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ये वनडे सीरीज कुछ मायनों में रही बेहद खास, ये हैं दिल जीतने वाले 5 दिलचस्प कारण

जिम्बाब्वे के खिलाफ तीनों वनडे मैचों की सीरीज में भारत ने क्लीन स्वीप कर दिया है। आइए जानते हैं कि ये सीरीज भारत के लिए क्यों खास रही और जिंबाब्वे के लिए क्यों शर्मनाक।

By sanjay savernEdited By: Published: Wed, 15 Jun 2016 03:26 PM (IST)Updated: Thu, 16 Jun 2016 09:01 PM (IST)
ये वनडे सीरीज कुछ मायनों में रही बेहद खास, ये हैं दिल जीतने वाले 5 दिलचस्प कारण

हरारे। भारत और जिंबाब्वे के बीच आज सीरीज का तीसरा व अंतिम वनडे मैच खेला गया जिसमें भारत ने लगातार तीसरी जीत दर्ज करकेे क्लीन स्वीप किया। आइए जानते हैं कि क्या रही इस सीरीज से जुड़ी खास बातें और वो चीजें जो भारतीय क्रिकेट के भविष्य को सुनहरा बनाने की ओर इशारा करती हैंं और जिंबाब्वे को अपने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट भविष्य पर एक बार फिर सोचने पर मजबूर करती हैं।

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तीन कप्तान, तीन क्लीन स्वीप

भारत ने आज से तीन साल पहले जिंबाब्वे में विराट कोहली की अगुआइ में 5-0 से क्लीन स्वीप किया था जबकि उसके दो साल के बाद यानी पिछले साल 2015 में भारत ने जिंबाब्वे में फिर से क्लीन स्वीप किया लेकिन तब कप्तान अजिंक्य रहाणे रहे और इस बार भारत ने फिर 3-0 से क्लीन स्वीप किया, अब धौनी की कप्तानी में। यानी तीन कप्तान और चार सालों के अंदर तीन क्लीन स्वीप, और तीनों जिंबाब्वे में।

ये खास बात रही तीनों वनडे मैचों में

भारतीय गेंदबाजों ने जिम्बाब्वे के खिलाफ तीनों वनडे मैचों में कमाल की गेंदबाजी करते हुए उनके सभी बल्लेबाजों को आउट किया। पहले और तीसरे मैच में जिम्बाब्वे के दसों बल्लेबाज आउट हुए, हालांकि दूसरे वनडे में सिर्फ 9 विकेट ही गिरे क्योंकि एक बल्लेबाज चोटिल होने की वजह से बल्लेबाजी करने मैदान पर नहीं उतरा।

स्पिनर और तेज गेंदबाज सभी रहे असरदार

तीन वनडे मैचों की सीरीज के दौरान जिम्बाब्वे के खिलाफ भारतीय टीम के तेज गेंदबाज और स्पिनर सभी का प्रदर्शन काबिले तारीफ रहा। तीनों वनडे मैचों में भारतीय तेज गेंदबाजों ने 18 जबकि स्पिनर्स ने 9 विकेट लिए। एक तरफ जहां तेज गेंदबाज धवल कुलकर्णी, बरिंदर सरन और जसप्रीत बुमराह ने तो दूसरी तरफ युजवेंद्र चहल और अक्षर पटेल ने अपनी छाप छोड़ी।

200 का आंकड़ा नहीं छू पाया जिम्बाब्वे

भारतीय टीम का प्रदर्शन इतना लाजबाव रहा कि अपनी ही धरती पर मेजबान टीम 200 रन का आंकड़ा भी नहीं छू पाई। पहले वनडे में जिम्बाब्वे ने 168, दूसरे में 126 और तीसरे वनडे मैच में महज 123 रन बनाकर आउट हो गई।

लोकेश के रूप में मिला एक और वनडे धुरंधर

अब तक लोकेश राहुल को सभी टेस्ट क्रिकेट का धुरंधर मानते थे लेकिन जब उन्हें इस बार वनडे क्रिकेट टीम में मौका मिला तो पहले ही मुकाबले में उन्होंने अपना दम दिखाया। लोकेश ने इस सीरीज के पहले वनडे के जरिए वनडे करियर का आगाज किया और वो भी एक शानदार शतक के साथ। आने वाले दिनों में वो वनडे टीम में एक नए चेहरे के रूप में देखे जा सकते हैं।

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