कैप्टन विराट का सचिन कनेक्शन..वो चिट्ठी सब बयां करती है
(शिवम् अवस्थी), नई दिल्ली। 'अगर आप ना होते तो शायद मैं क्रिकेट ना खेलना शुरू करता। आपसे ही यह खेल चुनने की प्रेरणा मिली, आपको देखकर ही यहां तक पहुंचा।' यह शब्द यूं तो एक महान खिलाड़ी को किसी फैन द्वारा लिखे गए लगते हैं, हां, यह शब्द हैं तो एक फैन के ही लेकिन हकीकत यह है कि आज यह फैन विश्व चैंपियन टीम की कमान संभाल रहा है।
(शिवम् अवस्थी), नई दिल्ली। 'अगर आप ना होते तो शायद मैं क्रिकेट ना खेलना शुरू करता। आपसे ही यह खेल चुनने की प्रेरणा मिली, आपको देखकर ही यहां तक पहुंचा।' यह शब्द यूं तो एक महान खिलाड़ी को किसी फैन द्वारा लिखे गए लगते हैं, हां, यह शब्द हैं तो एक फैन के ही लेकिन हकीकत यह है कि आज यह फैन विश्व चैंपियन टीम की कमान संभाल रहा है। यह फैन हैं विराट कोहली और उनके यह शब्द थे सचिन तेंदुलकर के लिए।
मास्टर ब्लास्टर के 24 साल के क्रिकेट करियर में कई ऐसे खिलाड़ी आए जो उनके सामने ही अर्श पर गए और कुछ उनके सामने ही फर्श पर..लेकिन दिल्ली के गलियारों में एक लड़का ऐसा भी था जिसने सचिन को देखकर ही क्रिकेट की शुरुआत की और उसी एक प्रेरणा और मेहनत ने उसे विश्व चैंपियन टीम की कमान संभालने का मौका दिया है। आज यही युवा कप्तान किसी सीरीज में भारतीय टीम को फाइनल में ले जा रहा है और एक जीत और भी बहुत कुछ बदल डालेगी। सचिन से हर भारतीय क्रिकेटर का लगाव जगजाहिर हो चुका है लेकिन विराट ने अपने करियर की शुरुआत में सचिन को एक चिट्ठी लिखी थी जिसमें उन्होंने अपनी भावनाओं को इस कदर शब्दों में उतारा था कि मानो कोई अंतरराष्ट्रीय क्रिकेटर नहीं एक फैन अपनी दीवानगी जाहिर कर रहा हो। यह पत्र विराट ने पाकिस्तान के खिलाफ खेली गई अपनी 183 रनों की रिकॉर्ड पारी के बाद सचिन को लिखा था। आइए उस चिंट्ठी के कुछ दिलचस्प पहलुओं को आपके सामने रखें।
विराट ने लिखा, 'प्रिय सचिन पाजी, आपके लाखों फैंस हैं और मैं भी उनमें से एक हूं। दरअसल, मैंने क्रिकेट को चुना ही आपकी वजह से। आपको खेलते देखना ही प्रेरणा थी। मुझे पता नहीं कि आपको याद है या नहीं लेकिन मैं आपसे 2007 में पहली बार वानखेड़े स्टेडियम पर मिला था। लोग आपसे हाथ मिलाने, फोटो खिंचवाने व ऑटोग्राफ लेने के लिए तरसते हैं, और एक मैं किस्मत का धनी हूं जो आपके साथ ड्रेसिंग रूम साझा कर रहा हूं, यह मेरे लिए गर्व की बात है। आपको निजी तौर पर जानकर मैं बेहद गर्व महसूस करता हूं। पाजी मैंने आपसे कभी यह नहीं कहा, लेकिन मैं आपको बताना चाहता हूं कि मेरा आपसे जुड़ाव बहुत अद्भुत रहा है। मैं आपके साथ बहुत अच्छा महसूस करता हूं। आपको याद है न वह ऑस्ट्रेलियाई दौरा जब मैं बेहद खराब मूड में था। मैं पर्थ में 40 रनों पर बल्लेबाजी कर रहा था और आपने आकर मुझसे कहा था कि मैं परेशान ना हूं और मैं बड़ा शतक बनाऊंगा। माफी चाहता हूं कि मैं उस मैच में 75 रन ही बना सका लेकिन एडिलेड के फाइनल मैच में मैंने अपना पहला टेस्ट शतक लगाकर आपकी बात सच कर दी। आपको अंदाजा नहीं है कि आपके उन शब्दों ने मुझे कितना प्रेरित किया था। मुझे याद है वह दबाव के क्षण जब लोग आपसे महज एक रिकॉर्ड शतक की मांग कर रहे थे लेकिन हम वाकई आपसे प्रेरित हैं कि आपने उस दौरान दबाव को कैसे हैंडल किया। आप मेरे बचपन के हीरो हो और हमेशा रहोगे। आपने नागपुर में वनडे मैच के दौरान हमारी 75 रनों की साझेदारी के दौरान मुझे कहा था कि मैं अपने दिल की सुनता चलूं..मैं वही कर रहा हूं और नतीजे सामने हैं।...आपका प्रिय, विराट कोहली।'
वाकई, इस चिंट्ठी से यह बात साफ हो जाती है कि इस युवा क्रिकेटर ने कितना लंबा सफर तय किया है। बेशक आज कई लोग उनके गुस्से और कप्तानी में अलग रवैये की आलोचना कर रहे हों लेकिन इस खिलाड़ी ने साबित करके दिखाया है कि हर मौके का फायदा उठाना, उसे भुनाना और उसे लक्ष्य तक ले जाना हर किसी के बस की बात नहीं होती। श्रीलंका के खिलाफ फाइनल में अगर धौनी कप्तानी करने नहीं लौटते हैं और अगर विराट अपनी कप्तानी में टीम को ट्रॉफी हासिल कराने में सफल रहते हैं तो यह तय है कि धौनी का विकल्प पूरी तरह से तैयार हो चुका है।
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