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चेतेश्वर पुजारा ने बचपन में नहीं मनाया कोई त्योहार, वजह जानकर चौंक जाएंगे आप

पुजारा ने एक बेहतरीन क्रिकेटर बनने के लिए काफी त्याग किया है।

By Sanjay SavernEdited By: Published: Fri, 25 Jan 2019 05:12 PM (IST)Updated: Fri, 25 Jan 2019 11:50 PM (IST)
चेतेश्वर पुजारा ने बचपन में नहीं मनाया कोई त्योहार, वजह जानकर चौंक जाएंगे आप
चेतेश्वर पुजारा ने बचपन में नहीं मनाया कोई त्योहार, वजह जानकर चौंक जाएंगे आप

नई दिल्ली, जेएनएन। भारतीय टेस्ट टीम के बेहतरीन बल्लेबाज चेतेश्वर पुजारा 31 वर्ष के हो गए। पुजारा की तुलना अक्सर राहुल द्रविड़ से की जाती है। पुजारा भारतीय टीम के उन भरोसेमंद बल्लेबाजों में शुमार है जिन पर कप्तान काफी भरोसा करते हैं और उन्होंने कई अहम मौकों पर टीम के संकट से बाहर निकाला है और हारी हुई बाजी को पलट दिया है। हाल ही में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टेस्ट सीरीज में पुजारा ने सबसे ज्यादा रन बना और कंगारू टीम के खिलाफ तीन बेहतरीन शतक भी लगाए। भारत ने पहली बार ऑस्ट्रेलिया में टेस्ट सीरीज में जीत दर्ज की और इसमें पुजारा की भी बड़ी भूमिका रही। पुजारा जिस एकाग्रता के साथ बल्लेबाजी करते हैं वो कमाल का है और दुनिया के कई पूर्व दिग्गज क्रिकेटर्स उनकी इस गुण की खूब तारीफ करते हैं। पुजारा ने क्रिकेट में ये मुकाम हासिल करने के लिए बहुत से त्याग किए हैं। 

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पुजारा के पिताजी काफी सख्त थे और इसकी वजह से उन पर काफी पाबंदिया लगी थीं। पुजारा को सिर्फ क्रिकेट खेलने और पढ़ने की की इजाजत थी। उन्हें कोई भी त्योहार चाहे वो होली हो या फिर दिवाली मनाने की इजाजत नहीं थी। होली खेलने पर इसलिए पाबंदी थी कि कहीं रंगों से उनकी आंखें ना खराब हो जाए। दिवाली पर भी उनके पिता पटाखा नहीं चलाने देते थे। उन्हें लगता था कि कहीं पटाखों से पुजारा को कोई नुकसान ना पहुंच जाए। 

यहीं नहीं उनके पिताजी उन्हें गरबा खेलने की इजाजत भी नहीं देते थे। वो गरबा देख सकते थे पर खेलने पर मनाही थी। इसके अलावा पुजारा पर कई अन्य पाबंदियां थी जैसे कि वो टेनिस बॉल से क्रिकेट नहीं खेल सकते थे। पुजारा के पिता के मुताबिक लेदर बॉल और टेनिस बॉल की बाउंस में काफी अंतर होता है जिसकी वजह से उनका खेल खराब हो सकता था। इसकी वजह से उनके पिता उन्हें टेनिस बॉल से क्रिकेट खेलने के मना करते थे। हालांकि क्रिकेट के लिए पुजारा ने जो त्याग किया और जिस तरह के अनुशासन का पालन किया वो सबसे बस की बात नहीं थी। इसके अलावा पुजारा के पिता ने भी उनकी भलाई के लिए और उन्हें बेहतरीन खिलाड़ी बनाने के लिए काफी मेहनत की। आज पुजारा भारतीय टेस्ट टीम के अहम बल्लेबाज हैं और उनका प्रदर्शन ये दर्शाता है कि उनकी जगह कहां पर है। 

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