उनादकट ने 7 साल पहले किया था डेब्यू, अब करियर में पहली बार किया ये काम
जयदेव उनाद्कट ने श्रीलंका के खिलाफ टी20 सीरीज में शानदार प्रदर्शन किया। यह सीरीज उनके करियर के लिये टर्निंग प्वाइंट साबित हो सकती है।
नई दिल्ली, [रवीन्द्र प्रताप सिंह]। भारतीय क्रिकेट टीम ने श्रीलंका की टीम को इस दौरे पर बुरी तरह से पस्त कर दिया। पहले टेस्ट, फिर वनडे और उसके बाद टी-20 सीरीज के दौरान भारतीय टीम के खिलाड़ियों ने रिकॉर्ड्स की झड़ी लगा दी। टी-20 सीरीज़ में जयदेव उनाद्कट ने अपनी धार और रफ्तार के दम पर श्रीलंका की नाक में दम कर दिया और श्रीलंकाई बल्लेबाज़ों को रन बनाने का कोई मौका नहीं दिया। इस सीरीज ने उनाद्कट को उनके शानदार प्रदर्शन के बाद उन्हें एक नया मुकाम दिया है।
उनादकट ने पहली बार किया ये काम
मुंबई में खेले गये तीसरे और आखिरी टी-20 मैच में उनाद्कट ‘मैन ऑफ द मैच’ रहे। उनाद्कट ने इस सीरीज में मात्र 4.88 की इकॉनामी से 4 बल्लेबाजों को पवेलियन भेजा। इस सीरीज में शानदार प्रदर्शन करने ईनाम उन्हें ये मिला कि वो अपने करियर में मैन ऑफ द सीरीज़ का खिताब हासिल करने में कामयाब रहे। इस बेहतरीन प्रदर्शन के बाद उन्होंने माना कि इस सीरीज की सफलता से उन्हें बहुत ही ज्यादा मदद मिली है अब उनका आत्मविश्वास पहले से भी ज्यादा बढ़ गया है।
सीरीज में की शानदार गेंदबाजी
उनाद्कट ने पूरी सीरीज में उन्होंने बहुत ही किफायती गेंदबाजी की और तीन मैचों की सीरीज के पहले मैच में 7 रन देकर 1 विकेट, दूसरे मैच में 22 रन देकर 1 विकेट और तीसरे मैच में 15 रन देकर 2 विकेट लिये। उनाद्कट की गेंदबाज़ी की खास बात ये रही कि उन्होंने टीम इंडिया को शुरुआत में ही ब्रेक थ्रू दिलवाए। शुरुआत में झटके लगने के बाद श्रीलंकाई टीम के लिए संभल पाना मुश्किल हो गया और फिर भारतीय फिरकी गेंदबाज़ों ने स्थिति का बखूबी फायदा उठाया।
साल 2010 में किया था डेब्यू
जयदेव उनाद्कट ने साल 2010 में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ सेंचुरियन में टेस्ट मैच से क्रिकेट करियर का आगाज किया था। लेकिन अपने पहले ही टेस्ट में उन्हें कोई विकेट नहीं मिला बल्कि 101 रन भी खर्च करने पड़े। इसके बाद वो टेस्ट टीम में वापसी के लिये अभी तक संघर्ष कर रहे हैं। इसके बाद उन्हें एकदिवसीय और टी20 मैचों में तब जगह मिली जब टीम के मुख्य गेंदबाजों को किसी कारणवश आराम दिया गया था।
मिल सकती है अहम जिम्मेदारी
हालांकि दक्षिण अफ्रीकी दौरे के लिये जयदेव उनाद्कट का नाम नहीं शामिल किया गया है, लेकिन सीरीज के बाद उनका मानना है कि भारतीय टीम प्रबंधन बायें हाथ के तेज गेंदबाज की अहमियत को समझता है। अगर वो ऐसे ही शानदार प्रदर्शन करते रहे तो भविष्य में भारतीय क्रिकेट के तीनों फॉर्मेट में अहम भूमिका निभाएंगे।