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बीसीसीआइ की वजह से 'खतरे' में भारतीय खेलों का वजूद, भुगतना पड़ सकता है ये अंजाम

भारत के सभी क्रिकेटर चाहे विराट कोहली हों, महेंद्र सिंह धौनी हो या फिर कोई और सभी क्रिकेटर बीसीसीआइ के नियमों का पालन करते हैं।

By Pradeep SehgalEdited By: Published: Fri, 03 Nov 2017 11:51 AM (IST)Updated: Sat, 04 Nov 2017 10:00 AM (IST)
बीसीसीआइ की वजह से 'खतरे' में भारतीय खेलों का वजूद, भुगतना पड़ सकता है ये अंजाम
बीसीसीआइ की वजह से 'खतरे' में भारतीय खेलों का वजूद, भुगतना पड़ सकता है ये अंजाम

नई दिल्ली, अभिषेक त्रिपाठी। भारत में क्रिकेट को चलाने वाली संस्था है भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआइ)। भारत के सभी क्रिकेटर चाहे विराट कोहली हों, महेंद्र सिंह धौनी हो या फिर कोई और सभी क्रिकेटर बीसीसीआइ के नियमों का पालन करते हैं यानी कि बीसीसीआइ भारत में क्रिकेट का बॉस है और सभी क्रिकेटर्स का आका भी, लेकिन अब क्रिकेट के इस आका की वजह से भारत में होने वाले बाकी खेलों का वजूद खतरे में पड़ सकता है।   

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बीसीसीआइ पर बन रहा है दबाव

भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआइ) ने राष्ट्रीय डोपिंग रोधी एजेंसी (नाडा) की तरफ से भारतीय क्रिकेटरों के डोप टेस्ट के लिए बनाए जा रहे लगातार दबाव में आने से इन्कार कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त प्रशासकों की समिति (सीओए) ने इसको लेकर शुक्रवार को बैठक बुलाई है, लेकिन गुरुवार को ही मुंबई के एक होटल में विनोद राय, डायना इडुलजी और बीसीसीआइ सीईओ राहुल जौहरी ने बैठक की। इसमें यह तय किया गया कि भारतीय क्रिकेटरों का नाडा से डोप टेस्ट नहीं कराया जाएगा। इसको लेकर नाडा को जवाब भी देने की तैयारी कर ली गई है।

वाडा ने दी खेल मंत्रालय को चेतावनी

बीसीसीआइ के शीर्ष अधिकारियों का मानना है कि बोर्ड को नाडा इसलिए अपने दायरे में लाना चाहता है ताकि विराट कोहली या महेंद्र सिंह धौनी ‘रहने के स्थान’ संबंधी शर्त पर हस्ताक्षर कर सकें। बीसीसीआइ अभी स्वीडन की संस्था अंतरराष्ट्रीय ड्रग परीक्षण प्रबंधन (आइडीटीएम) की सेवाएं ले रहा है और उसका उसके साथ बने रहने की संभावना है। हाल ही में विश्व डोपिंग रोधी एजेंसी (वाडा) ने भारतीय खेल मंत्रालय को पत्र लिखकर कहा था कि अगर बीसीसीआइ अपने खिलाड़ियों का डोप टेस्ट भारत में वाडा से मान्यता प्राप्त एकमात्र डोपिंग संस्था नाडा के जरिए नहीं कराता है तो वह नाडा की मान्यता निलंबित कर देंगे। इसके बाद खेल मंत्रालय हरकत में आ गया था क्योंकि नाडा के निलंबित होने पर बाकी खेलों के भी खिलाड़ियों के डोप टेस्ट रुक जाएंगे।

बीसीसीआइ डोप टेस्ट के लिए नहीं बाध्य

नाडा के कुछ अधिकारियों का कहना था कि अगर बीसीसीआइ नहीं मानता तो वे घरेलू क्रिकेट टूर्नामेंटों के दौरान डोपिंग नियंत्रक अधिकारी (डीसीओ) भेज सकते हैं। अगर बीसीसीआइ सहयोग नहीं करता है तो वह कानूनी रास्ता अपनाएगा। आज हुई बैठक के बाद बीसीसीआइ के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि हमने नाडा संहिता पर हस्ताक्षर नहीं किए हैं और इसलिए डोप परीक्षण के लिए अपने क्रिकेटरों को भेजना अनिवार्यता नहीं है। आइसीसी टूर्नामेंटों में हमारे क्रिकेटरों का वाडा परीक्षण करता है लेकिन हम राष्ट्रीय खेल महासंघ (एनएसएफ) नहीं हैं और इसलिए नाडा से जुड़ना हमारे लिए जरूरी नहीं है।

 

इसके अलावा गुरुवार को हुई बैठक में सीओए और जौहरी ने महाप्रबंधक (क्रिकेट परिचालन) के लिए साक्षात्कार लिए। इस पद के लिए एक पूर्व भारतीय तेज गेंदबाज ने भी साक्षात्कार दिया। यह गेंदबाज पहले भारतीय टीम के कोच पद का भी दावेदार था। आज के साक्षात्कार के बाद उसके बीसीसीआइ में प्रवेश की नई राह खुल सकती है। एमवी श्रीधर के इस्तीफे के बाद यह जगह खाली हुई थी। इस्तीफे के कुछ दिन बाद ही श्रीधर का निधन भी हो गया।

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