भारतीय पिच नहीं इंग्लैंड की बल्लेबाजी खराब है, शर्मनाक हार पर ना बनाए बहाना
भारत के खिलाफ इंग्लैंड पहला मैच छोड़कर बाकी तीनों मुकाबले में स्पिनर के आगे बेबस नजर आई। टीम की हार के बाद इंग्लैंड के पूर्व क्रिकेटर नरेंद्र मोदी स्टेडियम पिच की आलोचना कर रहे हैं लेकिन वो यह भूल गए कि भारतीय टीम ने भी इसी पिच पर खेला।
नई दिल्ली, जेएनएन। भारतीय क्रिकेट टीम ने इंग्लैंड के खिलाफ चार मैचों की टेस्ट सीरीज को 3-1 से जीता और वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल में जगह पक्की की। भारत के खिलाफ इंग्लैंड की टीम पहला मैच छोड़कर बाकी तीनों मुकाबले में स्पिनर के आगे बेबस नजर आई। टीम की हार के बाद इंग्लैंड के पूर्व क्रिकेटर नरेंद्र मोदी स्टेडियम पिच की आलोचना कर रहे हैं लेकिन वो यह भूल गए कि भारतीय टीम ने भी इसी पिच पर खेला।
टॉस जीतकर भी नहीं उठाया फायदा
पिछली दोनों ही टेस्ट में इंग्लैंड के कप्तान जो रूट ने टॉस जीता लेकिन इसका फायदा उनकी टीम नहीं उठा पाई। सीरीज के तीसरे टेस्ट मैच में इंग्लैंड की टीम पहली पारी में 112 रन तो दूसरी में महज 81 रन पर ही सिमट गई। चौथे मैच में भी टीम बड़ा स्कोर नहीं खड़ा कर पाई। पहली पारी में 205 जबकि दूसरी में तो टीम 135 रन पर ही ढेर हो गई।
भारतीय बल्लेबाजों ने बनाए रन
जिस पिच को इंग्लैंड के पूर्व क्रिकेटरों ने सवाल उठाए उसी पिच पर भारतीय टीम के बल्लेबाजों ने भी खेली। रोहित शर्मा, रिषभ पंत, वॉशिंग्टन सुंदर और अक्षर पटेल ने दिखाया कि पिच में ऐसा कुछ नहीं जिसको लेकर हौवा बनाया जाए। रोहित ने चेन्नई में पहली पारी में शतक बनाया तो दूसरी में अर्धशतक जमाया। अहमदाबाद में रिषभ ने शतक बनाया तो वहीं सुंदर ने 94 और अक्षर ने 46 रन बनाए।
पिच दोनों टीम के लिए एक समान
इंग्लैंड के पूर्व कप्तान माइकल वॉन ने तो हद ही कर दी तब मिट्टी खोदकर उस पर बल्ला लेकर उतरे और उसकी तुलना भारत की पिच से की। पिच को लेकर किचकिच करने वाला तमाम आलोचक शायद यह भूल गए कि भारत भी विदेशी धरती पर हरी घास से भरी पिच पर खेलता है। घरेलू टीम अपने मजबूत पक्ष के हिसाब से ही पिच बनवाती है और इसमें गलत कुछ नहीं। फिर ऐसा तो नहीं कि मेहमान टीम को किसी और पिच पर गेंदबाजी की जाती है और घरेलू टीम को कोई आसान पिच दी जाती है। एक ही पिच पर दोनों टीम खेलती है और इसमें एक को हार मिलती है तो मतलब साफ है वह टीम इस लायक नहीं की जीत पाए।