांच खिलाड़ियों के नाम की सिफारिश खेल रत्न पुरस्कार के लिए की है उनमें रोहित शर्मा और रानी रामपाल शामिल हैं। एक भारतीय क्रिकेट टीम का शेर है तो दूसरी भारतीय हॉकी टीम की कप्तान। दोनों खिलाड़ियों ने अपने खेल के दम पर देश का नाम रोशन किया है। रोहित चौथे क्रिकेटर हैं, जिन्हें इस सम्मान से सम्मानित किया जाएगा, वहीं रानी रामपाल यह सम्मान हासिल करने वाली पहली महिला हॉकी खिलाड़ी बनेंगी।

रोहित शर्मा की उपलब्धियों पर एक नजर..

2019-20 में रोहित शर्मा ने 28 वनडे मैचों में सात शतक और छह अर्धशतक के साथ 1490 रन बनाए हैं, जबकि पांच टेस्ट मैच में तीन शतक और लगभग 93 के औसत से 556 रन बनाए हैं। 2007 में वनडे में पदार्पण करने के बाद 2010 में रोहित ने अपने वनडे करियर का पहला शतक जड़ा था। उन्होंने बुलावाओ में जिंबाब्वे के खिलाफ 114 रनों की पारी खेली थी। 648 रन उन्होंने पिछले साल इंग्लैंड में हुए विश्व कप में बनाए थे। नौ मैचों में उन्होंने पांच शतक लगाए। इसी के साथ उन्होंने सचिन तेंदुलकर के ओवरऑल विश्व कप में छह शतकों की बराबरी की थी।


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