IND vs ENG: इंग्लैंड के गेंदबाज नहीं बल्कि ये गेंद कर रही है टीम इंडिया को परेशान
जब इंग्लैंड में बादल छाए हों तो ये ड्यूक गेंद अंदर और बाहर दोनों तरफ स्विंग करती है और यही इसकी सबसे बड़ी खासियत है।
नॉटिंघम,अभिषेक त्रिपाठी। अगर आप यह सोचते हैं कि जेम्स एंडरसन, स्टुअर्ट ब्रॉड, सैम कुर्रन, क्रिस वोक्स और बेन स्टोक्स जैसे इंग्लिश गेंदबाज भारतीय बल्लेबाजों के लिए सबसे बड़ी समस्या हैं, तो आप गलत हैं।
अगर इनके हाथ में लाल ड्यूक गेंद ना हो तो वे इंग्लिश कंडीशन में भारतीय बल्लेबाजों के सामने इतनी बड़ी समस्या नहीं बन पाएंगे। लाल ड्यूक गेंद का इस्तेमाल इंग्लैंड में होने वाले टेस्ट मैचों में किया जाता है। इसकी सिलाई, स्विंग और उछाल टीम इंडिया सहित सभी विदेशी टीमों को चक्कर में डाल देती है।
इस गेंद के सामने बड़े-बड़े बल्लेबाज पानी भरते हैं और जब तक कुछ ओवर बाकी हैं तब तक नतीजा निकलने की संभावना बनी रहती है। इंग्लैंड में ड्यूक गेंद, ऑस्ट्रेलिया में कूकाबुरा और भारत में एसजी की गेंद से टेस्ट मैच खेले जाते हैं। जब इंग्लैंड में बादल छाए हों तो ये ड्यूक गेंद अंदर और बाहर दोनों तरफ स्विंग करती है और यही इसकी सबसे बड़ी खासियत है।
गेंद के पीछे भारतीय दिमाग
73 वर्षीय दिलीप जजोदिया 1962 में भारत से इंग्लैंड पहुंचे। उनकी कंपनी मॉरेंट क्रिकेट का सामान बनाने लगी। 1760 में बनी ड्यूक कंपनी को जब उन्हें खरीदने का मौका मिला तो, उन्होंने इसे झट से लपक लिया। जजोदिया टेस्ट क्रिकेटर बनना चाहते थे लेकिन ऐसा नहीं हो सका। अब वह बॉल मैन हैं, वह भी एक ऐसी गेंद बनाने वाले, जो भारतीयों के लिए ही समस्या बनी रहती है। वह अपने हाथों से इंग्लैंड के प्रत्येक टेस्ट के लिए 12 गेंदें चुनते हैं। इनका ही प्रयोग उस टेस्ट में किया जाता है।
अद्भुत सिलाई
जजोदिया कहते हैं कि एक व्यक्ति को एक टेस्ट गेंद की सिलाई करने में तीन से साढ़े तीन घंटे लगते हैं। जब मैं किसी गेंद की सिलाई देखता हूं तो मुझे पता चल जाता है कि मेरी फैक्ट्री के किस व्यक्ति ने की है। जैसे कोई हाथों की लिखावट को पहचानता है ये वैसा ही कुछ है। लोग एक बल्ले के लिए 1000 पाउंड तक खर्च कर देते हैं लेकिन उन्हें गेंद पांच पाउंड की ही चाहिए।
इंग्लिश गेंदबाज जेम्स एंडरसन वर्तमान क्रिकेट के सबसे बड़े स्विंगर हैं। उनके हाथ में जब ड्यूक गेंद होती है तो सामने वाले बल्लेबाज के पसीने आ जाते हैं। यह गेंद बहुत देर तक पुरानी नहीं होती है, इसलिए इसमें रिवर्स स्विंग नहीं मिलती। माइक अथर्टन, कुमार संगाकारा ही नहीं अधिकतर समय तक कूकाबुरा से खेलने वाले पूर्व ऑस्ट्रेलियाई कप्तान रिकी पोंटिंग ने ऑस्ट्रेलियाई घरेलू क्रिकेट में ड्यूक गेंद के इस्तेमाल की सिफारिश की।
जजोदिया ने कहा कि जब कोई क्रिकेट बोर्ड उनसे गेंद में बदलाव करने को कहता है तो वह कहते हैं यह विश्व की सर्वश्रेष्ठ क्रिकेट गेंद है। अगर आप इसे चाहते हैं तो हम बेचने के लिए खुश हैं, लेकिन हम कोई बदलाव नहीं करेंगे। उन्होंने कहा कि लंदन स्थित इस फैक्ट्री से तब तक कोई गेंद बाहर नहीं जाती जब तक मैं उसे एप्रूव नहीं कर देता।