संकटमोचक केदार ने की शुरुआत और फिर इतने रन पर बांग्लादेश के गंवा दिए 10 विकेट
केदार जाधव ने जैसे ही पहला विकेट लिया इसके बाद भारतीय गेंदबाजों ने बांग्लादेश के बल्लेबाजों को टिकने नहीं दिया।
नई दिल्ली, जेएनएन। एशिया कप 2018 के फाइनल मुकाबले में एक वक्त जब बांग्लादेश के ओपनर बल्लेबाजों ने पहले विकेट के लिए 120 रन की साझेदारी कर दी तो टीम इंडिया समेत तमाम भारतीय क्रिकेट फैंस का दिल बैठ सा गया। सबको यही लग रहा था कि इस मैच में बांग्लादेश की टीम कुछ ऐसा धमाका करने वाली है जिससे टीम इंडिया मुसीबत में आ सकती है। लेकिन बांग्लादेश का पहला विकेट गिरने के बाद जो हुआ उससे साफ तौर पर पता चलता है कि अभी बांग्लादेश को काफी कुछ सीखने की जरूरत है।
केदार ने टीम को दिलाई बड़ी सफलता
बांग्लादेश के ओपनर बल्लेबाज लिटोन दास और मेंहदी हसन के बीच पहले विकेट के लिए 120 रन की साझेदारी हो गई थी। इस साझेदारी को तोड़ने में सारे भारतीय गेंदबाज नाकाम रहे थे और कप्तान रोहित के चेहरे की झुंझलाहट साफ तौर से देखी जा सकती थी पर इस मुसीबत की घड़ी में भारत के संकटमोचक बने ऑलराउंडर केदार जाधव। रोहत ने केदार को गेंद थमाई और उन्होंने अपनी टीम के बिल्कुल भी निराश नहीं किया। अपने पहले ओवर की पांचवीं गेंद पर ही केदार ने लिटोन का अच्छा साथ निभा रहे मेंहदी हसन को 32 रन पर रायडू के हाथों कैच करवाकर इस साझेदारी को तोड़ दिया। इस साझेदारी के टूटने के बाद तो जैसे भारतीय टीम बांग्लादेश पर टूट पड़ी और गेंदबाजों ने भी अपना कमाल दिखाना शुरू कर दिया।
102 रन पर गिरे 10 विकेट
पहली साझेदारी टूटने के बाद बांग्लादेश के बल्लेबाजों ने दूसरे विकेट के लिए 8, तीसरे विकेट के लिए 9, चौथे विकेट के लिए 2, पांचवें विकेट के लिए 12, छठे विकेट के लिए 37, सातवें विकेट के लिए 8, आठवें विकेट के लिए 17, नौवें विकेट के लिए 9 और आखिरी यानी दसवें विकेट के लिए 0 रन की साझेदारी की। जाहिर है 120 रन पर पहला विकेट गिरने के बाद बांग्लादेश के बल्लेबाज सिर्फ 102 रन ही जोड़ पाए और ऑल आउट हो गए। एक वक्त पर 120 रन पर पहला विकेट गिरने के बाद बांग्लादेश की टीम 151 रन पर अपने 5 विकेट गंवा चुकी थी। इसके बाद छठे विकेट के लिए सौम्या सरकार और लिटोन दास ने 37 रन की साझेदारी कर टीम के स्कोर को आगे पहुंचाया।
टीम के सात बल्लेबाज नहीं छू पाए 10 का आंकड़ा
बांग्लादेश क्रिकेट टीम के सात बल्लेबाज 10 का आंकड़ा भी नहीं छू पाए। इन बल्लेबाजों में इमरूल कायस (2), मुश्फिकुर रहीम (5), मो. मिथुन (2), महमूदुल्लाह (4), मशरफे मुर्तजा (7), नजमुल इस्लाम (7), मुस्ताफिजुर रहमान (2*) और रूबेल हुसैन (0) शामिल हैं। फाइनल मैच में लिटोन दास ने अपनी टीम के लिए बेस्ट पारी खेलते हुए 121 रन बनाए। इसके बाद सौम्या सरकार ने 33 जबकि मेंहदी हसन ने 32 रन बनाए।