विराट कोहली की इन दो चालों में फंसा ऑस्ट्रेलिया, क्या आप समझ पाए?
चेन्नई में खेले गए पहले मैच में टीम इंडिया के कप्तान विराट कोहली ने दो ऐसी चालें चली जिसने ऑस्ट्रेलियाई टीम को घुटने टेकने पर मजबूर कर दिया।
नई दिल्ली, प्रदीप सहगल [जागरण स्पेशल]। चेपॉक के मैदान पर भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच खेले गए पहले वनडे मैच में टीम इंडिया ने जीत दर्ज़ की। 26 रन से मिली इस जीत के साथ ही भारतीय टीम ने पांच मैचों की वनडे सीरीज़ में 1-0 की बढ़त भी बना ली। इस मुकाबले में टीम इंडिया के कप्तान विराट कोहली ने दो ऐसी चाल चली जिसे ऑस्ट्रेलियाई टीम समझ नहीं पाई और पहले मैच में पूरी कंगारु टीम धराशाई हो गई। चलिए आपको बताते हैं क्या थी विराट की वो दो चालें।
मैच से पहले ही कोहली ने चला ये दांव
कोहली ने मैच शुरू होने से पहले ही एक ऐसा दांव चला जो दोनों टीमों के बीच सबसे बड़ा फर्क साबित हुआ। इस मैच के शुरू होने से पहले किसी ने भी नहीं सोचा था कि कप्तान कोहली दिग्गज स्पिनर रवींद्र जडेजा को बाहर बैठाकर चहल और कुलदीप यादव को अंतिम ग्यारह में शामिल करेंगे, लेकिन कोहली ने ऐसा किया और इन दोनों स्पिन गेंदबाज़ों ने कंगारू बल्लेबाज़ों को अपने फिरकी के फंदे में ऐसा फंसाया कि आस्ट्रेलिया के बल्लेबाज़ बगले छांकते नज़र आए। चहल ने इस मैच में सबसे ज़्यादा तीन विकेट लिए तो वहीं कुलदीप यादव ने दो कंगारू बल्लेबाज़ का शिकार किया। इन दोनों गेंदबाज़ ने 5 अहम विकेट तो लिए ही साथ ही साथ ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाज़ों को अपनी घूमती गेंदों पर ऐसा नाच नचाया, ऐसा नाच नचाया कि वो अपने विकेट गंवाकर वापस लौटते रहे।
अंतिम ओवरों में कोहली ने चली ये ‘विराट’ चाल
भारतीय पारी खत्म होने के बाद बारिश ने मैच में खलल डाला। बारिश बंद हुई तो 50-50 ओवर का मैच लगभग-लगभग एक टी-20 मैच में तब्दील हो गया। ऑस्ट्रेलिया के लिए जीत का लक्ष्य अब 282 से घटकर 164 रन रह गया और 50 ओवर का मैच भी 21 ओवर का हो गया। लेकिन एक टी-20 मैच से फिर भी ये मुकाबला अलग था, क्योंकि एक तो इस मैच में दोनों छोर से नई गेंदों का इस्तेमाल हुआ और साथ ही साथ इस मुकाबले में सिर्फ एक गेंदबाज़ ही 5 ओवर का फेंक सकता था। जबकि टी-20 मैच में सभी गेंदबाज़ 4-4 ओवर डाल सकते हैं। यहीं कोहली ने एक ऐसा दांव चला जो किसी ने शायद ही सोचा हो भुवनेश्वर और जसप्रीत बुमराह जैसे टी-20 स्पेशलिस्ट गेंदबाज़ों के टीम में होने के बावजूद भी विराट ने पांच ओवर युजवेंद्र चहल से डलवाए। कोहली की ये चाल विराट इसलिए भी है क्योंकि चहल को भुवी और बुमराह के सामने चहल कम का अनुभव काफी कम हैं, लेकिन फिर भी कप्तान ने इस युवा गेंदबाज़ पर भरोसा दिखाया और चहल भी उस पर खरे उतरे। चहल ने अपने 5 ओवर में 30 रन देकर तीन अहम विकेट हासिल किए। चहल ने मैक्सवेल, वेड और कमिंस के विकेट लेकर भारत की जीत में अहम योगदान निभाया।
