धौनी ने ऐसे 'रोका' इस खिलाड़ी का रास्ता, अभी तक कर रहा है टीम में आने के लिए संघर्ष
वर्तमान परिस्थितियों को देखते हुए धौनी 2019 विश्व कप तक खेलना चाहेंगे।
नई दिल्ली, अभिषेक त्रिपाठी। एक का जन्म हुआ सात जुलाई 1981 को रांची में तो दूसरे का एक जून 1985 को मद्रास (अब चेन्नई) में लेकिन दोनों ने ही वर्ष 2004 में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में प्रवेश किया। एक ने टेस्ट टीम में तो दूसरे ने वनडे टीम के जरिये। दोनों में गजब की प्रतिभा थी लेकिन एक की प्रतिभा इतनी ज्यादा थी कि दूसरा उसकी ओट में कहीं पीछे छुप गया। जी हां, हम बात कर रहे हैं भारत के पूर्व कप्तान और अभी भी वनडे व टी-20 टीम के स्थायी विकेटकीपर महेंद्र सिंह धौनी और फिर से भारतीय वनडे टीम में वापसी करने वाले विकेटकीपर-बल्लेबाज दिनेश कार्तिक की।
32 वर्षीय कार्तिक ने तीन नवंबर 2004 को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पहला टेस्ट खेलकर अंतरराष्ट्रीय करियर की शुरुआत की थी, वहीं 36 वर्षीय धौनी ने उनके बाद 23 दिसंबर 2004 को बांग्लादेश के खिलाफ पहला अंतरराष्ट्रीय वनडे खेला। हालांकि इसके बाद धौनी ऐसा चमके कि कार्तिक का करियर बाधाओं से भर गया। आइपीएल और घरेलू क्रिकेट में रन बनाने के बावजूद कार्तिक को अंतरराष्ट्रीय टीम में बहुत कम मौके मिले क्योंकि धौनी को हिलाना उनके बस की बात नहीं थी। 2004 से अब तक जहां धौनी ने 90 टेस्ट, 306 वनडे और 80 टी-20 खेले तो वहीं कार्तिक को इस दौरान भारत की तरफ से सिर्फ 23 टेस्ट, 73 वनडे और 10 टी-20 खेलने का ही मिला।
वर्तमान परिस्थितियों को देखते हुए धौनी 2019 विश्व कप तक खेलना चाहेंगे। उन्हें कप्तान विराट कोहली, कोच रवि शास्त्री, चयनकर्ताओं और बीसीसीआइ का भी समर्थन प्राप्त है। ऐसे में अगर कार्तिक को टीम में अपनी जगह बरकरार रखनी है तो उन्हें एक शीर्ष बल्लेबाज की तरह बर्ताव करना होगा। उन्हें जो भी मौके मिले उसमें स्कोर करना होगा क्योंकि सीमित ओवरों के क्रिकेट में नए विकेटकीपर की एंट्री मुश्किल है। हालांकि इस मौके के जरिये वह भारतीय टेस्ट टीम में अपनी जगह पक्की कर सकते हैं क्योंकि धौनी टेस्ट से संन्यास ले चुके हैं। ऋद्धिमान साहा को हटाकर कार्तिक के लिए जगह बनाना आसान होगा।
अभी भी फिट हैं धौनी : धौनी विकेट के पीछे और विकेट के बीच में अपनी अतिरिक्त चुस्ती-फुर्ती के लिए जाने जाते हैं। वह बिजली की गति से स्टंपिंग और चीते की गति से विकेट के बीच दौड़ लगाते हैं। तब भी कई बार उनकी उम्र, फॉर्म और फिटनेस का हवाला देकर उन्हें टीम से बाहर करने की बात की जाती है। ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ बारिश से प्रभावित तीसरे टी-20 मैच से पहले पूर्व भारतीय तेज गेंदबाज अजीत आगरकर ने धौनी की जगह कार्तिक को खिलाने की सलाह दी। आगरकर का मानना था कि कार्तिक घरेलू क्रिकेट में जबरदस्त फॉर्म में हैं और गेंद उनके बल्ले पर अच्छे से आ रही है। वह अपनी फॉर्म की वजह से पहली ही गेंद से अटैक करना शुरू कर सकते हैं। दरअसल आगरकर दूसरे टी-20 में मिली भारतीय टीम की हार के संदर्भ में बात कर रहे थे। उसमें भारतीय शीर्षक्रम सस्ते में आउट हो गए था और पारी को संभालने की जिम्मेदारी धौनी के आ गई थी लेकिन उन्होंने निराश किया और 16 गेंदों में मात्र 13 रन बनाकर चलते बने।
कार्तिक के रास्ते खुले : घरेलू क्रिकेट में अच्छा प्रदर्शन करने और नंबर चार पर खाली स्थान होने के कारण कार्तिक के पास टीम में जगह बनाने का है। इस जगह पर विराट ने केएल राहुल और मनीष पांडे को प्रयोग किया है लेकिन दोनों ही असफल रहे। अजिंक्य रहाणो बेहतर विकल्प हैं लेकिन जब तेजी से रन बनाने होते हैं तो वह कुछ कमजोर पड़ जाते हैं। कार्तिक इन दोनों ही मामलों में फिट बैठते हैं। दस साल की उम्र से क्रिकेट खेलने वाले कार्तिक ने 2002 में प्रथम श्रेणी क्रिकेट खेलना शुरू किया।