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EXCLUSIVE: विराट एंड कंपनी और BCCI के बीच पड़ सकती है दरार, ये है बड़ी वजह

आइपीएल के मैचों के प्रसारण अधिकार से अगले दस साल में स्टार इंडिया ने 16,347 करोड़ रुपये मिलेंगे तो हमें उस टूर्नामेंट को अगले स्तर पर भी ले जाना है।

By Pradeep SehgalEdited By: Published: Sat, 16 Dec 2017 11:17 AM (IST)Updated: Sat, 16 Dec 2017 05:57 PM (IST)
EXCLUSIVE: विराट एंड कंपनी और BCCI के बीच पड़ सकती है दरार, ये है बड़ी वजह
EXCLUSIVE: विराट एंड कंपनी और BCCI के बीच पड़ सकती है दरार, ये है बड़ी वजह

नई दिल्ली, अभिषेक त्रिपाठी, [जागरण स्पेशल]। भारतीय टीम के खिलाड़ियों और बीसीसीआइ के बीच दरार पड़ सकती है। इसकी वजह है की वेतन वृद्धि को लेकर कप्तान विराट कोहली, महेंद्र सिंह धौनी और कोच रवि शास्त्री ने हाल ही में सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त प्रशासकों की समिति (सीओए) से मुलाकात की थी। सीओए अगले सत्र में सीनियर टीम के साथ जूनियर खिलाड़ियों की वेतन वृद्धि करना चाहता है लेकिन बीसीसीआइ पदाधिकारियों समेत अधिकतर सदस्य इसके खिलाफ हैं।

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सीओए इसको लेकर एक प्रस्ताव तैयार कर रहा है जिससे विराट एंड कंपनी और जूनियर क्रिकेटरों की तनख्वाह लगभग दोगुना हो सकती है। यह प्रस्ताव अनुमोदन के लिए बीसीसीआइ की आम सभा में भेजा जाएगा लेकिन बोर्ड के अधिकतर सदस्य सीनियर क्रिकेटरों की तनख्वाह दोगुना करने के खिलाफ हैं। बोर्ड के एक पदाधिकारी ने दैनिक जागरण से कहा कि बीसीसीआइ के ऊपर 4900 करोड़ रुपये की संभावित देनदारी है। हमने इस साल ही सीनियर क्रिकेटरों का वेतन बढ़ाया है। हम पानी की तरह पैसे नहीं बहा सकते। हम जूनियर क्रिकेटरों की मैच फीस बढ़ाने के पक्ष में हैं। इसको लेकर बीसीसीआइ की फाइनेंस कमेटी के अध्यक्ष ज्योतिरादित्य सिंधिया को प्रस्ताव भी दिया गया था। उसको और बेहतर बनाया जा रहा है।

फिर आइसीसी से क्यों किया समझौता 

वर्तमान में बीसीसीआइ के वार्षिक राजस्व का 26 फीसद क्रिकेटरों को दिया जाता है। इसमें 13 फीसद अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ियों के लिए 10.6 जूनियर क्रिकेटरों के लिए और बाकी महिला व अन्य जूनियरों के लिए होता है। बोर्ड के पदाधिकारी ने कहा कि सीओए अगर सीनियर खिलाड़ियों की तनख्वाह बढ़ाना चाहता है तो उसे बीसीसीआइ की पॉलिसी बदलनी होगी। यह बोर्ड की आम सभा के बिना नहीं हो सकता है। अगर यह हमारे पास आएगा तो हम इसका विरोध करेंगे। अगर इसके बावजूद सीओए ऐसा करता है तो फिर आगे सोचा जाएगा। अगर बीसीसीआइ को बचाने के लिए एक बार बुरा बनना पड़े तो बना जाएगा। ऐसे लोकलुभावन फैसले से नुकसान होगा। हमें आइसीसी से बिग थ्री मॉडल के तहत आठ साल में 600 मिलियन डॉलर मिलने थे लेकिन सीओए के प्रतिनिधि और बोर्ड के सीईओ राहुल जौहरी 400 मिलियन डॉलर पर सहमत हो गए। अगर हमें 600 करोड़ डॉलर मिलते तो उसका 26 फीसद खिलाड़ियों में ही बंटता जिससे उनकी कमाई स्वत: बढ़ जाती।

आइपीएल की कमाई ज्यादा तो खर्च भी ज्यादा

अधिकारी ने कहा है कि बीसीसीआइ को आइपीएल के मैचों के प्रसारण अधिकार से अगले दस साल में स्टार इंडिया ने 16,347 करोड़ रुपये मिलेंगे तो हमें उस टूर्नामेंट को अगले स्तर पर भी ले जाना है। इससे मिले धन को ऐसे नहीं बांटा जा सकता। बीसीसीआइ पर बहुत देनदारी है। जहां तक आइपीएल से मिलने वाली कमाई की बात है तो खिलाड़ियों को तो वैसे ही उनकी वकत के हिसाब से आइपीएल टीमें खरीदती हैं और उन्हें भारतीय टीम में खेलते हुए मिलने वाले धन से अलग धन इसके जरिये मिलता है। हां जूनियर क्रिकेटरों को जरूर अतिरिक्त धन मिलना चाहिए और उस पर काम चल रहा है।

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