ये साबित हुए मैच के टर्निंग प्वॉइंट
इस मैच में तीन टर्निंग प्वॉइंट आए पहला भारतीय पारी में आया जब हार्दिक पांड्या और धौनी बल्लेबाज़ी कर रहे थे तो पांड्या ने जंपा के एक ओवर में लगातार तीन छक्के लगाकर जैसे ऐलान कर दिया कि ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाज़ों, अब हो जाओ सावधान। इसके बाद तो जैसे भारतीय पारी का पूरा रंग रुप ही बदल गया। जो स्कोर मुश्किल से 215-220 बनता दिखा रहा था अचानक ही वो 260-270 तक पहुंचता दिखाई देने लगा। पांड्या ने रंग जमाया तो फिर धौनी ने भी धमाके करने शुरू कर दिए और टीम इंडिया का स्कोर 281 रन तक पहुंच गया।
खत्म हुई वॉर्नर की वॉर्निंग
दूसरा टर्निंग प्वॉइंट ऑस्ट्रेलियाई पारी में आया जब डेविड वॉर्नर बल्लेबाज़ी कर रहे थे। वॉर्नर धीरे-धीरे अपने रंग में आने की कोशिश कर रहे थे। इसी कोशिश में वो 2 चौके भी लगा चुके थे लेकिन तभी धौनी ने कुलदीप यादव को बताया कि वो गेंद को वॉर्नर के करीब फेंके ताकि बल्लेबाज़ को शॉट लगाने के लिए अपने हाथ खोलने के लिए जगह ही ना मिले। धौनी की सलाह देने भर की देर थी कि यादव ने ठीक वैसा ही किया और अगली ही गेंद पर वॉर्नर की पारी समाप्त हो गई।
मैक्सवेल का मैजिक ना आया काम
वॉर्नर के जाने के बाद जिस बल्लेबाज़ ने टीम इंडिया को सबसे ज़्यादा परेशान किया वो थे मैक्सवेल। मैक्सवेल ने सिर्फ 18 गेंदों पर 39 रन की पारी खेलकर भारतीय टीम के माथे पर बल ला दिए। ऑस्ट्रेलिया के इस धुआंधार खिलाड़ी ने तीन चौके और 4 गगनचुंबी छक्के लगाकर पलड़े को कंगारुओं की तरफ झुका दिया, लेकिन चहल की चालाक गेंदबाज़ी के आगे मैक्सवेल का मैजिक कारगर साबित नहीं हो सका।
कंगारुओं की ये कमज़ोरी बनी रोड़ा
ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाज़ों के बारे में कहा जाता है कि वो स्पिन गेंदबाज़ों की अच्छे से नहीं खेल पाते और एक बार फिर इस मैच में यहीं देखने को मिला। कंगारू बल्लेबाज़ चहल और कुलदीप की क्वॉलिटी गेंदबाज़ी के सामने घुटने टेकते नज़र आए। पूर्व क्रिकेटर और कॉमेंटेटर आकाश चोपड़ा का कहना है कि तेज़ गेंदबाज़ी आपको डराती है, लेकिन अगर आप स्पिन गेंदबाज़ी को ठीक से नहीं खेल पाते तो वो बल्लेबाज़ को पानी-पानी कर देती है’। इस मैच में ऑस्ट्रेलिया के बल्लेबाज़ भारतीय स्पिन गेंदबाज़ों को पढ़ने में पूरी तरह से नाकाम रहे और वो कुछ ना समझ आने पर सिर्फ स्वीप मारने की कोशिश ही करते रहे'।