देखें, क्रिकेट के मैदान पर आज ही आया था दूसरी दुनिया का बैट, मच गया था बड़ा बवाल
इस वजह से अपने कप्तान से नाराज होकर इस खिलाड़ी ने गुस्से में बीच मैदान पर फेंक दिया था बल्ला।
नई दिल्ली, [जागरण स्पेशल]। क्रिकेट के मैदान पर जाने-अनजाने बहुत सी घटनाएं घट जाती है। कुछ वाकये यादगार बन जाते हैं, तो कुछ पर समय के साथ धूल चढ़ती जाती है। क्रिकेट की एक ऐसी ही यादगार घटना आज से ठीक 38 साल पहले यानि की 15 दिसंबर 1979 को घटी थी। इस एक घटना की वजह बने ऑस्ट्रेलिया के जाने-माने तेज़ गेंदबाज़ डेनिस लिली। चलिए आपको बताते हैं कि केसे घटा ये पूरा वाकया और क्यों है ये यादगार।
38 साल पहले की वो यादगार घटना
साल 1979 में इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया के बीच एशेज सीरीज़ खेली जा रही थी। इस सीरीज़ के पहले टेस्ट के पहले दिन ऑस्ट्रेलिया की हालत थोड़ी खराब थी। कंगारुओं ने सिर्फ 232 रन के स्कोर पर अपने 8 विकेट गंवा दिए थे। पहले दिन का खेल खत्म होने तक डेनिस लिली 11 रन पर नाबाद थे। दूसरे दिन का खेल जब शुरू हुआ और लिली मैदान पर बल्लेबाजी करने उतरे तो उनके हाथ में साधारण लकड़ी (विलो) से बना बैट नहीं था, उनक हाथ में एल्युमिनियम धातु से बना बल्ला था।
ऐसे मचा बवाल
डेनिस लिली कोई विशेषज्ञ बल्लेबाज नहीं थे बल्कि एक तेज़ गेंदबाज थे जो 9वें नंबर पर बल्लेबाजी करने आते थे। जब दूसरे दिन का खेल शुरु हुआ तो डेनिस लिली लकड़ी के बैट (विलो) की जगह एल्युमिनियम का बल्ला लेकर मैदान पर उतरे। क्योंकि उस समय तक क्रिकेट में इस तरह के बैट को इस्तेमाल करने को लेकर कोई रोक-टोक नहीं थी, इसलिए लिली के लिए इस बैट के साथ मैदान पर जाना और भी आसान हो गया। लिली के बैट को लेकर विरोध दूसरे दिन की चौथी गेंद से शुरू हुआ। लिली ने इयान बॉथम की गेंद पर स्ट्रेट ड्राइव खेला, जिस पर लिली ने तीन रन लिए। लिली के शॉट को देखकर ऑस्ट्रेलियाई कप्तान ग्रेग चैपल को लगा कि गेंद को चार रन के लिए जाना चाहिए था। लेकिन ऐसा नहीं हुआ इसीलिए चैपल ने 12वें खिलाड़ी रोडनी हॉग को लिली के पास भेजा और उन्हें लकड़ी के बल्ले से खेलने के लिए कहा। जब ये सब चल ही रहा था कि इंग्लिश टीम के कप्तान माइक बियर्ली ने अंपायर से शिकायत की। बियर्ली ने कहा कि एल्युमिनियम का बैट लेदर की गेंद को खराब कर रहा है।
बियर्ली की शिकायत के बाद अंपायरों ने लिली को बैट बदलने को कहा। लेकिन लिली ने बैट बदलने से इंकार कर दिया और अपनी बात पर अड़ गए। इस संबंध में मैदान पर अंपायर, लिली और बियर्ली में करीब 10 मिनट तक बातचीत हुई। ऑस्ट्रेलियाई कप्तान चैपल ने इस बात को भांप लिया कि अगर ये चलता रहा तो मैच लंबे समय तक रुक जाएगा। इसीलिए वे मैदान पर आए और लिली को लकड़ी का बल्ला इस्तेमाल करने के लिए कहा। लिली जो बैट जो बदलने के सख्त खिलाफ थे उन्होंने गुस्से में आकर एल्युमिनियम के बैट को दूर फेंक दिया और अनमने मन से वो लकड़ी के बैट से खेलने पर राजी हुए और तब जाकर मैच एक बार फिर से शुरू हुआ।
(देखिए इस पूरी घटना का वीडियो)
(वीडियो साभार- यू ट्यूब)
लिली ने इसलिए इस्तेमाल किया धातु का बल्ला
डेनिस लिली अपने क्रिकेट करियर के दौरान ऑस्ट्रेलियाई टीम के सबसे ज्यादा विवादों से घिरने वाले खिलाड़ियों में से एक रहे। लेकिन एल्युमिनियम के बल्ले का इस्तेमाल उन्होंने किसी विवाद को जन्म देने के लिए नहीं किया था बल्कि उन्होंने ये काम एक मार्केटिंग स्टंट को पूरा करने के लिए था। दरअसल यह बैट लिली के दोस्त ग्रेम मोनेगन की कंपनी ने बनाया था। यह बैट परंपरागत क्रिकेट बैट के रिप्लेसमेंट के लिए बनाया गया था
मोनेगन ने एल्युमिनियम के इस बैट का निर्माण बेसबॉल के बैट को ध्यान में रखकर किया था जहां लकड़ी के बैट को एल्युमिनियम से रिप्लेस किया गया था। लिली अपने दोस्त मोनेगन की कंपनी में हिस्सेदार थे इसलिए उन्होंने एक मार्केटिंग स्टंट का पूरा करने के लिए उस बैट के साथ अंतरराष्ट्रीय टेस्ट मैच में खेलने का निर्णय लिया। हालांकि यह पहली बार नहीं था जब लिली ने एल्युमिनियम के बैट का इस्तेमाल किया था, बल्कि इस घटना के ठीक 12 दिन पहले उन्होंने इसी बैट का इस्तेमाल वेस्टइंडीज के खिलाफ टेस्ट मैच में भी किया था। लेकिन उस टेस्ट मैच में उनके बैट के खिलाफ किसी ने विरोध व्यक्त नहीं किया था।